Jaya Kiroshi Parenting Tips: बच्चों से कैसे बात करें, बच्चों के दोस्त कैसे हों, दोस्तों को लेकर बच्चों की राय क्या है, माता पिता बच्चों को लेकर कैसे पेश आएं,बच्चों के लिए आध्यात्म कितना जरूरू है और भी बहुत से ऐसे टॉपिक हैं जिन पर मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी आए दिन युवाओं को टिप्स देती नजर आती हैं. जया किशोरी की फैन फालोइंग बहुत स्ट्रांग है इसके चलते सोशल मीडिया और इंस्टा पर बहुत से लोग उनको सुनना पंसद करते हैं. इस बार जया किशोरी ने दोस्तों को लेकर कुछ बड़ी बातें कहीं हैं.
'जैसी संगत वैसा आपका स्वभाव'
मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी इस बार युवाओं को मोटिवेट करती नजर आ रही हैं. वैसे तो वे आए दिन अपने प्रवचनों में बच्चों के लिए कुछ ना कुछ टिप्स देती नजर आती हैं लेकिन इस बार उन्होंने कह दिया है कि "ऐसे दोस्त बनाने की जरूरत नहीं है जो पीछे से कहें कि मैं तुम्हारे साथ हूं और काम निकलते ही भाग खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि जैसी संगत होगी वैसा ही आपका स्वभाव होगा. उन्होंने कहा कि बड़े बड़े संत कहते हैं, हमारे बुजुर्ग कह कर गए हैं कि अगर भला का संग हो तो सभी काम भले होते हैं. आपकी संगत अच्छी है तो आपके सारे काम अच्छे होंगे. जैसी आपकी संगत होती है वैसे आपका स्वभाव बन जाता है. इसलिए सबसे जरूरी है संगत अच्छी रखिए."
'दोस्तों को लेकर माता-पिता से होता है झगड़ा'
जया किशोरी कहती हैं कि "आपने अक्सर देखा होगा कि दोस्तों को लेकर ही माता-पिता का अपने बच्चों के साथ अक्सर झगड़ा होता है. वे हमेशा कहते नजर आते हैं कि आपका फलाना दोस्त अच्छा नहीं है और उससे दूर रहो. इस तर्क पर बच्चे भी अपने माता पिता को बताते हैं कि मैं तो सिर्फ उसके साथ घूमता हूं. इस पर जया किशोरी का कहना है कि मित्रों के साथ रहते हुए आपको पता ही नही पड़ता कि कब आप उनकी बुराइयों को सीख गए और ये मानव स्वभाव है कि वे ये चीजें जल्दी सीखता है. इसलिए मित्र हमेशा ऐसा चुना जो जीवन में आपके काम आए."
'दोस्ती का मतलब केवल मौज मस्ती नहीं'
जया किशोरी बताती हैं कि "जैसे मित्र के साथ रहेंगे वैसे ही आप में उसके गुण आते जाते हैं और यदि लंबे समय तक उसके साथ रहेंगे तो ये तय मानिए कि यदि उसकी बड़ी सोच है और यदि उसमे कुछ करने की इच्छा है तो आप के जीवन में भी बहुत फर्क पड़ेगा और आप भी उसके साथ रहने से उसी प्रकार सोचने लगेंगे. अच्छा इंसान बुरा जल्दी बन जाता है इसलिए दोस्ती केवल चिल करने और दोस्तों के साथ मौज मस्ती करने के लिए नहीं है. जब आपके ऊपर जिम्मेदारी आती है तब इसका अहसास होता है लेकिन तब तक बहुत देर हो जाती है."
'दोस्त हमेशा कृष्ण जैसे होना चाहिए'
जया किशोरी ने कहा कि "मित्र ही एक ऐसी चीज होती है जिसे आप देख परख कर चुन सकते हैं, जबकि माता पिता और भाई बहन और रिश्तेदारों को नहीं चुन सकते. एक ही रिश्ता भगवान ने आपके लिए चुनने को दिया है और वो है दोस्ती का, तो कम से कम आप उसे तो ठीक से चुन लो.जो बातें आप अपने मां बाप से नहीं कर सकते वो आप दोस्तों से करते हैं, तो बहुत जरूरी है कि वो बहुत अच्छे होना चाहिए क्योंकि वही आपको सही रास्ता दिखाते हैं तो दोस्त हमेशा कृष्ण जैसे होना चाहिए."
सच्चे दोस्त होते हैं ऐसे
जया किशोरी ने बताया कि "दोस्त ऐसे होने चाहिए जिनका माइंडसेट आपसे मैच करना चाहिए हैबिट्स मैच करें या न करें चलता है. जया किशोरी कहती हैं कि सच्चे दोस्त वो होते हैं जो भले ही आपसे ज्यादा मिल नहीं पाते लेकिन फिर भी सबसे ज्यादा आपको समझते हैं. गलत संगत वाले आपसे कहते हैं कि चलो ऐसा कर लो वैसा कर लो, मैं पीछे खड़ा हूं लेकिन जब काम हो जाता है तो सबसे पहले वही भागते हैं. दोस्ती हमेशा उससे करो जिसकी सोच बड़ी हो, उनमें कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति हो तो फिर उसकी संगत करो और देखो कि आपका जीवन कितना अच्छा बन जाता है."
'माता-पिता बचपन से दें संस्कार'
बच्चे सिर्फ अपने माता-पिता से सीखते हैं और उन्हें सिर्फ अच्छा बोलना नहीं सिखाना है बल्कि अच्छे संस्कार देना है बचपन से ही दिए संस्कार से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं और ये संस्कार परिवार से ही मिलते हैं. बच्चे जो देखते हैं वहीं सीखते हैं. बच्चे सिर्फ बाहर की दुनिया से ही सीख रहे हैं लेकिन बाहर तो ऐसा कुछ अच्छा नहीं है.