पटना: पटना हाईकोर्ट ने जदयू एमएलसी राधाचरण साह उर्फ राधाचरण सेठ को मनी लॉन्डरिंग मामले में नियमित जमानत दी है. जस्टिस डॉ. अंशुमान ने अधिवक्ता एसडी संजय एवं केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डॉक्टर के.एन. सिंह को सुनने के बाद यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसडी संजय ने कोर्ट में दलील दी थी कि उनके क्लाइंट के विरुद्ध मनी लॉन्डरिंग का कोई मामला नहीं बनता है.
"ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि याचिकाकर्ता ने कंपनी में कोई निवेश किया है. आरोप पत्र में कुल 56 गवाह हैं, जिनकी गवाही में काफी समय लग सकता है. इस मामले में अधिकतम सात वर्ष की सजा हो सकती है, ऐसी स्थिति में अभियुक्त को नियमित जमानत पर रिहा किया जाए."- एसडी संजय, JDU MLC के अधिवक्ता
ईडी का क्या है आरोपः सेठ को बालू के अवैध खनन मामले में ईडी ने 14 सितम्बर, 2023 को गिरफ्तार किया था. इस मामले में जांच एजेंसी ने जांच के बाद आरोप पत्र समर्पित कर चुकी है. इस मामले में राधा चरण साह के साथ उनके पुत्र कन्हैया प्रसाद को भी गिरफ्तार किया गया था. इन दोनों पर एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ बालू का अवैध कारोबार करने का आरोप लगा था. कथित रूप से बालू के कारोबार से अकूत संपत्ति जमा की है.
पीएमएलए के तहत हुई थी कार्रवाईः आरा में ईडी ने जदयू एमएलसी राधा चरण साह को गिरफ्तार किया था. सूत्रों के अनुसार आरा में फार्म हाउस से MLC की गिरफ्तारी की गई थी. बताया जा रहा है कि JDU MLC राधाचरण साह की गिरफ्तारी अवैध अकूत संपत्ति मामले में हुई थी. राधा चरण साह से लम्बी पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था. यह कार्रवाई PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत की गई थी.
आरा स्टेशन के बाहर बेचते थे जलेबी: आईटी और ईडी ने जब जेडीयू एमएलसी के आय के स्रोतों की जांच की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. जांच में पता चला कि राधाचरण साह 80 के दशक में आरा स्टेशन के बाहर जलेबी बेचा करते थे. आज उनके पास करोड़ों की संपत्ति है. राधाचरण सेठ के करीब 60 बैंक अकाउंट फ्रीज किए जा चुके हैं.
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