मंडी: विधायक क्षेत्र विकास निधि को बंद करने के विरोध में विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली वार्षिक विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने जा रहे हैं. इसकी रणनीति भाजपा ने बीते रोज विधायक दल की वर्चुअल बैठक में बनाई है. यह जानकारी वीरवार को पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान दी.
'विधायक प्राथमिकता बैठक में विरोध स्वरूप शामिल नहीं होंगे': जयराम ठाकुर ने ने कहा कि विधायक रहते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायकों को मजबूत करने की बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लेकिन उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है. हिमाचल के इतिहास में पहली बार भाजपा विधायक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक में विरोध स्वरूप शामिल नहीं होंगे. मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक क्षेत्र विकास निधि करने के साथ विधायकों की बीएएसपी की एक किश्त तक जारी नहीं की है.
'कांग्रेसी विधायकों को ही मिल रहा बजट': जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों की एसबीडी का पैसा भी अधिकारियों के कहने पर कांग्रेसी विधायकों को ही बांटा जा रहा है. सीएम ग्राम सड़क योजना का पैसा अपने ऐच्छिक निधि की तरह बांट रहे हैं. इतना की नहीं अन्य विभागों का बजट भी भाजपा विधायकों को छोड़ सीएम कांग्रेसी विधायकों के विधानसभा में बांटने का काम कर रहे हैं.
'राज्यपाल महोदय से मिलेंगे': इन्हीं कारणों को देखते हुए भाजपा विधायक दल ने आपात मीटिंग कर निर्णय लिया है कि 29 फरवरी को भाजपा के सभी विधायक ये निधि बहाल न होने की सूरत में विरोधस्वरूप राज्यपाल महोदय से मिलेंगे और इस बैठक में भाग नहीं लेंगे. जयराम ठाकुर ने बताया कि इन सब मुद्दों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री का विधानसभा के बजट सत्र में पुरजोर तरीके से घरोव किया जाएगा. वहीं, प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण राज्यत्व दिवस पर कर्मचारियों प्रदेश सरकार से आस थी कि उन्हें आज डीए की किस्त जारी की जाएगी. लेकिन सीएम ने डीए की किस्त जारी न कर कर्मचारियों को भी निराश किया है.
'खुशी है कि दवाब में होने के बाद विक्रमादित्य सिंह अयोध्या गए': इस मौके पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य के द्वारा जयराम ठाकुर से भी बड़े रामभक्त होने के दावे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके इस बयान पर अभी वे कुछ भी टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें खुशी है विक्रमादित्य सिंह दबाव में होने के बाद भी अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे.