धनबाद: आज के दौर में जब भी किसी व्यक्ति के साथ घरेलू समस्या होती है या कोई विवाद होता है या फिर आपराधिक घटनाएं होती है, वह थाना जाने से डरता है. महिला हो या फिर पुरुष सभी यही सोचते हैं कि पुलिस कार्रवाई करेगी या नहीं या फिर उसे डांट कर भगा देंगी. पुलिस और पब्लिक के बीच बढ़ती दूरी को खत्म करने के लिए झारखंड डीजीपी के निर्देश पर धनबाद समेत राज्य के 24 जिलों में 'जन शिकायत समाधान' कार्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है.
धनबाद के एसएसपी एचपी जनार्दनन ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि धनबाद के किसी भी थाना में पुलिस एफआईआर नहीं करती है तो पीड़ित व्यक्ति सीधे व्हाट्सएप नंबर 9470589467 या फिर झारखंड पुलिस के ईमेल पर शिकायत कर सकते हैं. हर शिकायत का रजिस्ट्रेशन होगा और 15 दिनों के भीतर शिकायत के आलोक में कार्रवाई भी की जाएगी. उन्होंने बताया कि 10 सितंबर को धनबाद के गोविंदपुर अल इकरा कॉलेज परिसर में लोगों की समस्या सुनी जाएंगी.
जहां पुलिस विभाग के कई बड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ जिला प्रशासन के भी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्र के लोग भी यहां आकर शिकायत कर सकते हैं. इस दौरान आपराधिक मामलों के साथ-साथ बिजली, पानी और सड़क समेत अन्य कई तरह की सामाजिक समस्याएं सुनी जाएगी और 15 दिनों के भीतर हर समस्या का समाधान होगा. एसएसपी ने बताया कि अभी जन शिकायत समाधान कार्यक्रम की शुरुआत हुई है. आने वाले दिनों में हर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में शहर से लेकर गांव तक जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन होगा, ताकि हर पीड़ित को इंसाफ मिल सके.
18 मुख्य मुद्दों पर लोगों की समस्याएं सुनेगी झारखंड पुलिस
डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर इस कार्यक्रम की शुरुआत 10 सितंबर से होगी. जन शिकायत समाधान कार्यक्रम में 18 मुख्य मुद्दे पर आम जनता की समस्या सुनी जाएगी और उनकी मदद की जाएगी. डीजीपी के मुताबिक, कार्रवाई योग्य शिकायत पर त्वरित निदान करना और पुलिस द्वारा बनाए जा रहे सर्वोत्तम पद्धतियों को प्रदर्शित करना ही इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य है. साथ ही नागरिकों की समस्या को समझते हुए पुलिस व्यवस्था में आवश्यक नीतिगत सुधार करना भी कार्यक्रम का उद्देश्य है.
- क्षेत्र से गुमशुदा बच्चों के संबंध में जानकारी प्राप्त करना और मामला दर्ज करना.
- क्षेत्र में संचालित विभिन्न संस्थाओं में महिलाओं और छात्रों के सुरक्षा के संबंध में जानकारी को प्राप्त करना.
- आम जनता को विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के बारे में बताना.
- नये अपराधिक कानून और जीरो एफआईआर के बारे में जानकारी देना.
- आम जनता को डायल 112 के बारे में बताना.
- आम जनता को साइबर ठगी होने पर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने के बारे में बताना.
- कमजोर वर्ग के नागरिकों के लिए घटनाओं की जांच पूर्ण करने और ऐसे संभावित घटनाओं की जानकारी प्राप्त करना.
- क्षेत्र में होने वाले अपराध, अपराधियों की सूचना ,साइबर अपराध की घटना और अवैध रूप से नागरिकों से डिपोजिट प्राप्त करने वाली संस्था चीट-फंड की जानकारी प्राप्त करना.
- क्षेत्र में सामाजिक मुद्दों के संबंध में जानकारी प्राप्त करना, जिससे भविष्य में विधि व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
- पुलिस थाना और संबंधित कर्मी होमगार्ड व चौकीदार का नागरिकों के साथ व्यवहार और शिकायतों पर उनके रिस्पॉन्स के संबंध में जानकारी प्राप्त करना.
- नये कोई विशेष मामले जो उस समय संज्ञान में लाये जायेंगे.
- ऐसे क्षेत्र जहां मानव तस्करी की घटना घटती है, वहां पर विशेष रूप से मानव तस्करी के पीड़ित के बारे में जानकारी प्राप्त करना और मानव तस्करी में संलिप्त अपराधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना.
- ऐसे क्षेत्र जहां पर डायन प्रथा को लेकर अपराध होते हैं, वहां पर विशेष रूप से डायन से संबंधित अपराध के पीड़ित को आवश्यक सहायता देना और दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई करना.
- ऐसे क्षेत्र जहां पर अफीम की खेती होती है, वहां की जानकारी प्राप्त करेंगे.
- ऐसे क्षेत्र जहां पर ब्राउन शुगर की खपत हो रही है, उसकी जानकारी प्राप्त करना और इसमें संलिप्त व्यक्ति की जानकारी जुटाना.
- ऐसे क्षेत्र (विशेष कर शहरी क्षेत्र) जहां रात में अड्डेबाजी आदि होती है, उसे चिन्हित करने का प्रयास करेंगे और जानकारी प्राप्त करेंगे की अड्डेबाजी हो रही है तो किसके द्वारा हो रही है और उसको कैसे रोका जाये.
- डीएसपी या उसके ऊपर स्तर के पदाधिकारी विशेष रूप से उन शिकायतों पर भी ध्यान देंगे, जहां पर अनुसंधानकर्ता ने किसी निर्दोष व्यक्ति को फंसाने व किसी दोषी व्यक्ति को बचाने के लिए गलत अनुसंधान किया हो. ऐसे मामलों में सुनिश्चित करेंगे कि पुनः जांच हो और बाद में न्याय हो सके.
- संबंधित क्षेत्र में सुरक्षा उपाय यथा सीसीटीवी का लगाना, नागरिक सुरक्षा समिति का गठन के लिए प्रेरित करना.
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