शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधायक निधि को लेकर सियासत गरमा गई है. एक तरफ जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक निधि बंद न करने की बात कर रहे हैं. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा विधायक निधि को बंद करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने विधायक निधि जारी न होने पर 29 और 30 जनवरी को सचिवालय में होने वाली विधायक प्राथमिकता की बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है.
जयराम की सीएम से मांग: जयराम ठाकुर ने कहा कि यदि विधायक निधि बंद नहीं की गई है तो मुख्यमंत्री विधायक निधि जारी क्यों नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सचिवालय में अधिकारी सिर्फ सीएम के ही नहीं है, बल्कि उनके भी सूत्र हैं और उन्हें भी जानकारी देते हैं. जब मुख्यमंत्री ने विधायक निधि जारी करने से साफ मना कर दिया था तो जब विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया तो अब मुख्यमंत्री जारी करने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री कह रहे हैं तो जल्द विधायक निधि जारी करें और यदि विधायक निधि को जारी नहीं किया जाता है तो 29 और 30 जनवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता की बैठक में विपक्ष के विधायक शामिल नहीं होंगे.
'मुख्यमंत्री की बातों पर भरोसा नहीं': नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि सारा विपक्ष विधायक प्राथमिकता की बैठक का बहिष्कार कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की बातों पर अब उन्हें भरोसा नहीं है. मुख्यमंत्री कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं. जब वह विधायक थे तो विधायक हितों को लेकर विधानसभा में आवाज उठाते थे और अब जब मुख्यमंत्री बने तो अब विधायक निधि में ही कटौती कर रहे हैं.
सीएम सुक्खू को जयराम ठाकुर की नसीहत: वहीं, केंद्र सरकार द्वारा मदद न करने के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि वह सोच समझकर बयान बाजी करें. हिमाचल में जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उसमें 90% अनुदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है. केवल दस प्रतिशत ही प्रदेश सरकार दे रही है और अब यह नौबत आ गई है कि वह 10% भी सरकार देने की स्थिति में नहीं है. जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा के दौरान भी प्रदेश की हर तरह से मदद की है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावितों को जो भी राहत राशि बांटी गई वह केंद्र द्वारा ही दी गई. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आपदा प्रभावितों को दी जाने वाली राशि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में बांटी गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को केंद्र सरकार के खिलाफ सोच समझकर बोला चाहिए.