शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार द्वारा नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा राजनीति से प्रेरित होकर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
27 जुलाई को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहेंगी. इस बैठक के माध्यम से सरकार द्वारा प्रदेश के हितों के लिए अधिक से अधिक वित्तीय सहायता और परियोजनाओं को दिए जाने के संबंध में प्रदेश सरकार के सामने अपना पक्ष रख सकती है.
इन मांगों पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करती है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस तरह की महत्वपूर्ण बैठक का राजनीति से प्रेरित होकर बहिष्कार करना प्रदेश के हित में नहीं है. इस तरह की राजनीति हमेशा प्रदेश के विकास के लिए हानिकारक होती है.
प्रदेश के हितों से समझौता करके राजनीति नहीं की जा सकती है. नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के फैसले की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है. मुख्यमंत्री को इस बैठक में शामिल होकर हिमाचल के हितों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सहयोग मांगना चाहिए. उन्होंने कहा प्रदेश के विकास के मुद्दों को राजनीति से अलग रखना चाहिए.
कांग्रेस हाईकमान द्वारा नीति आयोग की महत्वपूर्ण मीटिंग को बॉयकॉट करने के निर्देश देना निराशाजनक है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस बार के आम बजट में हिमाचल प्रदेश का विशेष ख्याल रखा गया है.
आपदा से हुए नुकसान के पुनर्निर्माण के लिए बजट में प्रावधान करने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे फेज की घोषणा स्वागत योग्य कदम है. इससे पूरे प्रदेश के लोग लाभान्वित होंगे.
बजट में हिमाचल के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने के बाद भी राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के लिए आभार का एक शब्द भी नहीं बोला. इसके अलावा बजट में 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन किया गया है जो राज्यों को बिना किसी ब्याज के लंबी अवधि के लिए दिया जायेगा.
इसमें से भी हिमाचल को निर्धारित धनराशि मिलेगी जो प्रदेश के विकासात्मक कार्यों के लिए खर्च की जा सकेगी. जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट में हर वर्ग के सशक्तिकरण की बात की गई है.
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