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'हेलिकॉप्टर को ट्रैक्टर बनाने का फॉर्मूला बिहार के किसानों को बताएं..' तेजस्वी पर सैलरी घोटाले का आरोप लगाकर बिफरी JDU

तेजस्वी यादव पर जेडीयू ने सैलरी घोटाले का आरोप लगाया है. इस मामले में पार्टी चुनाव आयोग भी पहुंची लेकिन क्या चुनाव आयोग कार्रवाई करेगा?

एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप
एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

पटना : जदयू की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर सैलरी घोटाला का आरोप लगाया गया है. इसको लेकर चुनाव एक आयोग से शिकायत भी की गई है. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम रहते अपनी सैलरी कम दिखाई है और 5 साल में जितना इनकम हुआ है, उससे अधिक लोन दिया है. हालांकि राजद के नेता साफ कह रहे हैं की सैलरी कोई छिपा नहीं सकता है जो इस तरह की बात कर रहे हैं. उन्हें समझ नहीं है. वहीं संविधान के विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि चुनाव आयोग इस मामले में कुछ कर नहीं सकता है. यदि वित्तीय अनियमितता की गई है तो इस मामले में कोर्ट की तरफ से ही कुछ हो सकता है.

एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप : जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर 2015 में और 2020 में एफिडेविट में कम सैलरी दिखाया है. नीरज का दावा है कि यह एक तरह से सैलरी घोटाला है. जेडीयू प्रवक्ता का यह भी कहना है कि 5 साल में तेजस्वी यादव को जितनी आय हुई है, उससे अधिक उन्होंने लोन दिया है. नेता प्रतिपक्ष अपने पहले विधानसभा चुनाव-2015 के शपथ-पत्र में बताया कि उनका वार्षिक 5 लाख 8 हजार 19 रुपया है, जबकि साल-2015 में ही उन्होंने अलग-अलग लोगों को 1 करोड़ 13 लाख रुपये का ऋण दिया.

एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप (ETV Bharat)

क्या हैं जेडीयू के आरोप : विधायक का कार्यकाल पूरा करने के उपरान्त लड़ रहे विधानसभा चुनाव-2020 में उनका वार्षिक आय (2018-19) घटकर 1 लाख 41 हजार 750 रूपया हो गया यानि 11 हजार 812 रुपया 50 पैसा मासिक. जबकि एक विधायक का हर माह बेसिक वेतन 40 हजार रुपये था. यानि सालाना 4 लाख 80 हजार रुपये होता है. वेतन अब बढ़ कर ₹50000 हो गया है. अब सवाल यह है कि 11 हजार 812 रुपया 50 पैसा मासिक कमाने वाला कोई व्यक्ति चार्टर प्लेन में अपना जन्मदिन की पार्टी कैसे कर लेता है? विदेश कैसे घूम लेता है, हेलीकाॅप्टर को टैक्टर कैसे बना देता है? नेता प्रतिपक्ष केा इतने कम पैसों में प्लेन में पार्टी मनाने एवं विदेश घूमने की विधि बिहार के युवाओं को और हेलीकाॅप्टर को टैक्टर बनाने का फाॅर्मूला बिहार के किसानों को भी बताना चाहिए.

'आय से ज्यााद बांट दिया लोन' : नीरज कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पंचवर्षीय घोषित आय 89 लाख 75 हजार 360 रुपये ही है तो फिर उन्होंने 4 करोड़ 10 लाख रुपये का ऋण लोगों को कहां से दे दिये. आय से अधिक 3 करोड़ 20 लाख 24 हजार 640 रुपये लोगों को ऋण देने के लिए कहां से आया? नीरज ने कहा चुनाव आयोग से हम लोगों ने शिकायत की है कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : संविधान के विशेषज्ञ पटना हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आलोक कुमार सिन्हा का कहना है कि 2015 में एफिडेविट दिया गया अब वह बात पुरानी हो गई है और इस मामले में चुनाव आयोग कुछ कर नहीं सकता है. यदि इस मामले को कोर्ट में ले जाया जाता है, तभी संभव है कि कोर्ट की तरफ से कोई कार्रवाई हो.

''देश में कोई भी सैलरी को छिपा नहीं सकता है. कभी मिस्टेक से वेतन विसंगति की खबरें जरूर सुनने में आता है. जब तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री रहते मुख्यमंत्री को एफिडेविट दिया था तो सीएम हाउस और मुख्यमंत्री को दिखा नहीं था जो लोग भी सैलरी घोटाले की बात कर रहे हैं उन्हें समझ नहीं है. इस मामले में जो भी लीगल एक्शन होगा हम लोग लेंगे.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

तेजस्वी की छवि पर पड़ सकता है असर : बिहार में चार सीटों पर विधानसभा का उप चुनाव होना है. झारखंड में भी विधानसभा का चुनाव होना है और 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होगा. विपक्ष की ओर से तेजस्वी यादव के हाथ में कमान होगी. जानकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव की छवि इससे धूमिल हो सकती है, लेकिन यह भी सही है कि राजद की तरफ से कड़ा विरोध जदयू के आरोप पर नहीं किया गया है. इसीलिए जदयू इस मामले को तूल देने में लगा है.

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एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप : जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर 2015 में और 2020 में एफिडेविट में कम सैलरी दिखाया है. नीरज का दावा है कि यह एक तरह से सैलरी घोटाला है. जेडीयू प्रवक्ता का यह भी कहना है कि 5 साल में तेजस्वी यादव को जितनी आय हुई है, उससे अधिक उन्होंने लोन दिया है. नेता प्रतिपक्ष अपने पहले विधानसभा चुनाव-2015 के शपथ-पत्र में बताया कि उनका वार्षिक 5 लाख 8 हजार 19 रुपया है, जबकि साल-2015 में ही उन्होंने अलग-अलग लोगों को 1 करोड़ 13 लाख रुपये का ऋण दिया.

एफिडेविट में कम सैलरी दिखाने का आरोप (ETV Bharat)

क्या हैं जेडीयू के आरोप : विधायक का कार्यकाल पूरा करने के उपरान्त लड़ रहे विधानसभा चुनाव-2020 में उनका वार्षिक आय (2018-19) घटकर 1 लाख 41 हजार 750 रूपया हो गया यानि 11 हजार 812 रुपया 50 पैसा मासिक. जबकि एक विधायक का हर माह बेसिक वेतन 40 हजार रुपये था. यानि सालाना 4 लाख 80 हजार रुपये होता है. वेतन अब बढ़ कर ₹50000 हो गया है. अब सवाल यह है कि 11 हजार 812 रुपया 50 पैसा मासिक कमाने वाला कोई व्यक्ति चार्टर प्लेन में अपना जन्मदिन की पार्टी कैसे कर लेता है? विदेश कैसे घूम लेता है, हेलीकाॅप्टर को टैक्टर कैसे बना देता है? नेता प्रतिपक्ष केा इतने कम पैसों में प्लेन में पार्टी मनाने एवं विदेश घूमने की विधि बिहार के युवाओं को और हेलीकाॅप्टर को टैक्टर बनाने का फाॅर्मूला बिहार के किसानों को भी बताना चाहिए.

'आय से ज्यााद बांट दिया लोन' : नीरज कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का पंचवर्षीय घोषित आय 89 लाख 75 हजार 360 रुपये ही है तो फिर उन्होंने 4 करोड़ 10 लाख रुपये का ऋण लोगों को कहां से दे दिये. आय से अधिक 3 करोड़ 20 लाख 24 हजार 640 रुपये लोगों को ऋण देने के लिए कहां से आया? नीरज ने कहा चुनाव आयोग से हम लोगों ने शिकायत की है कार्रवाई करने के लिए चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : संविधान के विशेषज्ञ पटना हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आलोक कुमार सिन्हा का कहना है कि 2015 में एफिडेविट दिया गया अब वह बात पुरानी हो गई है और इस मामले में चुनाव आयोग कुछ कर नहीं सकता है. यदि इस मामले को कोर्ट में ले जाया जाता है, तभी संभव है कि कोर्ट की तरफ से कोई कार्रवाई हो.

''देश में कोई भी सैलरी को छिपा नहीं सकता है. कभी मिस्टेक से वेतन विसंगति की खबरें जरूर सुनने में आता है. जब तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री रहते मुख्यमंत्री को एफिडेविट दिया था तो सीएम हाउस और मुख्यमंत्री को दिखा नहीं था जो लोग भी सैलरी घोटाले की बात कर रहे हैं उन्हें समझ नहीं है. इस मामले में जो भी लीगल एक्शन होगा हम लोग लेंगे.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

तेजस्वी की छवि पर पड़ सकता है असर : बिहार में चार सीटों पर विधानसभा का उप चुनाव होना है. झारखंड में भी विधानसभा का चुनाव होना है और 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होगा. विपक्ष की ओर से तेजस्वी यादव के हाथ में कमान होगी. जानकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव की छवि इससे धूमिल हो सकती है, लेकिन यह भी सही है कि राजद की तरफ से कड़ा विरोध जदयू के आरोप पर नहीं किया गया है. इसीलिए जदयू इस मामले को तूल देने में लगा है.

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