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जैसलमेर बार एसोसिएशन ने ADJ को हटाने की मांग को लेकर किया राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार, वकील से दुर्व्यवहार का लगाया आरोप - Demand for removal of ADJ

Jaisalmer Bar Association boycotted Rashtriya Lok Adalat, राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करते हुए जैसलमेर बार एसोसिएशन ने शनिवार को जिला मुख्यालय पर कोर्ट परिसर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, धरने पर बैठे अधिवक्ताओं ने जिले के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज पर एक वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया.

Jaisalmer Bar Association boycotted Rashtriya Lok Adalat
Jaisalmer Bar Association boycotted Rashtriya Lok Adalat
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 6:34 PM IST

जैसलमेर में धरने पर बैठे अधिवक्ता

जैसलमेर. जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करते हुए जैसलमेर बार एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय पर कोर्ट परिसर के आगे धरना दिया. धरना दे रहे वकीलों का आरोप है कि जिले के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने एक सीनियर वकील के साथ दुर्व्यवहार किया है. साथ ही मामले पर खेद प्रकट नहीं करने से सभी वकीलों में रोष है. इसको लेकर बार एसोसिएशन के वकीलों ने निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. वकीलों की मांग है कि जैसलमेर के एडीजे सुनील विश्नोई अधिवक्ता से दुर्व्यवहार की घटना को लेकर खेद प्रकट करें नहीं तो उनको यहां से हटाया जाए.

जानें पूरा मामला : बार एसोसिएशन के सदस्य व अधिवक्ता सवाई सिंह ने बताया कि एक सीनियर अधिवक्ता के साथ पिछले 28 फरवरी को न्यायिक अधिकारी सुनील विश्नोई ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अशोभनीय व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि वकील कोर्ट ऑफिसर होते हैं, जिनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए. साथ ही उन्होंने जिस तरह से सीनियर वकील का अपमान किया है, वो पूरी बार का अपमान है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से सभी वकील हताश व उदास हैं. साथ ही एडीजे के इस दुर्व्यवहार से सभी वकीलों में रोष व्याप्त है. यही वजह है कि उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया है. साथ ही बताया कि आगे भी यह जारी रहेगा. हम सभी वकीलों की मांग है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए या फिर वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. उन्होंने बताया कि इन दोनों में से अगर एक भी मांग नहीं मानी जाती है तो फिर वकीलों का यह बहिष्कार आगे भी जारी रहेगा.

इसे भी पढ़ें - Advocate Protest In Jaipur: प्रोटेक्शन कानून की मांग को लेकर वकीलों ने निकाला जुलूस

वरिष्ठ अधिवक्ता से दुर्व्यवहार का आरोप : इस मामले को लेकर सीनियर एडवोकेट दान सिंह मेहता ने बताया कि सीनियर अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार के बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत की. उसके बाद प्रस्ताव पारित कर जिला न्यायालय को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया. बार एशोसिएशन सचिव ने विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी व जैसलमेर जज के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है. हालांकि, जिला न्यायाधीश ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर समझौता वार्ता करने का प्रयास किया. इस वार्ता के दौरान भी न्यायिक अधिकारी सुनील विश्नोई ने दुर्व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि विश्नोई के इस कृत्य के बाद बार एसोसिएशन द्वारा पुनः मीटिंग की गई.

इसे भी पढ़ें - Advocates Protest In Udaipur: अधिवक्ताओं का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कहा- उदयपुर में 40 साल से हाईकोर्ट की मांग जारी

इसके साथ ही जिला न्यायाधीश ने पुनः समझौता वार्ता का प्रयास किया गया, लेकिन वो वार्ता असफल रही. उन्होंने बताया कि यही कारण है कि सभी वकीलों ने राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया है. साथ ही कहा कि जब तक सुनील विश्नोई अपने किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर माफी नहीं मांगते या उच्च अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक सभी वकीलों का विधिक सेवा प्राधिकरण व राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार जारी रहेगा.

एडीजे ने कही ये बात : इस पूरे मामले को लेकर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुनील विश्नोई ने कहा कि बार और बैंच के बीच सौहार्द बना रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई बार छोटी मोटी बातें हो जाती हैं, जो हम मिल बैठकर सुलझा भी लेते है. इस तरह राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करना गलत है.

जैसलमेर में धरने पर बैठे अधिवक्ता

जैसलमेर. जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करते हुए जैसलमेर बार एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय पर कोर्ट परिसर के आगे धरना दिया. धरना दे रहे वकीलों का आरोप है कि जिले के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने एक सीनियर वकील के साथ दुर्व्यवहार किया है. साथ ही मामले पर खेद प्रकट नहीं करने से सभी वकीलों में रोष है. इसको लेकर बार एसोसिएशन के वकीलों ने निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. वकीलों की मांग है कि जैसलमेर के एडीजे सुनील विश्नोई अधिवक्ता से दुर्व्यवहार की घटना को लेकर खेद प्रकट करें नहीं तो उनको यहां से हटाया जाए.

जानें पूरा मामला : बार एसोसिएशन के सदस्य व अधिवक्ता सवाई सिंह ने बताया कि एक सीनियर अधिवक्ता के साथ पिछले 28 फरवरी को न्यायिक अधिकारी सुनील विश्नोई ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए अशोभनीय व्यवहार किया. उन्होंने कहा कि वकील कोर्ट ऑफिसर होते हैं, जिनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए. साथ ही उन्होंने जिस तरह से सीनियर वकील का अपमान किया है, वो पूरी बार का अपमान है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना से सभी वकील हताश व उदास हैं. साथ ही एडीजे के इस दुर्व्यवहार से सभी वकीलों में रोष व्याप्त है. यही वजह है कि उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया है. साथ ही बताया कि आगे भी यह जारी रहेगा. हम सभी वकीलों की मांग है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए या फिर वो सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. उन्होंने बताया कि इन दोनों में से अगर एक भी मांग नहीं मानी जाती है तो फिर वकीलों का यह बहिष्कार आगे भी जारी रहेगा.

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वरिष्ठ अधिवक्ता से दुर्व्यवहार का आरोप : इस मामले को लेकर सीनियर एडवोकेट दान सिंह मेहता ने बताया कि सीनियर अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार के बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत की. उसके बाद प्रस्ताव पारित कर जिला न्यायालय को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया. बार एशोसिएशन सचिव ने विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी व जैसलमेर जज के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है. हालांकि, जिला न्यायाधीश ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बुलाकर समझौता वार्ता करने का प्रयास किया. इस वार्ता के दौरान भी न्यायिक अधिकारी सुनील विश्नोई ने दुर्व्यवहार किया. उन्होंने बताया कि विश्नोई के इस कृत्य के बाद बार एसोसिएशन द्वारा पुनः मीटिंग की गई.

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इसके साथ ही जिला न्यायाधीश ने पुनः समझौता वार्ता का प्रयास किया गया, लेकिन वो वार्ता असफल रही. उन्होंने बताया कि यही कारण है कि सभी वकीलों ने राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया है. साथ ही कहा कि जब तक सुनील विश्नोई अपने किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर माफी नहीं मांगते या उच्च अधिकारियों द्वारा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तब तक सभी वकीलों का विधिक सेवा प्राधिकरण व राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार जारी रहेगा.

एडीजे ने कही ये बात : इस पूरे मामले को लेकर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुनील विश्नोई ने कहा कि बार और बैंच के बीच सौहार्द बना रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई बार छोटी मोटी बातें हो जाती हैं, जो हम मिल बैठकर सुलझा भी लेते है. इस तरह राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करना गलत है.

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