पटना: 13 राज्यों के 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, जिसमें बिहार के भोजपुर की अगिआंव सीट भी शामिल है. अगिआंव सुरक्षित सीट पर सांतवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. जिसको लेकर जदयू ने पूर्व विधायक प्रभुनाथ प्रसाद को एक बार फिर से मैदान में उतारा है.
हत्या मामले में जा चुकी है विधायकी: बता दें कि अगिआंव विधानसभा में माले के पूर्व विधायक मनोज मंजिल को हत्या के मामले में सजा सुनाये जाने के बाद अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी. जिसके बाद वहां लोकसभा के साथ ही चुनाव कराया जा रहा है. वहीं इसका परिणाम भी 4 जून को आएगा.
माले से शिव प्रकाश रंजन हैं उम्मीदवार: बता दें कि महागठबंधन की ओर से पहले ही यह सीट माले कोटे में दे दी गई थी. इस बार माले ने शिव प्रकाश रंजन को इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब पूर्व विधायक प्रभुनाथ प्रसाद और शिव प्रकाश रंजन के बीच मुकाबला होगा. बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनने के बाद एक बार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच शक्ति प्रदर्शन भी होगा.
अगिआंव से शाहाबाद में वापसी की कोशिश: दरअसल 2020 विधानसभा चुनाव में शाहाबाद में जदयू का सूपड़ा साफ हो गया था, सभी सीटों पर मिली हार के कारण जदयू विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. अब उपचुनाव से जदयू की शाहाबाद में इस सीट से वापसी करने की कोशिश होगी. इस सीट पर जीत हासिल करने को लेकर एनडीए गठबंधन और महागठबंधन ने पूरी जोर-आजमाइश कर दी है.
अगिआंव विधानसभा उपचुनाव का कारण: बता दें कि अगिआंव विधानसभा सीट सीपीआईएमएल के पूर्व विधायक मनोज मंजिल को किसान नेता जेपी सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी. लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले किसी भी जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. इसी नियम के तहत 16 फरवरी को उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. जिसके बाद अब यहां उपचुनाव कराए जा रहे हैं.
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