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मोदी 3.0 में जयंत चौधरी; 15 साल बाद NDA में वापसी से RLD को हुए 4 बड़े फायदे - Modi 3 Jayant Chaudhary

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा से ठीक पहले रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इंडी गठबंधन को छोड़कर NDA में आने का जो फैसला लिया था, उससे रालोद को काफी लाभ मिला है. आईए जानते हैं जयंत चौधरी के लंदन से देश की सरकार में शामिल होने का कैसा रहा सफर.

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रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का फाइल फोटो. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 10, 2024, 10:08 AM IST

लखनऊ: देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने अपने मंत्री भी तय कर दिए हैं. इन मंत्रियों में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी शामिल हैं. जयंत चौधरी को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया है. हालांकि, अभी विभाग नहीं दिया गया है, जो एक दो दिन में तय हो जाएगा. लेकिन, खास बात ये है कि 15 साल बाद भाजपा के साथ चुनाव लड़ने से रालोद को 4 बड़े लाभ हुए हैं.

चौधरी चरण सिंह को मिला भारत रत्न: रालोद के NDA में शामिल होने की भूमिका मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करके बना दी थी. हालांकि, रालोद की बातचीत पहले से चल रही थी लेकिन, औपचारिक घोषणा नहीं हुई थी. बाद में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी इंडी गठबंधन को छोड़कर भाजपा के साथ आ गए और लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी को दो सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे. रालोद के लिए ये सबसे बड़ा फायदा रहा. क्योंकि लंबे अरसे से चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग की जा रही थी. लेकिन, कोई भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही थी.

यूपी की योगी सरकार में रालोद की एंट्री: NDA के साथ आने से रालोद को जो दूसरा बड़ा लाभ हुआ वह ये कि उसको यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में प्रतिनिधित्व मिला. मुजफ्फरनगर के पुरकाजी से रालोद विधायक अनिल कुमार को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया. प्रदेश की सरकार में रालोद की ये एंट्री करीब 3 दशक बाद हुई. नहीं तो लंबे अरसे से रालोद सरकार से दूर रह रही थी.

रालोदी ने जीतीं बिजनौर और बागपत सीटें: रालोद को जो तीसरा लाभ हुआ वो ये कि 2009 के बाद यूपी की बिजनौर और बागपत लोकसभा सीट पर पार्टी ने कब्जा जमाया. 15 साल बाद रालोद के दो सांसद बिजनौर से चंदन चौहान और बागपत से राजकुमानर सांगवान संसद पहुंच गए और वहां पर अपनी सीट पक्की कर ली.

रालोद के अब यूपी और केंद्र सरकार में मंत्री: रालोद को चौथा लाभ जयंत चौधरी के केंद्र सरकार में मंत्री बनने का हुआ है. इसके जरिए अब रालोद का यूपी सरकार के साथ देश की सरकार में भी प्रतिनिधित्व हो गया है. बता दें कि जयंत चौधरी वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ा था.

कौन हैं जयंत चौधरी, जो लंदन से लौटकर राजनीति में कूदे: जयंत चौधरी का जन्म अमेरिका के टेक्सास में 27 दिसंबर, 1978 को हुआ था. उनके पिता अजीत सिंह भी कई बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे. जयंत मूल रूप से बुलंदशहर के भटौना के रहने वाले हैं. जयंत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद 2002 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की. जयंत चौधरी की शादी फैशन डिजाइनर चारू सिंह से हुई है, जिनसे उनके दो बच्चे हैं. जयंत ने अपना राजनीतिक करियर 2009 में शुरू किया, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मथुरा से लोकसभा चुनाव जीता था.

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार 3.0 से भी कटा स्मृति ईरानी का पत्ता, यूपी से सिर्फ अनुप्रिया पटेल इकलौती महिला मंत्री

लखनऊ: देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने अपने मंत्री भी तय कर दिए हैं. इन मंत्रियों में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी शामिल हैं. जयंत चौधरी को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया है. हालांकि, अभी विभाग नहीं दिया गया है, जो एक दो दिन में तय हो जाएगा. लेकिन, खास बात ये है कि 15 साल बाद भाजपा के साथ चुनाव लड़ने से रालोद को 4 बड़े लाभ हुए हैं.

चौधरी चरण सिंह को मिला भारत रत्न: रालोद के NDA में शामिल होने की भूमिका मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करके बना दी थी. हालांकि, रालोद की बातचीत पहले से चल रही थी लेकिन, औपचारिक घोषणा नहीं हुई थी. बाद में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी इंडी गठबंधन को छोड़कर भाजपा के साथ आ गए और लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी को दो सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे. रालोद के लिए ये सबसे बड़ा फायदा रहा. क्योंकि लंबे अरसे से चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग की जा रही थी. लेकिन, कोई भी सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही थी.

यूपी की योगी सरकार में रालोद की एंट्री: NDA के साथ आने से रालोद को जो दूसरा बड़ा लाभ हुआ वह ये कि उसको यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में प्रतिनिधित्व मिला. मुजफ्फरनगर के पुरकाजी से रालोद विधायक अनिल कुमार को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया. प्रदेश की सरकार में रालोद की ये एंट्री करीब 3 दशक बाद हुई. नहीं तो लंबे अरसे से रालोद सरकार से दूर रह रही थी.

रालोदी ने जीतीं बिजनौर और बागपत सीटें: रालोद को जो तीसरा लाभ हुआ वो ये कि 2009 के बाद यूपी की बिजनौर और बागपत लोकसभा सीट पर पार्टी ने कब्जा जमाया. 15 साल बाद रालोद के दो सांसद बिजनौर से चंदन चौहान और बागपत से राजकुमानर सांगवान संसद पहुंच गए और वहां पर अपनी सीट पक्की कर ली.

रालोद के अब यूपी और केंद्र सरकार में मंत्री: रालोद को चौथा लाभ जयंत चौधरी के केंद्र सरकार में मंत्री बनने का हुआ है. इसके जरिए अब रालोद का यूपी सरकार के साथ देश की सरकार में भी प्रतिनिधित्व हो गया है. बता दें कि जयंत चौधरी वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं. यही कारण है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 नहीं लड़ा था.

कौन हैं जयंत चौधरी, जो लंदन से लौटकर राजनीति में कूदे: जयंत चौधरी का जन्म अमेरिका के टेक्सास में 27 दिसंबर, 1978 को हुआ था. उनके पिता अजीत सिंह भी कई बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे. जयंत मूल रूप से बुलंदशहर के भटौना के रहने वाले हैं. जयंत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद 2002 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की. जयंत चौधरी की शादी फैशन डिजाइनर चारू सिंह से हुई है, जिनसे उनके दो बच्चे हैं. जयंत ने अपना राजनीतिक करियर 2009 में शुरू किया, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मथुरा से लोकसभा चुनाव जीता था.

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