पटनाः बिहार में कुछ दिन पहले जहरीली शराब पीने से छपरा, सिवान और मुजफ्फरपुर जिले में कई लोगों की मौत हो गयी थी. इसके बाद से शराबबंदी कानून को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. राष्ट्रीय जनता दल, जेडीयू पर निशाना साध रही है. दो दिन पहले राजद ने सोशल मीडिया पर JDU का मतलब 'जहां दारू अनलिमिटेड' बताया था. इसके बाद फिर राजद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से 'ओल्ड गैंग' बिहार में 'सुशासन ब्रांड दारु' के नाम से एक पोस्ट किया था. जदयू ने इस पर पलटवार किया है.
शराबबंदी पर स्टैंड क्लीयर करे राजदः आरजेडी के जदयू के नाम को लेकर किए गए पोस्ट पर बवाल मचा. जदयू ने भी राजद का नया नामकरण किया. सोशल मीडिया पर लिखा 'RJD' मतलब 'राष्ट्रीय जहरीला पार्टी'. अब जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने तेजस्वी यादव एवं राजद के नेताओं से सवाल पूछा है कि शराबबंदी को लेकर राजद का क्या स्टैंड है. राजद के लोग बिहार के लोगों के बीच जाएं और यह कहें कि वह बिहार में शराबबंदी खत्म करना चाह रहे हैं. इसी मुद्दे पर वह वोट मांगने का हिम्मत करें.
"बिहार में 2023-24 में पूर्ण शराबबंदी थी. लेकिन उस समय आरजेडी को शराब बनाने वाली कंपनियां से इलेक्टोरल बांड के जरिए 45 करोड़ रुपए चंदा मिला. सवाल यह उठता है कि जिस प्रदेश में शराब पीना और बेचना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, वहां शराब कंपनियों ने राजद को 45 करोड़ का चंदा क्यों दिया."- अंजुम आरा, जदयू प्रवक्ता
शराब कंपनी ने क्यों दिया चंदाः जदयू प्रवक्ता ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्या यह स्पष्ट नहीं है कि शराब कंपनियों को तेजस्वी यादव ने लोभ दिया होगा कि वह सरकार में शामिल हैं और जो चाहे वह कर सकते हैं. जदयू प्रवक्ता ने कहा की राबड़ी देवी के शासनकाल में पूरे देश में सबसे अधिक शराब की खपत बिहार में होती थी. 2005 में शराब की बिहार में खपत 34.5 फ़ीसदी थी, जो देश में सर्वाधिक थी. नीतीश कुमार की सरकार आई तो शराब की खपत कम हुई है, एनएफएचएस की रिपोर्ट में भी यह है.
क्यों लायी थी शराबबंदीः 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के कहने पर बिहार में शराबबंदी कानून लाया था. 50% महिला किसी न किसी घरेलू हिंसा की शिकार होती थी. जिसके पीछे मुख्य कारण शराब हुआ करती थी. यही कारण है कि नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू करवाया. तेजस्वी यादव को और राजद को यह स्पष्ट करना चाहिए महिलाओं के बीच जाकर कि वह बिहार में शराबबंदी खत्म करना चाहते हैं.
राजद का पलटवारः जदयू के शराबबंदी पर राजद को अपना रुख स्पष्ट करने के सवाल पर राजद का कहना है कि वह विपक्ष में हैं और इस मामले को उठाएंगे. राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि यह बिहार से जुड़ा हुआ मामला है, विपक्ष में है तो सवाल करेंगे ही. बिहार में कोई ऐसी जगह नहीं है चाहे वह मंदिर हो, मस्जिद हो, स्कूल हो, चौक चौराहा हर जगह शराब की बिक्री हो रही है. जहरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. क्या विपक्ष यह सब देखते हुए चुप बैठेगा.
शराब माफिया को सत्ता संरक्षणः आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता से जुड़े लोग शराब के धंधे में लिप्त हैं. उत्तर बिहार का सबसे बड़ा शराब का डिस्ट्रीब्यूटर बीजेपी से जुड़ा हुआ है. नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार में शराब के कारोबार से जुड़े कई लोग एक अणे मार्ग में जाकर मुख्यमंत्री के साथ फोटो भी खिंचवा चुके हैं. शराब से जुड़े हुए लोगों को पकड़ने के बदले इमानदार अधिकारियों का तबादला कर दिया जाता है.
"जो लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों से खुद चंदा लेते हैं वह राजद पर सवाल खड़े कर रहे। राजनीतिक दलों को कोई भी चंदा दे सकता है. जिस कंपनी की इच्छा होगी किसी भी राजनीतिक दल को चंदा दे सकता है. अडानी अंबानी से चंदा लेने वाले आज आरजेडी पर सवाल उठा रहे हैं."- शक्ति सिंह यादव, आरजेडी प्रवक्ता
2016 से पूर्ण शराबबंदी: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक अप्रैल 2016 को देसी शराब पर प्रतिबंध लगाया था. 6 अप्रैल से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई. इस कानून के तहत ना कोई शराब पी सकता था और ना ही शराब बेच सकता था. बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद रोज कहीं ना कहीं शराब के धंधे से जुड़े लोग पकड़े जा रहे हैं. रोज कहीं ना कहीं शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है. बिहार में जब शराबबंदी लागू हुई थी तो उसे समय नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार थी.
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