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जमुई के लोगों को सता रहा पैराशूट उम्मीदवारों का डर? जानें क्या कहता है जमुई लोकसभा का समीकरण? - JAMUI LOK SABHA SEAT - JAMUI LOK SABHA SEAT

Jamui constituency, Bihar Lok sabha election 2024, Date of Voting, Counting and Result date: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जमुई लोकसभा सीट पर पहले फेज में वोटिंग होगी. 19 अप्रैल को मतदाता वोट कास्ट करेंगे. वहीं इस सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 6:02 AM IST

Updated : Apr 18, 2024, 1:06 PM IST

देखें रिपोर्ट.

जमुई : महागठबंधन कहें या I.N.D.I.A गठबंधन अपने उम्मीदवार के रूप में अर्चना रविदास को आरजेडी चुनावी मैदान में उतार चुकी है. दूसरी तरफ NDA गठबंधन की ओर से जमुई सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में है. जमुई सांसद चिराग पासवान इस बार खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में जमुई लोकसभा से उनके जीजा अरुण भारती चुनावी मैदान में हैं.

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जमुई लोकसभा सीट में 6 विधानसभा : जमुई लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से जमुई जिले की चार जिसमें जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा आती हैं. जबकि मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट और शेखपुरा जिले की शेखपुरा विधानसभा सीटों में से 4 विधानसभा सीट पर एनडीए, एक पर राजद और एक पर निर्दलीय की जीत हुई. पिछले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लोजपा को बढ़त मिली थी. चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह अभी एनडीए के साथ हैं, तारापुर से जेडीयू, शेखपुरा से राजद, सिकंदरा से हम, जमुई से भाजपा, झाझा से जदयू के विधायक हैं.

जमुई में वोटर्स की संख्या : जमुई लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिऐ आरक्षित है. लेकिन यहां यादव व मुस्लिम मतदाता की संख्या काफी है. सभी राजनीतिक दलों दलों की नजर दलित और महादलित वोट बैंक पर होती है. ये उम्मीदवार की हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं. पुरूष वोटर 9,14,000 एवं महिला वोटर 8,10,750 हैं. 2019 में लोजपा को 55.76 प्रतिशत वोट मिले थे. (उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी) RLSP को 30.34 प्रतिशत और अन्य को 9.74% और नोटा को 4.16 फीसदी वोट मिले थे.

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जमुई का इतिहास : जमुई लोकसभा क्षेत्र बिहार के अन्य संसदीय क्षेत्रों से अलग है. 1952 के बाद दो बार विलोपित हुआ. पहली बार 1957 में इसका अस्तित्व खत्म हुआ और पांच साल बाद 1962 में फिर गठित हुआ. जब 1977 में इसका फिर से परिसिमन हुआ तो पुन: विलोपित हो गया. 30 साल बाद 2009 में फिर से अस्तित्व में आया. इस अवधि में ( 1977 से 2004 तक ) जमुई में चार जिले मुंगेर, बांका, गोड्डा और बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बना रहा. कुल मिलाकर 35 साल तक विलोपित रहा. आजादी के बाद से अबतक 8 सांसद चुने गए. 9वां सांसद चुना जाना है. 2024 लोकसभा चुनाव में, प्रथम चरण में जमुई में मतदान है.

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जमुई लोकसभा से चुने गए सांसद : 1952 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से बनारसी प्रसाद सिन्हा, 1952 में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नयन तारा दास, 1957 अस्तित्व में नहीं, 1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नयन तारा दास, 1967 में भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस से नयन तारा दास, 1971 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से भोला मांझी, 1977 अस्तित्व में नहीं, 2009 में जनता दल यूनाइटेड से भूदेव चौधरी, 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान, 2019 में भी लोकजनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान जीते थे. 2020 में चिराग पासवान ने लोजपा (रामविलास) नई पार्टी बनाई.

जमुई का जातीय समीकरण : जातीय समीकरण के लिहाज से इस सीट पर अधिक यादव जाति के मतदाता हैं, 3.5 लाख यादव, 2.5 लाख मुस्लिम वोटर, दलित और महादलित की आबादी लगभग 2.5 लाख तो सवर्णों की संख्या 2 लाख है, वहीं पिछड़ी जातियां 4 लाख के करीब हैं. अगर पुराना MY और नया BAAP वाला फैक्टर भी काम कर गया तो चिराग पासवान की राह मुश्किल हो सकती है.

''जमुई में RJD की अर्चना रविदास और LJPR के अरुण भारती (संभावित) के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है. कोई वोट कटवा यहां नहीं है. अरुण भारती बाहर कैंडिडेट हैं जबकि अर्चना रविदास अपने को जमुई की बेटी कहकर लोगों में पैठ बना रही हैं. अगर टिकट पैराशूट उम्मीदवार को मिला तो इसमें कोई दो मत नहीं है कि चुनाव रोमांचक नहीं होगा.''- निरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार

"हम लोग ये मानकर चल रहे हैं कि जमुई में पैराशूट उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेगा. यहां को जो लोकल मुद्दा है उसी पर चुनाव लड़े जाने की संभावना है. आरजेडी ने भी अर्चना रविदास को उतारा है. वो यहां की बेटी जरूर हैं लेकिन गाइड मुंगेर से होंगी. वहीं चिराग के बहनोई अगर यहां से लड़ने आते हैं तो वह भी पैराशूट उम्मीदवार ही होंगे."- राजीव रंजन, समाजसेवी

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देखें रिपोर्ट.

जमुई : महागठबंधन कहें या I.N.D.I.A गठबंधन अपने उम्मीदवार के रूप में अर्चना रविदास को आरजेडी चुनावी मैदान में उतार चुकी है. दूसरी तरफ NDA गठबंधन की ओर से जमुई सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में है. जमुई सांसद चिराग पासवान इस बार खुद हाजीपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं, ऐसे में जमुई लोकसभा से उनके जीजा अरुण भारती चुनावी मैदान में हैं.

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जमुई लोकसभा सीट में 6 विधानसभा : जमुई लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से जमुई जिले की चार जिसमें जमुई, झाझा, चकाई और सिकंदरा आती हैं. जबकि मुंगेर जिले की तारापुर विधानसभा सीट और शेखपुरा जिले की शेखपुरा विधानसभा सीटों में से 4 विधानसभा सीट पर एनडीए, एक पर राजद और एक पर निर्दलीय की जीत हुई. पिछले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लोजपा को बढ़त मिली थी. चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित सिंह अभी एनडीए के साथ हैं, तारापुर से जेडीयू, शेखपुरा से राजद, सिकंदरा से हम, जमुई से भाजपा, झाझा से जदयू के विधायक हैं.

जमुई में वोटर्स की संख्या : जमुई लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिऐ आरक्षित है. लेकिन यहां यादव व मुस्लिम मतदाता की संख्या काफी है. सभी राजनीतिक दलों दलों की नजर दलित और महादलित वोट बैंक पर होती है. ये उम्मीदवार की हार जीत में बड़ी भूमिका निभाते हैं. पुरूष वोटर 9,14,000 एवं महिला वोटर 8,10,750 हैं. 2019 में लोजपा को 55.76 प्रतिशत वोट मिले थे. (उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी) RLSP को 30.34 प्रतिशत और अन्य को 9.74% और नोटा को 4.16 फीसदी वोट मिले थे.

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जमुई का इतिहास : जमुई लोकसभा क्षेत्र बिहार के अन्य संसदीय क्षेत्रों से अलग है. 1952 के बाद दो बार विलोपित हुआ. पहली बार 1957 में इसका अस्तित्व खत्म हुआ और पांच साल बाद 1962 में फिर गठित हुआ. जब 1977 में इसका फिर से परिसिमन हुआ तो पुन: विलोपित हो गया. 30 साल बाद 2009 में फिर से अस्तित्व में आया. इस अवधि में ( 1977 से 2004 तक ) जमुई में चार जिले मुंगेर, बांका, गोड्डा और बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बना रहा. कुल मिलाकर 35 साल तक विलोपित रहा. आजादी के बाद से अबतक 8 सांसद चुने गए. 9वां सांसद चुना जाना है. 2024 लोकसभा चुनाव में, प्रथम चरण में जमुई में मतदान है.

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जमुई लोकसभा से चुने गए सांसद : 1952 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से बनारसी प्रसाद सिन्हा, 1952 में ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नयन तारा दास, 1957 अस्तित्व में नहीं, 1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नयन तारा दास, 1967 में भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस से नयन तारा दास, 1971 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से भोला मांझी, 1977 अस्तित्व में नहीं, 2009 में जनता दल यूनाइटेड से भूदेव चौधरी, 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान, 2019 में भी लोकजनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान जीते थे. 2020 में चिराग पासवान ने लोजपा (रामविलास) नई पार्टी बनाई.

जमुई का जातीय समीकरण : जातीय समीकरण के लिहाज से इस सीट पर अधिक यादव जाति के मतदाता हैं, 3.5 लाख यादव, 2.5 लाख मुस्लिम वोटर, दलित और महादलित की आबादी लगभग 2.5 लाख तो सवर्णों की संख्या 2 लाख है, वहीं पिछड़ी जातियां 4 लाख के करीब हैं. अगर पुराना MY और नया BAAP वाला फैक्टर भी काम कर गया तो चिराग पासवान की राह मुश्किल हो सकती है.

''जमुई में RJD की अर्चना रविदास और LJPR के अरुण भारती (संभावित) के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है. कोई वोट कटवा यहां नहीं है. अरुण भारती बाहर कैंडिडेट हैं जबकि अर्चना रविदास अपने को जमुई की बेटी कहकर लोगों में पैठ बना रही हैं. अगर टिकट पैराशूट उम्मीदवार को मिला तो इसमें कोई दो मत नहीं है कि चुनाव रोमांचक नहीं होगा.''- निरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार

"हम लोग ये मानकर चल रहे हैं कि जमुई में पैराशूट उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेगा. यहां को जो लोकल मुद्दा है उसी पर चुनाव लड़े जाने की संभावना है. आरजेडी ने भी अर्चना रविदास को उतारा है. वो यहां की बेटी जरूर हैं लेकिन गाइड मुंगेर से होंगी. वहीं चिराग के बहनोई अगर यहां से लड़ने आते हैं तो वह भी पैराशूट उम्मीदवार ही होंगे."- राजीव रंजन, समाजसेवी

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Last Updated : Apr 18, 2024, 1:06 PM IST
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