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ईद उल अजहा : दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा, शाहजानी मस्जिद में हुई नमाज - door of heaven opened - DOOR OF HEAVEN OPENED

ईद उल जुहा के अवसर पर अजमेर के प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर जायरीनें की भीड़ लगी रही. एक साल में चार बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी सोमवार को खोला गया. जन्नती दरवाजे में से होकर ख्वाजा की मजार पर पहुंचने के लिए जायरीनों की कतार लगी रही.

door of heaven opened
दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा (photo etv bharat ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 17, 2024, 2:07 PM IST

अजमेर.सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में वर्ष में चार बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा ईद उल अजहा के अवसर पर सोमवार को जायरीनों के लिए खोल दिया गया. अल सुबह से ही जायरीन जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर कदमबोशी करने के लिए कतारें लग गई. दरगाह परिसर में शहजानी मस्जिद में ईद की विशेष नमाज पढ़ी गई, जबकि मुख्य नमाज केसरगंज स्थित ईदगाह में हुई.

दरगाह में खादिम पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने बताया कि दोनों ही जगह हजारों नमाज़ियों ने नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन भाईचारे और खुशहाली की दुआ की. ईद उल अजहा के मौके पर अजमेर में सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए खोल दिया गया. जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने के लिए जायरीन की कतारें देर रात से ही लग गई थी. अल सुबह जब जन्नती दरवाजा खोला गया, तब जायरीन ने जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में पहुंचकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार के दर्शन किए. उन्होंने अपनी श्रद्धा के अनुसार चादर चढ़ाई और अकीदत के फूल पेश किया. दरगाह में खादिम पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने कहा कि जन्नती दरवाजा वर्ष में चार मर्तबा ही खुलता है. लिहाजा, दूर दराज से लोग जियारत की हसरत लिए हुए यहां एक दिन पहले ही आ जाते हैं.

door of heaven opened
दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा (photo etv bharat ajmer)

चिश्ती ने बताया कि जो लोग हज को नहीं जा पाते हैं. वह यहां दरगाह आकर जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं. मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने मरने के बाद जन्नत नसीब होती है. यही वजह है कि लोगों में जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करने की होड़ मची रहती है.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी पर हाजरी लगाने पहुंचे जायरीन, मुल्क में अमन-चैन और भाईचारे की मांगी दुआ

खादिम दरगाह में शाहजनी मस्जिद में हुई नमाज: ईद अल-अजहा के मौके पर हजारों जायरीन ने दरगाह परिसर में स्थित शाहजनी मस्जिद में नमाज अदा की. सुबह से ही नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग दरगाह पहुंचने लगे और कतारें बनना शुरू कर दी. दरगाह कमेटी ने धूप से बचने के लिए क्लीन बिछाए. छाया की भी व्यवस्था की गई. शहजानी मस्जिद में नमाज के बाद मुल्क में अमन चैन भाईचारा और खुशहाली के लिए भी दुआ की गई. इसके बाद लोगों ने एक दूसरे से गले लगा कर ईद की मुबारकबाद दी. साथ ही दरगाह में जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत की. महाराष्ट्र से आए मूसा भाई बताते हैं कि वह हर वर्ष ईद के मौके पर दरगाह में आते हैं और यहां शाहजनी मस्जिद में नमाज अदा कर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करते हैं. यहां आकर दिल को सुकून मिलता है और दुआएं कबूल होती है.

अजमेर.सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में वर्ष में चार बार खुलने वाला जन्नती दरवाजा ईद उल अजहा के अवसर पर सोमवार को जायरीनों के लिए खोल दिया गया. अल सुबह से ही जायरीन जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर कदमबोशी करने के लिए कतारें लग गई. दरगाह परिसर में शहजानी मस्जिद में ईद की विशेष नमाज पढ़ी गई, जबकि मुख्य नमाज केसरगंज स्थित ईदगाह में हुई.

दरगाह में खादिम पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने बताया कि दोनों ही जगह हजारों नमाज़ियों ने नमाज अदा कर मुल्क में अमन चैन भाईचारे और खुशहाली की दुआ की. ईद उल अजहा के मौके पर अजमेर में सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जन्नती दरवाजा आम जायरीन के लिए खोल दिया गया. जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने के लिए जायरीन की कतारें देर रात से ही लग गई थी. अल सुबह जब जन्नती दरवाजा खोला गया, तब जायरीन ने जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में पहुंचकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार के दर्शन किए. उन्होंने अपनी श्रद्धा के अनुसार चादर चढ़ाई और अकीदत के फूल पेश किया. दरगाह में खादिम पीर सैयद नफीस मियां चिश्ती ने कहा कि जन्नती दरवाजा वर्ष में चार मर्तबा ही खुलता है. लिहाजा, दूर दराज से लोग जियारत की हसरत लिए हुए यहां एक दिन पहले ही आ जाते हैं.

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दरगाह में खुला जन्नती दरवाजा (photo etv bharat ajmer)

चिश्ती ने बताया कि जो लोग हज को नहीं जा पाते हैं. वह यहां दरगाह आकर जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं. मान्यता है कि जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करने मरने के बाद जन्नत नसीब होती है. यही वजह है कि लोगों में जन्नती दरवाजे से होकर आस्ताने में ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत करने की होड़ मची रहती है.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज की महाना छठी पर हाजरी लगाने पहुंचे जायरीन, मुल्क में अमन-चैन और भाईचारे की मांगी दुआ

खादिम दरगाह में शाहजनी मस्जिद में हुई नमाज: ईद अल-अजहा के मौके पर हजारों जायरीन ने दरगाह परिसर में स्थित शाहजनी मस्जिद में नमाज अदा की. सुबह से ही नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग दरगाह पहुंचने लगे और कतारें बनना शुरू कर दी. दरगाह कमेटी ने धूप से बचने के लिए क्लीन बिछाए. छाया की भी व्यवस्था की गई. शहजानी मस्जिद में नमाज के बाद मुल्क में अमन चैन भाईचारा और खुशहाली के लिए भी दुआ की गई. इसके बाद लोगों ने एक दूसरे से गले लगा कर ईद की मुबारकबाद दी. साथ ही दरगाह में जन्नती दरवाजे से होकर ख्वाजा गरीब नवाज की मजार की जियारत की. महाराष्ट्र से आए मूसा भाई बताते हैं कि वह हर वर्ष ईद के मौके पर दरगाह में आते हैं और यहां शाहजनी मस्जिद में नमाज अदा कर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जन्नती दरवाजे से होकर जियारत करते हैं. यहां आकर दिल को सुकून मिलता है और दुआएं कबूल होती है.

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