रायपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार आदिवासियों की सुरक्षा में विफल साबित हुई है. आदिवासी हितों की सुरक्षा में भी ये सरकार फेल रही. जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार की दोस्ती पूंजीपतियों के साथ है. सरकार उनके लिए काम कर रही है. गरीब आदिवासियों पर उनका ध्यान नहीं है. रमेश ने सवालिया लहजे में कहा कि पीएम को इस मुद्दे पर बोलना चाहिए. ये बताना चाहिए कि आखिर क्यूं सरकार आदिवासी हितों की रक्षा में असमर्थ साबित हो रही है.
केंद्र सरकार से जयराम रमेश ने पूछा सवाल: जयराम रमेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य प्रदेश के लिए फेफड़ा है. जैव विविधता से भरा एक हरा भरा जंगल है. पर अब अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसको खत्म किया जा रहा है. हमारी जब सरकार थी तो हमने 40 कोयला ब्लॉक रद्द कर दिए. जब बीजेपी की सरकार आई तो हमारे सारे लिए फैसलों को बदल दिया गया. परसा कोयला खदान में फिर से काम शुरु हो चुका है. आदिवासी और स्थानीय लोग लगातार विरोध कर रहे हैं बावजूद इसके खनन का काम चालू है.
'विकास के नाम पर हसदेव का विनाश': जयराम रमेश ने कहा कि हसदेव के विनाश से आदिवासी समुदायों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी. उनकी आजीविका का साधन खत्म हो जाएगा. पर्यावरण और उसमें रहने वाले जंगली जीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी. इन सबके बावजूद कोल ब्लॉक का आवांटन होना बेहद दुखद है.
नगरनार स्टील प्लांट का उठाया मुद्दा: जयराम रमेश ने कहा कि पिछले साल ही नगरनार स्टील प्लांट को जनता के नाम समर्पित पीएम ने किया. नगरनार स्टील प्लांट की परिकल्पना किसी और ने नहीं बल्कि मनमोहन सिंह ने की थी. बस्तर को लोगों को उम्मीद थी कि 23800 करोड़ की लागत से बने इस प्लांट से बस्तर का विकास होगा. लेकिन अब ये जानकारी मिल रही है कि इसकी हिस्सेदारी बेची जाएगी.