पटना : जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व विधायक राजीव रंजन का निधन हो गया है. दिल्ली के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. सीने में शिकायत को लेकर वह अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां गुरुवार को उनका निधान हो गया. राजीव रंजन के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. राजीव रंजन जदयू में दोहरी भूमिका निभा रहे थे. एक राष्ट्रीय प्रवक्ता की और दूसरा राष्ट्रीय महासचिव की. नीतीश कुमार ने उन्हें 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी दी थी, लेकिन अचानक निधन से पार्टी के लोगों को बड़ा धक्का लगा है.
राजीव रंजन का निधन : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजीव रंजन के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि राजीव रंजन एक कुशल राजनीतिज्ञ एवं प्रसिद्ध समाजसेवी थे. उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूर्णिय क्षति हुई है. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन जी का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है।
— Janata Dal (United) (@Jduonline) July 25, 2024
जनता दल (यूनाइटेड) परिवार की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की… pic.twitter.com/59eNIj336P
संजय झा-नीरज कुमार ने जताया दु:ख : पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा के सांसद संजय झा केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, पार्टी के प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार सहित जदयू के नेताओं ने राजीव रंजन के निधन से पार्टी को बड़ी क्षति होने की बात कही है.
जनता दल (यू०) के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता मान्यवर राजीव रंजन सिंह जी का निधन अत्यंत दुखद।
— Neeraj kumar (@neerajkumarmlc) July 25, 2024
ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करें।@Jduonline pic.twitter.com/GmQzYDNkCM
5 दिन पहले बनाया गया था राष्ट्रीय महासचिव : बता दें कि राजीव रंजन को हाल ही में नीतीश कुमार ने पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया था. 2010 में जदयू के टिकट पर इस्लामपुर से विधायक चुने गए थे. हालांकि 2014 में राजीव रंजन नीतीश कुमार से नाराज होकर भाजपा में चले गए थे, लेकिन 15 जनवरी 2023 में फिर से जदयू में उनकी वापसी हो गई.
नीतीश के खासमखास थे राजीव रंजन : राजीव रंजन नालंदा जिले के रहने वाले थे और कुर्मी जाति से आते थे. नालंदा जिले में अच्छी पकड़ होने के कारण ही कभी नीतीश कुमार के खासम खास भी रहे थे. इस बार लोकसभा चुनाव में नालंदा से उनके चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी. लेकिन नीतीश कुमार ने कौशलेंद्र कुमार को ही फिर से लोकसभा का चुनाव लड़ाया और जीते भी.
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