शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र मंगलवार से शुरू हो रहा है. मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर ली है. मंगलवार शाम को शिमला में भाजपा विधायक दल की बैठक नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई.
बैठक में सदन के अंदर सरकार को किन मुद्दों को लेकर घेरना है इसको लेकर रणनीति बनाई गई. कानून व्यवस्था, प्रदेश में बंद किए जा रहे स्कूलों, बिजली की सब्सिडी और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सर्वदलीय बैठक में ना आने की वजह के बारे में कहा "इसके लिए पहले ही बता दिया गया था. भाजपा विधायक दल को सरकार से काफी नाराजगी और निराशा है जिस प्रकार से सत्ता पक्ष के मंत्री ने परंपरा को लेकर टिप्पणी की है वह ठीक नहीं है. परंपरा का जिक्र कांग्रेस के मंत्री ना ही करें तो सही रहेगा क्योंकि उन्होंने पहले भी कई परंपराएं तोड़ी हैं."
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष पर बोला हमला
जयराण ठाकुर ने कहा "विधानसभा अध्यक्ष के शब्दों का चयन भी ठीक नहीं रहा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि 6 विधायकों के सर कलम हो गए है और 3 के आरे के नीचे हैं. इन शब्दों को कोई भी विधायक सुनने को तैयार नहीं है. यह मर्यादा का उल्लंघन है. विधानसभा अध्यक्ष को इस बात का कोई खेद नहीं है ना ही इस बात का कोई एहसास है."
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एचआरटीसी की बसों में सफर के लिए पुलिसकर्मियों के अंशदान में पांच गुना बढ़ोतरी किए जाने को अनुचित बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा पुलिसकर्मी शासकीय काम से ही यात्रा करते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी जेब से पैसे देने पड़ रहे हैं.
एक बार सरकार एचआरटीसी की बसों में अनुदानित यात्रा पर रोक लगा देती है फिर पुलिसकर्मियों को आधिकारिक यात्रा पर यात्रा खर्च वापस देने की बात की. चौतरफा विरोध के बाद सरकार ने फिर पलटी मारी और पुलिसकर्मियों के अंशदान को पांच गुना बढ़ाने की शर्त पर उन्हें एचआरटीसी की बसों में यात्रा की अनुमति दी. हर पुलिसकर्मी हर साल अपने वेतन से 6 हज़ार रुपये बस में यात्रा करने के अंशदान के नाम पर कटवाएगा चाहे वह यात्रा करे या ना करे.