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माइनस 32, सिर्फ 68 पर फोकस! नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में दिखा BJP के भविष्य की राजनीति का संदेश - Nitish cabinet expansion

Social Equations In Nitish Cabinet: नीतीश कैबिनेट विस्तार में सामाजिक समीकरण की झलक साफ दिखाई दी. इसके साथ ही इसमें बीजेपी के भविष्य की रणनीति भी नजर आई. जिस तरह से यादव और मुस्लिम को छोड़कर समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है, उससे साफ है कि पार्टी 68 फीसदी वोट बैंक पर ही पूरा फोकस रखना चाहती है.

Nitish cabinet expansion
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 16, 2024, 10:32 AM IST

Updated : Mar 16, 2024, 12:08 PM IST

पटना: लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट के विस्तार को अंतिम रूप दे दिया है. नीतीश कैबिनेट विस्तार में सभी जाति वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. हालांकि कैबिनेट विस्तार में 'माय' समीकरण को झटका लगा है. नीतीश कैबिनेट में 29 मंत्री अब तक शपथ ले चुके हैं. जातिगत वोट बैंक साधने की कोशिश भी की गई है.

Nitish cabinet expansion
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मुस्लिम-यादव से बीजेपी की दूरी: मुस्लिम और यादव जाति के नेताओं को जेडीयू में जगह मिली है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम-यादव नेताओं को जगह नहीं दी है. जनता दल यूनाइटेड की ओर से बिजेंद्र यादव और जमा खान को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है लेकिन बीजेपी ने मुस्लिम और यादव पर भरोसा नहीं किया है. भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार शाहनवाज हुसैन और रामसूरत राय को मंत्रिमंडल में शामिल किया था. इस बार भी विधान पार्षद नवल किशोर यादव और शाहनवाज हुसैन प्रमुख दावेदार थे लेकिन दोनों नेताओं को जगह नहीं दी गई.

सबसे अधिक यादवों की संख्या: जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आ चुकी है और जातिगत जनगणना में सबसे अधिक आबादी यादव जाति की बताई गई है. यादव जाति की आबादी 14.3% और मुस्लिम की आबादी 17.7% है. कुल मिलाकर 32% आबादी होती है. इस वोट बैंक पर कम से कम बीजेपी को भरोसा नहीं है. ये बात दीगर है कि पार्टी ने नंदकिशोर यादव को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया है.

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लालू के साथ 'माय' समीकरण: बिहार में माना जाता है कि माय समीकरण लालू प्रसाद यादव के साथ इंटैक्ट है. एनडीए उस वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब नहीं हो सकी है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए एनडीए में माय समीकरण में डेंट की कोशिश नहीं की है.

बीजेपी कोटे से कौन-कौन बने मंत्री?: भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, मंगल पांडे, नितिन नवीन, नीरज बबलू, नीतीश मिश्रा, दिलीप जायसवाल, हरि सहनी, जनक राम, कृष्णनंदन पासवान, सुरेंद्र मेहता, संतोष कुमार सिंह और केदार प्रसाद गुप्ता को नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

जेडीयू से पुराने चेहरे रिपीट: वहीं जनता दल यूनाइटेड की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पुराने चेहरों को दोबारा मौका दिया है. अशोक चौधरी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज, सुनील कुमार, मदन सहनी, रत्नेश सदा, जमा खान और महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: Caste Survey Report पर हुआ अमल तो नीतीश कैबिनेट के कई मंत्रियों की होगी छुट्टी, उठने लगी ये मांग

पटना: लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट के विस्तार को अंतिम रूप दे दिया है. नीतीश कैबिनेट विस्तार में सभी जाति वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. हालांकि कैबिनेट विस्तार में 'माय' समीकरण को झटका लगा है. नीतीश कैबिनेट में 29 मंत्री अब तक शपथ ले चुके हैं. जातिगत वोट बैंक साधने की कोशिश भी की गई है.

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मुस्लिम-यादव से बीजेपी की दूरी: मुस्लिम और यादव जाति के नेताओं को जेडीयू में जगह मिली है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने मुस्लिम-यादव नेताओं को जगह नहीं दी है. जनता दल यूनाइटेड की ओर से बिजेंद्र यादव और जमा खान को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है लेकिन बीजेपी ने मुस्लिम और यादव पर भरोसा नहीं किया है. भारतीय जनता पार्टी ने पिछली बार शाहनवाज हुसैन और रामसूरत राय को मंत्रिमंडल में शामिल किया था. इस बार भी विधान पार्षद नवल किशोर यादव और शाहनवाज हुसैन प्रमुख दावेदार थे लेकिन दोनों नेताओं को जगह नहीं दी गई.

सबसे अधिक यादवों की संख्या: जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आ चुकी है और जातिगत जनगणना में सबसे अधिक आबादी यादव जाति की बताई गई है. यादव जाति की आबादी 14.3% और मुस्लिम की आबादी 17.7% है. कुल मिलाकर 32% आबादी होती है. इस वोट बैंक पर कम से कम बीजेपी को भरोसा नहीं है. ये बात दीगर है कि पार्टी ने नंदकिशोर यादव को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया है.

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लालू के साथ 'माय' समीकरण: बिहार में माना जाता है कि माय समीकरण लालू प्रसाद यादव के साथ इंटैक्ट है. एनडीए उस वोट बैंक में सेंधमारी करने में कामयाब नहीं हो सकी है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए एनडीए में माय समीकरण में डेंट की कोशिश नहीं की है.

बीजेपी कोटे से कौन-कौन बने मंत्री?: भारतीय जनता पार्टी की ओर से पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी, मंगल पांडे, नितिन नवीन, नीरज बबलू, नीतीश मिश्रा, दिलीप जायसवाल, हरि सहनी, जनक राम, कृष्णनंदन पासवान, सुरेंद्र मेहता, संतोष कुमार सिंह और केदार प्रसाद गुप्ता को नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली है.

जेडीयू से पुराने चेहरे रिपीट: वहीं जनता दल यूनाइटेड की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पुराने चेहरों को दोबारा मौका दिया है. अशोक चौधरी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज, सुनील कुमार, मदन सहनी, रत्नेश सदा, जमा खान और महेश्वर हजारी को मंत्री बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: Caste Survey Report पर हुआ अमल तो नीतीश कैबिनेट के कई मंत्रियों की होगी छुट्टी, उठने लगी ये मांग

Last Updated : Mar 16, 2024, 12:08 PM IST
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