भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति को शुक्रवार को सरकार की ओर से वार्ता के लिए निमंत्रण भेजा गया. मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए निमंत्रण लेकर अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक रघुवीर कबिया और वैर के उपखंड अधिकारी ललित मीणा आंदोलन स्थल जयचोली पर जाट नेताओं के पास पहुंचे. मुख्यमंत्री जाट आरक्षण संघर्ष समिति से वार्ता करने के लिए तैयार हैं. उधर इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 16 सदस्यों की कमेटी गठित की है, जो मुख्यमंत्री से वार्ता करने जाएगी
समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि फिलहाल भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 16 सदस्यों की कमेटी का गठन कर दिया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही मुख्यमंत्री के यहां से वार्ता के लिए तारीख और समय निर्धारित हो जाएगा वैसे ही यह दल वार्ता के लिए जयपुर रवाना हो जाएगा. फिलहाल शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा और वार्ता सफल नहीं हुई तो आंदोलन उग्र भी किया जाएगा.
संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि भरतपुर और धौलपुर के जाट केंद्र की ओबीसी में आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से कर रहे हैं. फौजदार ने कहा कि आंदोलन हमारा शौक नहीं मजबूरी है यदि सरकार ने हमारी मांग पूरी नहीं की, तो 22 जनवरी के बाद कभी भी आंदोलन को उग्र किया जा सकता है और चक्का जाम किया जा सकता है. दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण देने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. नेम सिंह ने कहा कि आंदोलन का रुख, मुख्यमंत्री और कमेटी के सदस्यों के बीच की वार्ता पर निर्भर करेगा.आरक्षण नहीं मिलने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.