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'न्यायिक दुर्गति के साक्षात उदाहरण हैं लालू यादव' लैंड फॉर जॉब में कोर्ट से झटका मिलने पर JDU का तंज - LAND FOR JOB SCAM

लैंड फॉर जॉब में लालू परिवार के खिलाफ समन जारी किया गया है. इसपर जदयू ने लालू यादव पर जमकर निशाना साधा.

Land For Job Case
लालू यादव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 25, 2025, 4:55 PM IST

पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार को झटका लगा है. 11 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. जमीन के बदले नौकरी के मामले में यह केस लंबे समय से चल रहा है. सीबीआई की ओर से चार्ज शीट के बाद दिल्ली की रेवेन्यू कोर्ट ने सम्मन जारी किया है.

'लालू यादव पर नहीं पड़ेगा असर': कोर्ट की ओर से सम्मन जारी किए जाने पर जदयू ने लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा लालू जी को इससे कोई असर पड़ेगा क्या? कहा कि लालू जी तो न्यायिक दुर्गति के साक्षात उदाहरण हैं. सामाजिक न्याय के नाम पर जो फरेब इन्होंने किया. संपत्ति संग्रह किया यह किसी से नहीं छुपा है.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार (ETV Bharat)

"पटना में लालू यादव ने 468 करोड़ की संपत्ति संग्रह किया है. लालू यादव ऐसे पिता हैं जिन्होंने नाबालिक बच्चों को भी अभियुक्त बना दिया. लालू जी ने सोचा हम अकेले क्यों फंसेंगे इसलिए पूरे परिवार को लपेटे में ले लिया." -नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, JDU

क्या है मामला ?: साल 2004-2009 में लालू यादव जब रेल मंत्री थी तो इस दौरान रेल मंत्रालय में नौकरी में घोटाला किया गया था. लालू यादव और इनके परिवार पर आरोप है कि नौकरी के बदले इन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन ली थी. यह जमीन बिहार और यूपे के इलाकों के लोगों से ली गयी जो लालू यादव के परिवार के नाम पर किया गया.

कौन-कौन आरोपी?: इस घोटाला में लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव शामिल है. इस मामले की जांच 2017 से सीबीआई कर रही है. पिछले साल 2024 में 7 अक्टटूबर को सभी आरोपियों को जमानत मिल गयी थी. इसी मामले में 11 मार्च को सुनवाई होनी है.

जदयू को भी लगा झटका: इधर, सुनील सिंह के एमएलसी सदस्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जदयू को बड़ा झटका लगा है. सुनील सिंह के बदले उपचुनाव की भी तैयारी हो गयी थी. जदयू के तरफ से ललन प्रसाद को उम्मीदवार भी बना दिया गया था लेकिन घोषणा बांकी थी. कोर्ट के फैसले के बाद जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को जवाब देते नहीं बन रहा है.

क्या है मामला?: बता दें कि राजद एमएलसी सुनील कुमार की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इनकी सदस्यता बहाल कर दी गयी है. इन्होंने साल 2024 के 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार को पलटू कहा था. इसी कारण सदन ने इनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है.

ये भी पढ़ें: 'पलटू राम कहना इतना बड़ा अपराध नहीं है' सुनील सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा-'सत्यमेव जयते'

पटना: लैंड फॉर जॉब मामले में लालू परिवार को झटका लगा है. 11 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है. जमीन के बदले नौकरी के मामले में यह केस लंबे समय से चल रहा है. सीबीआई की ओर से चार्ज शीट के बाद दिल्ली की रेवेन्यू कोर्ट ने सम्मन जारी किया है.

'लालू यादव पर नहीं पड़ेगा असर': कोर्ट की ओर से सम्मन जारी किए जाने पर जदयू ने लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा है. जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा लालू जी को इससे कोई असर पड़ेगा क्या? कहा कि लालू जी तो न्यायिक दुर्गति के साक्षात उदाहरण हैं. सामाजिक न्याय के नाम पर जो फरेब इन्होंने किया. संपत्ति संग्रह किया यह किसी से नहीं छुपा है.

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार (ETV Bharat)

"पटना में लालू यादव ने 468 करोड़ की संपत्ति संग्रह किया है. लालू यादव ऐसे पिता हैं जिन्होंने नाबालिक बच्चों को भी अभियुक्त बना दिया. लालू जी ने सोचा हम अकेले क्यों फंसेंगे इसलिए पूरे परिवार को लपेटे में ले लिया." -नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, JDU

क्या है मामला ?: साल 2004-2009 में लालू यादव जब रेल मंत्री थी तो इस दौरान रेल मंत्रालय में नौकरी में घोटाला किया गया था. लालू यादव और इनके परिवार पर आरोप है कि नौकरी के बदले इन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन ली थी. यह जमीन बिहार और यूपे के इलाकों के लोगों से ली गयी जो लालू यादव के परिवार के नाम पर किया गया.

कौन-कौन आरोपी?: इस घोटाला में लालू यादव, पत्नी राबड़ी देवी, बेटा तेजस्वी यादव, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव शामिल है. इस मामले की जांच 2017 से सीबीआई कर रही है. पिछले साल 2024 में 7 अक्टटूबर को सभी आरोपियों को जमानत मिल गयी थी. इसी मामले में 11 मार्च को सुनवाई होनी है.

जदयू को भी लगा झटका: इधर, सुनील सिंह के एमएलसी सदस्यता मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जदयू को बड़ा झटका लगा है. सुनील सिंह के बदले उपचुनाव की भी तैयारी हो गयी थी. जदयू के तरफ से ललन प्रसाद को उम्मीदवार भी बना दिया गया था लेकिन घोषणा बांकी थी. कोर्ट के फैसले के बाद जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार को जवाब देते नहीं बन रहा है.

क्या है मामला?: बता दें कि राजद एमएलसी सुनील कुमार की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इनकी सदस्यता बहाल कर दी गयी है. इन्होंने साल 2024 के 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार को पलटू कहा था. इसी कारण सदन ने इनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गयी है.

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