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JMM ने बहरागोड़ा के दबंग नेता को बनाया जमशेदपुर से अपना उम्मीदवार, संघर्षों से भरा रहा जीवन, कुछ ऐसा रहा है राजनीतिक सफर - Sameer Mohanty Political journey

Sameer Mohanty Political journey. झामुमो ने बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती को जमशेदपुर सीट से लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है. समीर मोहंती की छवि एक दबंग नेता की रही है. झामुमो से राजनीति में आये समीर कई पार्टियों में रहे. इस रिपोर्ट में जानिए उनके पूरे सफर के बारे में.

Sameer Mohanty Political journey.
Sameer Mohanty Political journey.
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 26, 2024, 9:56 AM IST

Updated : Apr 26, 2024, 12:20 PM IST

विधायक समीर मोहंती का बयान

घाटशिला: जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से इंडिया ब्लॉक के तहत झामुमो ने बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती को अपना प्रत्याशी बनाया है. समीर मोहंती का जीवन संघर्षमय रहा है. झारखंड आंदोलनकारी के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करते हुए वे विधायक बने. जिसके बाद अब झामुमो ने उनपर विश्वास जताते हुए लोकसभा प्रत्याशी बनाया है.

22 अप्रैल 1971 को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड के बेंद गांव में जन्में समीर मोहंती का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. उनके पिता का नाम स्वर्गीय भावेश चंद्र मोहंती, माता का नाम छाया रानी मोहंती, पत्नी का नाम नैना मोहंती है, उनकी एक बेटी भी है.

Sameer Mohanty Political journey
विधायक समीर मोहंती

विधायक समीर मोहंती ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में प्राप्त की, जिसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने चाकुलिया मनोहर लाल हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया. चूंकि चाकुलिया क्षेत्र में कोई डिग्री कॉलेज नहीं था, इसलिए उन्होंने घाटशिला कॉलेज, घाटशिला में अध्ययन किया और अपनी डिग्री प्राप्त की.

शिक्षा प्राप्ति के समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पढ़ाई पूरी की. इस दौरान वे समाजसेवा से भी जुड़े. हालांकि समीर मोहंती को उनके परिवार वालों ने कई बार समाज सेवा और राजनीति करने से मना किया, लेकिन उन्होंने समाज सेवा और राजनीति का क्षेत्र नहीं छोड़ा.

Sameer Mohanty Political journey
शिबू सोरेन के साथ समीर मोहंती

राजनीतिक जीवन में समीर मोहंती एक ताकतवर नेता के रूप में पहचाने जाने लगे. जनता की आवाज को लेकर समीर महंती का आंदोलन उग्र रूप ले लेता था, जिसे जनता काफी पसंद करती थी. अपने आंदोलनकारी स्वभाव और छवि के कारण समीर मोहंती को 13 बार जेल जाना पड़ा. उनके खिलाफ 26 मामले दर्ज हैं. जर्जर धालभूमगढ़-चाकुलिया सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर सड़क कटाव आंदोलन और चाकुलिया स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की पिटाई का मामला काफी चर्चित रहा. उनके परिवार वाले चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें.

गांव में खुशी की लहर

लंबे इंतजार के बाद समीर मोहंती बहरागोड़ा विधानसभा से विधायक बने और अब वे इंडिया अलायंस के जमशेदपुर लोकसभा से उम्मीदवार भी हैं. जैसे ही समीर मोहंती को जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से इंडिया एलायंस का उम्मीदवार घोषित किया गया, उनके गांव बेंद के ग्रामीणों और परिजनों में काफी खुशी देखने मिली, उन्हें यकीन है कि क्षेत्र की जनता समीर मोहंती को चुनेगी और वह निर्वाचित होकर दिल्ली जाएंगे.

समीर मोहंती का राजनीतिक सफर

  • 1993 से राजनीति में सक्रिय, झारखंड आंदोलनकारी में रहे
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा से राजनीति शुरू की
  • 1997 से 2004 तक झामुमो प्रखंड अध्यक्ष रहे
  • साल 2005 में उन्होंने पार्टी से बगावत कर आजसू पार्टी से चुनाव लड़ा और करीब 10 हजार वोट हासिल किये.
  • वर्ष 2009 में आजसू पार्टी के बैनर तले केला छाप से चुनाव लड़े, करीब 12 हजार वोट मिले.
  • साल 2014 में बीजेपी और आजसू के गठबंधन के कारण टिकट नहीं मिलने से नाराज समीर महंती ने जेवीएम का दामन थाम लिया और जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़ा और 42 हजार वोट हासिल किये.
  • वर्ष 2017-18 में भाजपा में शामिल हुए
  • साल 2019 में फिर घर लौटे और झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए, जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़े और बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बने. इस चुनाव में समीर मोहंती को कुल 1 लाख 6 हजार 17 वोट मिले. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी कुणाल षाड़ंगी को 60 हजार 565 वोटों से हराया. यह बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी.
  • जेएमएम पार्टी सुप्रीमो ने 2024 में एक बार फिर समीर मोहंती पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है

झारखंड आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले बहरागोड़ा विधानसभा के विधायक समीर मोहंती ने झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष से लेकर विधायक बनने तक का सफर तय किया. अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

समीर मोहंती को जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार के तौर पर टिकट दिया गया है. हालांकि, जमशेदपुर लोकसभा से झामुमो के टिकट को लेकर कई दिनों से सस्पेंस बना हुआ था. पार्टी और दूसरे दलों के कई नेता भी झामुमो से टिकट पाने की कोशिश में थे.

टिकट की रेस में नहीं थे समीर मोहंती

विधायक समीर मोहंती टिकट पाने की कतार में कहीं नहीं थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समीर पसंद आ गये. बस यह क्या था? कई नाम आए और गए, उनमें से पार्टी ने समीर मोहंती को लोकसभा के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार चुना.

Sameer Mohanty Political journey
सीएम चंपाई सोरेन के साथ समीर मोहंती

टिकट मिलने की घोषणा के बाद बहरागोड़ा विधानसभा के विधायक समीर मोहंती ने कहा कि उनके राजनीतिक गुरु मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है. हम उनके भरोसे पर खरा उतरने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगे. यह चुनाव जंग बन चुका है. हम ये लड़ाई लड़ेंगे, जीतेंगे और दिल्ली पहुंचेंगे.

यह भी पढ़ें: जानिए कौन है, झारखंड का एक जिला वाला इकलौता लोकसभा क्षेत्र - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: पार्टी ने जताया भरोसा, जनता देगी साथ, जीतकर संसद में बनूंगा झारखंड की आवाजः समीर मोहंती - lok sabha election 2024

यह भी पढ़ें: झामुमो ने जमशेदपुर से समीर मोहंती पर जताया भरोसा, गांडेय से कल्पना सोरेन होंगी उम्मीदवार - JMM candidate From Jamshedpur

विधायक समीर मोहंती का बयान

घाटशिला: जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से इंडिया ब्लॉक के तहत झामुमो ने बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती को अपना प्रत्याशी बनाया है. समीर मोहंती का जीवन संघर्षमय रहा है. झारखंड आंदोलनकारी के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू करते हुए वे विधायक बने. जिसके बाद अब झामुमो ने उनपर विश्वास जताते हुए लोकसभा प्रत्याशी बनाया है.

22 अप्रैल 1971 को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाकुलिया प्रखंड के बेंद गांव में जन्में समीर मोहंती का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. उनके पिता का नाम स्वर्गीय भावेश चंद्र मोहंती, माता का नाम छाया रानी मोहंती, पत्नी का नाम नैना मोहंती है, उनकी एक बेटी भी है.

Sameer Mohanty Political journey
विधायक समीर मोहंती

विधायक समीर मोहंती ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में प्राप्त की, जिसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने चाकुलिया मनोहर लाल हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया. चूंकि चाकुलिया क्षेत्र में कोई डिग्री कॉलेज नहीं था, इसलिए उन्होंने घाटशिला कॉलेज, घाटशिला में अध्ययन किया और अपनी डिग्री प्राप्त की.

शिक्षा प्राप्ति के समय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और पढ़ाई पूरी की. इस दौरान वे समाजसेवा से भी जुड़े. हालांकि समीर मोहंती को उनके परिवार वालों ने कई बार समाज सेवा और राजनीति करने से मना किया, लेकिन उन्होंने समाज सेवा और राजनीति का क्षेत्र नहीं छोड़ा.

Sameer Mohanty Political journey
शिबू सोरेन के साथ समीर मोहंती

राजनीतिक जीवन में समीर मोहंती एक ताकतवर नेता के रूप में पहचाने जाने लगे. जनता की आवाज को लेकर समीर महंती का आंदोलन उग्र रूप ले लेता था, जिसे जनता काफी पसंद करती थी. अपने आंदोलनकारी स्वभाव और छवि के कारण समीर मोहंती को 13 बार जेल जाना पड़ा. उनके खिलाफ 26 मामले दर्ज हैं. जर्जर धालभूमगढ़-चाकुलिया सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर सड़क कटाव आंदोलन और चाकुलिया स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर की पिटाई का मामला काफी चर्चित रहा. उनके परिवार वाले चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें.

गांव में खुशी की लहर

लंबे इंतजार के बाद समीर मोहंती बहरागोड़ा विधानसभा से विधायक बने और अब वे इंडिया अलायंस के जमशेदपुर लोकसभा से उम्मीदवार भी हैं. जैसे ही समीर मोहंती को जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से इंडिया एलायंस का उम्मीदवार घोषित किया गया, उनके गांव बेंद के ग्रामीणों और परिजनों में काफी खुशी देखने मिली, उन्हें यकीन है कि क्षेत्र की जनता समीर मोहंती को चुनेगी और वह निर्वाचित होकर दिल्ली जाएंगे.

समीर मोहंती का राजनीतिक सफर

  • 1993 से राजनीति में सक्रिय, झारखंड आंदोलनकारी में रहे
  • झारखंड मुक्ति मोर्चा से राजनीति शुरू की
  • 1997 से 2004 तक झामुमो प्रखंड अध्यक्ष रहे
  • साल 2005 में उन्होंने पार्टी से बगावत कर आजसू पार्टी से चुनाव लड़ा और करीब 10 हजार वोट हासिल किये.
  • वर्ष 2009 में आजसू पार्टी के बैनर तले केला छाप से चुनाव लड़े, करीब 12 हजार वोट मिले.
  • साल 2014 में बीजेपी और आजसू के गठबंधन के कारण टिकट नहीं मिलने से नाराज समीर महंती ने जेवीएम का दामन थाम लिया और जेवीएम के टिकट पर चुनाव लड़ा और 42 हजार वोट हासिल किये.
  • वर्ष 2017-18 में भाजपा में शामिल हुए
  • साल 2019 में फिर घर लौटे और झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हुए, जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़े और बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र से जीतकर विधायक बने. इस चुनाव में समीर मोहंती को कुल 1 लाख 6 हजार 17 वोट मिले. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी कुणाल षाड़ंगी को 60 हजार 565 वोटों से हराया. यह बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी.
  • जेएमएम पार्टी सुप्रीमो ने 2024 में एक बार फिर समीर मोहंती पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है

झारखंड आंदोलन से राजनीति में कदम रखने वाले बहरागोड़ा विधानसभा के विधायक समीर मोहंती ने झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष से लेकर विधायक बनने तक का सफर तय किया. अब पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.

समीर मोहंती को जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार के तौर पर टिकट दिया गया है. हालांकि, जमशेदपुर लोकसभा से झामुमो के टिकट को लेकर कई दिनों से सस्पेंस बना हुआ था. पार्टी और दूसरे दलों के कई नेता भी झामुमो से टिकट पाने की कोशिश में थे.

टिकट की रेस में नहीं थे समीर मोहंती

विधायक समीर मोहंती टिकट पाने की कतार में कहीं नहीं थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समीर पसंद आ गये. बस यह क्या था? कई नाम आए और गए, उनमें से पार्टी ने समीर मोहंती को लोकसभा के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार चुना.

Sameer Mohanty Political journey
सीएम चंपाई सोरेन के साथ समीर मोहंती

टिकट मिलने की घोषणा के बाद बहरागोड़ा विधानसभा के विधायक समीर मोहंती ने कहा कि उनके राजनीतिक गुरु मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है. हम उनके भरोसे पर खरा उतरने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगे. यह चुनाव जंग बन चुका है. हम ये लड़ाई लड़ेंगे, जीतेंगे और दिल्ली पहुंचेंगे.

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Last Updated : Apr 26, 2024, 12:20 PM IST
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