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मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर, पुजारी का दावा यहां बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत बाधा

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 20, 2024, 6:36 PM IST

Updated : Mar 20, 2024, 10:38 PM IST

Janakpur Ancient Hanuman Temple: एमसीबी के जनकपुर के बनास नदी के किनारे राम भक्त हनुमान का प्राचीन मंदिर है. यहां दूसरे राज्य से भी भक्त मनोकामना लेकर आते हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर में अर्जी लगाने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है.

Janakpur Ancient Hanuman Temple
जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर
मनेन्द्रगढ़ के जनकपुर का अनोखा प्राचीन हनुमान मंदिर

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जनकपुर में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है. यहां पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी हनुमान विराजमान हैं. इस मंदिर के पास बनास नदी है, जिसमें 12 माह स्वच्छ जल बहता रहता है. इस बनास नदी के आगे की ओर रमदहा जलप्रपात भी है. यहां चारों तरफ हरियाली देखने को मिलती है. हर समय पक्षियों की चहचहाहट और मनोरम दृश्य यहां देखने को मिलता है. यही कारण है कि यहां आकर हनुमानजी के भक्तों का मन भी प्रसन्न हो उठता है.

पेड़ के नीचे विराजमान बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत-बाधा: दरअसल, यह मंदिर विकासखंड जनकपुर से 40 किलोमीटर दूर भंवरखोह गांव में स्थित है. यहां पेड़ के नीचे हनुमानजी विराजमान हैं. हनुमानजी की दक्षिणमुखी प्रतिमा प्राचीन काल से पेड़ के नीचे स्थापित की गई थी. ग्रामीणों का मानना है कि यदि आसपास के क्षेत्रों की खुदाई करवाई जाए तो और भी प्राचीन मूर्तियां और धरोहर यहां मिलने की संभावना है.

मन्नत के लिए बांधते हैं नारियल: जनकपुर के इस प्राचीन हनुमान मंदिर में आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. जो भी भक्त सच्चे मन से यहां लाल कपड़े में नारियल बांधकर जाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. मुराद पूरी होने के बाद भक्त वापस लौटकर उस लाल कपड़े में बंधे नारियल को फोड़ते हैं. ये परम्परा यहां शुरू से ही चली आ रही है.

"पिछले कई सालों से मंदिर में पूजा कर रहा हूं. सुबह हनुमान जी महाराज की मूर्ति का पूजन पीले चंदन से राम नाम लिखे हुए अकौ आके पत्ते की माला से किया जाता है. इसके बाद मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया जाता है. ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है. यहां सालों से पेड़ के नीचे हनुमान जी की ये प्रतिमा स्थापित है. हनुमान जी के डर से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं. कई लोग यहां बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए भी आते हैं. दूसरे राज्य के लोग भी यहां प्रेतबाधा से मुक्ति के लिए पहुंचते हैं. यहां आने वाले की हर मुराद हनुमानजी पूरी करते हैं.: रामचंद्र शरण जी महाराज, जनकपुर हनुमान मंदिर के पुजारी

सड़क सुविधा न होने से भक्तों को हो रही परेशानी: यहां के आने वाले भक्त अमर बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि, "यहां हर दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां दूर-दूराज से भी भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर के प्रति लोगों की काफी आस्था है. हालांकि यहां पहुंचने में हमें काफी दिक्कतें होती है. यहां रोड की सुविधा सही रहने पर भक्तों की कई परेशानियां दूर होंगी."

"यहां, महेंद्रगढ़, सीधी, बनसुखली, शहडोल से भक्त आते हैं.यहां रोड की सुविधा नहीं है अगर रोड बन जाती तो अच्छा रहता. यहां पर चार-पांच साल से आ रहा हूं. जो भी मन्नत मांगता हूं, पूरी होती है." : दिनेश यादव, श्रद्धालु

"ये मंदिर काफी प्राचीन है. यहांं जो भी मन्नत मांगते हैं, वह पूरा होता है": रामधनी, श्रद्धालु

जानिए किस चीज को चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं भगवान हनुमान: पुजारी रामचंद्र शरण जी ने बताया कि प्रचलित मान्यताओं के आधार पर बजरंगबली को ये चीजें बेहद पसंद है.

सिंदूर: बजरंगबली को संतरे के रंग का सिंदूर चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है. कहा जाता है कि मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से ग्रह दोष भी शांत होता है. सिंदूर को बेल पत्र पर रखकर अर्पित करना चाहिए.

चमेली का तेल: हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि चमेली का तेल खाली नहीं चढ़ाना चाहिए. इसे सिंदूर के साथ मिलाकर चढ़ाना चाहिए.

तुलसी के पत्ते: मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. हनुमान जी को तुलसी के पत्ते अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

लड्डू: हनुमान जी को बूंदी के लडडू चढ़ाए जाते हैं. कहा जाता है कि इससे बजरंग बली प्रसन्न होते हैं. बूंदी के लड्डू चढ़ाने के बाद उसका प्रसाद भक्तों में बांट ने से कई तरह की परेशानियां दूर होती है.

चोला चढ़ाएं: हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई भक्त चोला भी चढ़ाते हैं. कहा जाता है कि इससे भक्तों की मनचाही मराद पूरी होती है.

कहा जाता है कि जनकपुर के इस प्राचीन हनुमान मंदिर में अर्जी लगाने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है. यहां दूसरे राज्यों से भी कई लोग बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि यहां हमेशा भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. हालांकि यहां सड़क की सुविधा न होने से आने-जाने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जनकपुर में एक प्राचीन हनुमान मंदिर है. यहां पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी हनुमान विराजमान हैं. इस मंदिर के पास बनास नदी है, जिसमें 12 माह स्वच्छ जल बहता रहता है. इस बनास नदी के आगे की ओर रमदहा जलप्रपात भी है. यहां चारों तरफ हरियाली देखने को मिलती है. हर समय पक्षियों की चहचहाहट और मनोरम दृश्य यहां देखने को मिलता है. यही कारण है कि यहां आकर हनुमानजी के भक्तों का मन भी प्रसन्न हो उठता है.

पेड़ के नीचे विराजमान बजरंगबली दूर करते हैं प्रेत-बाधा: दरअसल, यह मंदिर विकासखंड जनकपुर से 40 किलोमीटर दूर भंवरखोह गांव में स्थित है. यहां पेड़ के नीचे हनुमानजी विराजमान हैं. हनुमानजी की दक्षिणमुखी प्रतिमा प्राचीन काल से पेड़ के नीचे स्थापित की गई थी. ग्रामीणों का मानना है कि यदि आसपास के क्षेत्रों की खुदाई करवाई जाए तो और भी प्राचीन मूर्तियां और धरोहर यहां मिलने की संभावना है.

मन्नत के लिए बांधते हैं नारियल: जनकपुर के इस प्राचीन हनुमान मंदिर में आने वाले की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार के दिन भक्तों का तांता लगा रहता है. जो भी भक्त सच्चे मन से यहां लाल कपड़े में नारियल बांधकर जाता है, उसकी हर मुराद पूरी होती है. मुराद पूरी होने के बाद भक्त वापस लौटकर उस लाल कपड़े में बंधे नारियल को फोड़ते हैं. ये परम्परा यहां शुरू से ही चली आ रही है.

"पिछले कई सालों से मंदिर में पूजा कर रहा हूं. सुबह हनुमान जी महाराज की मूर्ति का पूजन पीले चंदन से राम नाम लिखे हुए अकौ आके पत्ते की माला से किया जाता है. इसके बाद मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया जाता है. ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है. यहां सालों से पेड़ के नीचे हनुमान जी की ये प्रतिमा स्थापित है. हनुमान जी के डर से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं. कई लोग यहां बुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए भी आते हैं. दूसरे राज्य के लोग भी यहां प्रेतबाधा से मुक्ति के लिए पहुंचते हैं. यहां आने वाले की हर मुराद हनुमानजी पूरी करते हैं.: रामचंद्र शरण जी महाराज, जनकपुर हनुमान मंदिर के पुजारी

सड़क सुविधा न होने से भक्तों को हो रही परेशानी: यहां के आने वाले भक्त अमर बहादुर सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि, "यहां हर दिन भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां दूर-दूराज से भी भक्त पहुंचते हैं. इस मंदिर के प्रति लोगों की काफी आस्था है. हालांकि यहां पहुंचने में हमें काफी दिक्कतें होती है. यहां रोड की सुविधा सही रहने पर भक्तों की कई परेशानियां दूर होंगी."

"यहां, महेंद्रगढ़, सीधी, बनसुखली, शहडोल से भक्त आते हैं.यहां रोड की सुविधा नहीं है अगर रोड बन जाती तो अच्छा रहता. यहां पर चार-पांच साल से आ रहा हूं. जो भी मन्नत मांगता हूं, पूरी होती है." : दिनेश यादव, श्रद्धालु

"ये मंदिर काफी प्राचीन है. यहांं जो भी मन्नत मांगते हैं, वह पूरा होता है": रामधनी, श्रद्धालु

जानिए किस चीज को चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं भगवान हनुमान: पुजारी रामचंद्र शरण जी ने बताया कि प्रचलित मान्यताओं के आधार पर बजरंगबली को ये चीजें बेहद पसंद है.

सिंदूर: बजरंगबली को संतरे के रंग का सिंदूर चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है. कहा जाता है कि मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से ग्रह दोष भी शांत होता है. सिंदूर को बेल पत्र पर रखकर अर्पित करना चाहिए.

चमेली का तेल: हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि चमेली का तेल खाली नहीं चढ़ाना चाहिए. इसे सिंदूर के साथ मिलाकर चढ़ाना चाहिए.

तुलसी के पत्ते: मंगलवार को हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. हनुमान जी को तुलसी के पत्ते अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

लड्डू: हनुमान जी को बूंदी के लडडू चढ़ाए जाते हैं. कहा जाता है कि इससे बजरंग बली प्रसन्न होते हैं. बूंदी के लड्डू चढ़ाने के बाद उसका प्रसाद भक्तों में बांट ने से कई तरह की परेशानियां दूर होती है.

चोला चढ़ाएं: हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए कई भक्त चोला भी चढ़ाते हैं. कहा जाता है कि इससे भक्तों की मनचाही मराद पूरी होती है.

कहा जाता है कि जनकपुर के इस प्राचीन हनुमान मंदिर में अर्जी लगाने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है. यहां दूसरे राज्यों से भी कई लोग बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए पहुंचते हैं. यही कारण है कि यहां हमेशा भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. हालांकि यहां सड़क की सुविधा न होने से आने-जाने वाले लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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Last Updated : Mar 20, 2024, 10:38 PM IST
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