भिलाई: भारत रूस मित्रता के प्रतीक मैत्री बाग में वन्यजीव को एक बार फिर से एक्सचेंज किया गया है. रायपुर के जंगल सफारी से बाघिन जया को भिलाई मैत्री बाग जू लाया गया है. वहीं, मैत्री बाग से जू से बाघिन रक्षा को जंगल सफारी भेजा गया है. बताया जा रहा है कि मैत्री बाग के दुर्लभ वन्य जीवों में इन ब्रीडिंग को रोकने के साथ बायो डायवर्सिटी को बनाए रखने के लिए जानवरों की अदला-बदली की गई है.
रायपुर भेजी गई रक्षा, जया आई भिलाई: इस बारे में भिलाई इस्पात संयंत्र के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पवन कुमार ने बताया कि, "जंगल सफारी से आने वाले वन्य प्राणी से मैत्री बाग के प्रति सैलानियों का आकर्षण बना रहेगा. साथ ही मैत्री बाग से एक्सचेंज में व्हाइट टाइगर भेज गया है." इससे पहले रायपुर जंगल सफारी से चार बार्किंग डियर और चार स्याही मैत्री बाग लाए गए थे. इन जानवरों के बदले मैत्री बाग से दो सियार को भेजा गया था. रायपुर जंगल सफारी से जया बाघिन को पकड़ने में परेशान होने के 3 से 4 दिन बाद आखिरकार गुरुवार को जया बाघिन को मैत्री बाग लाया गया है.
कोरोनाकाल से बंद था जानवरों का एक्सचेंज: बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल से ही मैत्री बाग में लंबे समय से वन्य प्राणियों के एक्सचेंज रुका हुआ था. मैत्री बाग में इससे पहले साल 2017 में नए मेहमान आए थे. फिर कुछ कारणों से जानवरों का एक्सचेंज नहीं हो पाया था. राज्य के वन विभाग के साथ लंबी चर्चा के बाद भिलाई मैत्री बाग और जंगल सफारी नया रायपुर के बीच वन्य प्राणियों के एक्सचेंज को जू अथॉरिटी से हरी झंडी मिली है. ऐसे में गुरुवार को जया बाघिन को भिलाई लाया गया, जबकि रक्षा बाघिन को रायपुर जंगल सफारी भेजा गया है.