पटना: बिहार में चरवाहा विद्यालयों को लेकर सियासत शुरू है. जदयू और राजद नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है. एनडीए के नेता लालू-राबड़ी शासनकाल का जिक्र कर आरजेडी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने लालू परिवार को घेरते हुए मीसा भारती और रोहिणी आचार्य से सवाल पूछा है कि उनलोगों ने चरवाहा विद्यालय में कब नामांकन लिया था.
चरवाहा विद्यालय को लेकर लालू पर हमला: जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जो स्थान बीज तैयार करने वाले किसानों को समर्पित था, वहां चरवाहा विद्यालय बना दिया गया. ऐसे में लालू यादव को यह बताना चाहिए कि चरवाहा विद्यालय बनाने का क्या फायदा हुआ? उस विद्यालय से कितने छात्र इंजीनियरिंग परीक्षा पास किये ? कितने मेडिकल में गये ? कितने यूपीएससी पास किये ?
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में कृषि प्रक्षेत्र के उन जमीनों पर बीज उत्पादन किया गया. नए बीज का प्रसंस्करण किया गया. उन बीजों के बदौलत ही कर्मण पुरस्कार सहित कई तरह के पुरस्कार से लोगों को नवाजा गया है. लालू यादव के कार्यकाल में खुलने वाला चरवाहा विद्यालय का फलाफल क्या हुआ, यह उनके पिता को बताना चाहिए."- नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
रोहिणी और मीसा से पूछा सवाल: नीरज कुमार ने यह भी पूछा कि मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ने चरवाहा विद्यालय में कब नाम लिखाया था, इसकी भी जानकारी दें. नीरज ने तंज कसते हुए कहा कि गरीबों के बेटा को चरवाहा बना दें और अपने बेटे को कान्वेंट में पढ़ाया यही नजरिया का अंतर है.
पोस्टर जारी कर राजद सरकार की गिनाई कमियां: नीरज कुमार ने पति-पत्नी के राज के 15 साल में राजकीय कृषि प्रक्षेत्र को बंद कर 113 चरवाहा विद्यालय खोलने और नीतीश कुमार के राज में 239 किसी प्रक्षेत्र पर बीज उत्पादन करने से संबंधित पोस्टर भी एक जारी किया है, जिसमें 2005-06 से लेकर 2023-24 में धान और गेहूं के उत्पादन में जो वृद्धि हुई है उसके बारे में भी आंकड़ा दिया है.
पहले भी लालू को घेर चुके हैं नीरज: बता दें कि नीरज कुमार ने 2 मई को भी चरवाहा विद्यालय को लेकर लालू परिवार को घेरा था, हालांकि राजद की तरफ से उसका जवाब भी दिया गया और कहा गया कि चरवाहा विद्यालय लालू प्रसाद यादव की गरीबों के लिये अनूठी पहल थी, जिसका अध्ययन करने विदेश से भी लोग आते थे.
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