ETV Bharat / state

ठाकुर जी को कराया जाएगा जलविहार, गर्भगृह में रियासत कालीन चांदी का फव्वारा देगा शीतलता - Govind Devji Jal Yatra Utsav

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 20, 2024, 10:44 PM IST

Jalvihar Utsav, जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में वैशाख पूर्णिमा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक ठाकुर जी को विशेष तिथियों पर जलविहार करवाया जाएगा. वहीं, इस दौरान ठाकुर जी भक्तों को पानी बचाने का संदेश देंगे.

Jalvihar Utsav
ठाकुर जी को कराया जाएगा जलविहार (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. राजधानी में पारा 45 डिग्री के पार जा पहुंचा है. इस भीषण गर्मी में भगवान को भी जल यात्रा करने की तैयारी की जा रही है. शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में वैशाख पूर्णिमा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक ठाकुर जी को विशेष तिथियों पर जलविहार करवाया जाएगा. इस दौरान ठाकुर जी भी भक्तों को पानी बचाने का संदेश देंगे. पहले जो जलविहार की झांकी 1 घंटे की हुआ करती थी, उसका समय घटाकर 15 मिनट कर दिया गया है.

जयपुर की मंदिरों में वैशाख पूर्णिमा यानी 23 मई से जल यात्रा उत्सव की शुरुआत होगी. जल यात्रा उत्सव के तहत ज्येष्ठ महीने की विशेष तिथियों पर ठाकुर जी को जलविहार कराया जाएगा. पहले वैशाख पूर्णिमा से एक महीने तक हर दिन 1 घंटे की जलविहार झांकी हुआ करती थी, लेकिन अब भक्तों को पानी बचाने का संदेश देते हुए विशेष तिथियों व उत्सव पर ही जलविहार की झांकी सजेगी. इस झांकी के दौरान गर्भगृह में ठाकुर जी को रियासत कालीन चांदी का फव्वारा लगाकर शीतलता प्रदान की जाएगी. साथ ही ठाकुर जी को सूती धोती धारण कराई जाएगी और तरबूज, आम, जामुन, फालसे जैसे ऋतु फलों का भोग लगाया जाएगा. इस दौरान खस और गुलाब का शरबत भी भगवान को अर्पित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - जयपुर: छोटी कांशी के मंदिरों में गुरुवार से 1 माह तक सजेगी जलविहार की झांकियां, ठाकुरजी करेंगे 12 दिन नौका विहार

वहीं, मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि इस दौरान मैसूर और दूसरी जगह से मंगाया गया विशेष चंदन का लेप भी ठाकुर जी को लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पानी की बचत का संदेश देते हुए श्री जी को 15 मिनट ही जलविहार कराया जाएगा. ज्येष्ठ महीने की दोनों एकादशी पर जलविहार झांकी का समय शाम को 5:00 से 5:15 बजे रहेगा. जबकि अन्य तिथियों पर दोपहर में 12:30 से 12:45 तक जलविहार की झांकी सजेगी.

बता दें कि गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में इस बार वैशाख पूर्णिमा यानी 23 मई, उसके बाद 28 मई, 1 जून, 2 जून (एकादशी), 5 जून, 6 जून, 8 जून, 11 जून, 16 जून, 18 जून (एकादशी), 21 जून और 22 जून जल यात्रा उत्सव के तहत जलविहार की झांकी सजेगी. जलविहार का ये जल मंदिर के पीछे जय निवास उद्यान की ओर निकलता है. जहां श्रद्धालु इस जल में स्नान भी करते हैं और अपने साथ जल पात्र में भरकर घर भी लेकर के जाते हैं.

जयपुर. राजधानी में पारा 45 डिग्री के पार जा पहुंचा है. इस भीषण गर्मी में भगवान को भी जल यात्रा करने की तैयारी की जा रही है. शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में वैशाख पूर्णिमा से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक ठाकुर जी को विशेष तिथियों पर जलविहार करवाया जाएगा. इस दौरान ठाकुर जी भी भक्तों को पानी बचाने का संदेश देंगे. पहले जो जलविहार की झांकी 1 घंटे की हुआ करती थी, उसका समय घटाकर 15 मिनट कर दिया गया है.

जयपुर की मंदिरों में वैशाख पूर्णिमा यानी 23 मई से जल यात्रा उत्सव की शुरुआत होगी. जल यात्रा उत्सव के तहत ज्येष्ठ महीने की विशेष तिथियों पर ठाकुर जी को जलविहार कराया जाएगा. पहले वैशाख पूर्णिमा से एक महीने तक हर दिन 1 घंटे की जलविहार झांकी हुआ करती थी, लेकिन अब भक्तों को पानी बचाने का संदेश देते हुए विशेष तिथियों व उत्सव पर ही जलविहार की झांकी सजेगी. इस झांकी के दौरान गर्भगृह में ठाकुर जी को रियासत कालीन चांदी का फव्वारा लगाकर शीतलता प्रदान की जाएगी. साथ ही ठाकुर जी को सूती धोती धारण कराई जाएगी और तरबूज, आम, जामुन, फालसे जैसे ऋतु फलों का भोग लगाया जाएगा. इस दौरान खस और गुलाब का शरबत भी भगवान को अर्पित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - जयपुर: छोटी कांशी के मंदिरों में गुरुवार से 1 माह तक सजेगी जलविहार की झांकियां, ठाकुरजी करेंगे 12 दिन नौका विहार

वहीं, मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि इस दौरान मैसूर और दूसरी जगह से मंगाया गया विशेष चंदन का लेप भी ठाकुर जी को लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि पानी की बचत का संदेश देते हुए श्री जी को 15 मिनट ही जलविहार कराया जाएगा. ज्येष्ठ महीने की दोनों एकादशी पर जलविहार झांकी का समय शाम को 5:00 से 5:15 बजे रहेगा. जबकि अन्य तिथियों पर दोपहर में 12:30 से 12:45 तक जलविहार की झांकी सजेगी.

बता दें कि गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में इस बार वैशाख पूर्णिमा यानी 23 मई, उसके बाद 28 मई, 1 जून, 2 जून (एकादशी), 5 जून, 6 जून, 8 जून, 11 जून, 16 जून, 18 जून (एकादशी), 21 जून और 22 जून जल यात्रा उत्सव के तहत जलविहार की झांकी सजेगी. जलविहार का ये जल मंदिर के पीछे जय निवास उद्यान की ओर निकलता है. जहां श्रद्धालु इस जल में स्नान भी करते हैं और अपने साथ जल पात्र में भरकर घर भी लेकर के जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.