रतलाम: रबी सीजन में यूरिया के लिए मारामारी मची हुई है, किसान खाद वितरण केंद्रों के बाहर लाइन लगाकर खाली हाथ लौट रहे हैं. वहीं, कालाबाजारी करने वाले व्यापारी महंगे दामों पर किसानों को यूरिया बेच रहे हैं. रतलाम के जावरा में शिकायत मिलने पर एसडीएम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने कर्मचारियों से स्टिंग ऑपरेशन करवाकर खाद की कालाबाजारी का मामला पकड़ा. ये दुकानदार 266 रुपए मूल्य का यूरिया का बैग किसानों को 366 रुपए में बेच रहा था.
कैमरे पर ही खाद की कालाबाजारी करते पकड़ा किसान
स्टिंग ऑपरेशन में कैमरे के सामने ही दुकानदार कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया है. जावरा एसडीम के निर्देश पर आरोपी व्यापारी की दुकान को सील कर खाद वितरण का लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई की गई है. दरअसल, रबी के सीजन में यूरिया खाद की कमी के चलते किसानों को महंगे दामों पर बाजार से यूरिया खरीदना पड़ रहा है. कालाबाजारी करने वाले व्यापारी खाद को मनमाने दामों पर बेच रहे हैं. लगातार यूरिया खाद की कालाबाजारी की शिकायत मिलने पर एसडीएम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने सख्ती दिखाई.
लगातार मिली शिकायतों के बाद एसडीएम सख्त
स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो के अनुसार बोरदा गांव के किसान राधेश्याम ने जावरा के खाचरोद नाका क्षेत्र स्थित दुकान से यूरिया खाद का एक बैग खरीदा. इसकी कीमत उनसे 366 रुपए वसूली गई. खाद विक्रेता दुकानदार रितेश पंवार भी इस वीडियो में दिखाई दे रहा है. स्टिंग में खाद की कालाबाजारी से सिद्ध होने पर पंचनामा बनाकर दुकान को सील किया गया है. जावरा एसडीम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने बताया "लगातार शिकायतें मिल रही थी कि निजी दुकानदार महंगे दामों पर यूरिया खाद बेच रहे हैं. इसकी पुष्टि करने के लिए राजस्व विभाग की टीम को स्टिंग करने के लिए भेजा गया."
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नैनो लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल करें किसान
वहीं, कृषि विभाग की उप संचालक नीलम सिंह का कहना है "जिले में सहकारी सोसाइटियों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया खाद उपलब्ध है. जिन किसानों को गेहूं अथवा अन्य फसलों के लिए यदि यूरिया खाद की आवश्यकता है तो वह सामान्य यूरिया खाद की जगह नैनो लिक्विड यूरिया का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. यह विकल्प किसानों के लिए सस्ता होने के साथ फायदेमंद भी है."