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एमसीबी में जन्माष्टमी पर स्कूलों में दिखे नन्हें राधा-कृष्ण, कान्हा को देखने उमड़े लोग - Janmashtami 2024 celebrated - JANMASHTAMI 2024 CELEBRATED

एमसीबी में जन्माष्टमी के मौके पर स्कूलों में नन्हें राधा कृष्ण नजर आए. इस दौरान दिव्य झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही. स्कूलों में बड़े धूमधाम से जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया.

Janmashtami 2024 celebrated
एमसीबी में जन्माष्टमी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 26, 2024, 8:24 PM IST

Updated : Aug 26, 2024, 11:11 PM IST

कान्हा को देखने उमड़े लोग (ETV BHARAT)

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले में जन्माष्टमी से पहले ही सभी स्कूलों में बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाकर कृष्णाष्टमी मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले में भी स्कूलों में जन्माष्टमी और मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान बच्चों को राधा और कृष्ण जैसा कॉस्टयूम पहनाकर सजाया गया. साथ ही कार्यक्रम के जरिए दिव्य लीलाएं भी की गई.

राधा-कृष्ण के रूप में दिखे बच्चे: एमसीबी जिला अंतर्गत पड़ने वाले स्कूलों में इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. विद्यालय प्रांगण को दिव्य तौर पर सजाया गया. इस मौके पर विद्यालय में विभिन्न धार्मिक गतिविधियों और झांकियों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के दिव्य लीलाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया गया. विद्यालय के परिसर को यज्ञ भूमि में परिवर्तित कर दिया गया. यहां छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा में सज-धज कर आए थे.

कृष्ण की झांकियां रही आकर्षण का केन्द्र: इस दौरान राधा-कृष्ण और गोपियों की रस्साकशी, दही हांडी, सेब और जलेबी की रेस जैसी पारंपरिक खेलों ने बच्चों के बीच खासा उत्साह पैदा किया. कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र विभिन्न झांकियां रहीं, जिनमें भगवान श्री कृष्ण के कई अवतारों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया. इन झांकियों में श्री कृष्ण के विष्णु अवतार, नरसिंह अवतार और वामन अवतार को दर्शाया गया. रामायण से जुड़े राम, लक्ष्मण और सीता के वन गमन की झांकी भी दिखाई गई.

"श्रीकृष्ण का जन्म धर्म की पुनर्स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए हुआ था. इस दिन को बड़े धूमधाम और धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता है. इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना करते हैं, बल्कि समाज में सद्भावना और उत्साह का भी संचार करते हैं." -सुरेंद्र कुमार चौहान, प्रधानाचार्य

बता दें कि कृष्ण लीला से संबंधित महाभारत की झांकी में द्रौपदी चीरहरण, अर्जुन को गीता का उपदेश, गुरु द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह और पांच पांडवों का चित्रण किया गया. इन झांकियों ने न केवल बच्चों को बल्कि वहां मौजूद उनके माता-पिता और अतिथियों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया.

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिले में जन्माष्टमी से पहले ही सभी स्कूलों में बच्चों को राधा-कृष्ण के रूप में सजाकर कृष्णाष्टमी मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले में भी स्कूलों में जन्माष्टमी और मटका फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस दौरान बच्चों को राधा और कृष्ण जैसा कॉस्टयूम पहनाकर सजाया गया. साथ ही कार्यक्रम के जरिए दिव्य लीलाएं भी की गई.

राधा-कृष्ण के रूप में दिखे बच्चे: एमसीबी जिला अंतर्गत पड़ने वाले स्कूलों में इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. विद्यालय प्रांगण को दिव्य तौर पर सजाया गया. इस मौके पर विद्यालय में विभिन्न धार्मिक गतिविधियों और झांकियों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के दिव्य लीलाओं का अद्भुत प्रदर्शन किया गया. विद्यालय के परिसर को यज्ञ भूमि में परिवर्तित कर दिया गया. यहां छोटे-छोटे बच्चे राधा-कृष्ण की वेशभूषा में सज-धज कर आए थे.

कृष्ण की झांकियां रही आकर्षण का केन्द्र: इस दौरान राधा-कृष्ण और गोपियों की रस्साकशी, दही हांडी, सेब और जलेबी की रेस जैसी पारंपरिक खेलों ने बच्चों के बीच खासा उत्साह पैदा किया. कार्यक्रम में विशेष आकर्षण का केंद्र विभिन्न झांकियां रहीं, जिनमें भगवान श्री कृष्ण के कई अवतारों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया. इन झांकियों में श्री कृष्ण के विष्णु अवतार, नरसिंह अवतार और वामन अवतार को दर्शाया गया. रामायण से जुड़े राम, लक्ष्मण और सीता के वन गमन की झांकी भी दिखाई गई.

"श्रीकृष्ण का जन्म धर्म की पुनर्स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए हुआ था. इस दिन को बड़े धूमधाम और धार्मिक आस्था के साथ मनाया जाता है. इस प्रकार के आयोजन न केवल बच्चों में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना करते हैं, बल्कि समाज में सद्भावना और उत्साह का भी संचार करते हैं." -सुरेंद्र कुमार चौहान, प्रधानाचार्य

बता दें कि कृष्ण लीला से संबंधित महाभारत की झांकी में द्रौपदी चीरहरण, अर्जुन को गीता का उपदेश, गुरु द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह और पांच पांडवों का चित्रण किया गया. इन झांकियों ने न केवल बच्चों को बल्कि वहां मौजूद उनके माता-पिता और अतिथियों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया.

सरगुजा का प्राचीन कृष्ण मंदिर, जहां राजमहल छोड़ रहती थी राजमाता माई साहब - Janmashtami special 2024
जन्माष्टमी में सूना पड़ा अंबिकापुर का कृष्ण कुंज, पेड़ों के बीच अकेले खड़ी मुरधीधर की मूर्ति, कई दिनों से नहीं खुला गेट का ताला - Janmashtami in Ambikapur
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर छत्तीसगढ़ में ड्राई डे, बंद रहेंगी शराब की दुकानें, होटल और बार - Krishna Janmashtami
Last Updated : Aug 26, 2024, 11:11 PM IST
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