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चलती ट्रेन में नाबालिग से जबरदस्ती करने वाले आरोपी को सात साल की सजा - Jaipur POCSO court

जयपुर पॉक्सो कोर्ट ने चलती ट्रेन में नाबालिग से जबरदस्ती करने वाले अभियुक्त को सात साल की सजा सुनाई है.

POCSO COURT SENTENCED, JAIPUR POCSO COURT
चलती ट्रेन में नाबालिग से जबरदस्ती करने वाले आरोपी को सात साल की सजा. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 17, 2024, 8:33 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने चलती ट्रेन के टॉयलेट में नाबालिग पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने वाले अभियुक्त सुनील सिंह को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने 24 वर्षीय इस अभियुक्त पर 51 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने 12 साल से छोटी पीड़िता के साथ गंभीर अपराध किया है. ऐसे अपराधों से समाज के शील, नैतिकता और बालिकाओं की सुरक्षा का खतरा है. ऐसी घटनाओं से समाज को बचाना जरूरी है, इसलिए अभियुक्त के प्रति उदारता नहीं बरती जा सकती.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 16 जून, 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा कि वह अपने परिवार के साथ जोधपुर-जयपुर इंटरसिटी से जयपुर आ रहा था. उसके ऊपर वाली सीट पर बैठा लड़का उसकी दस साल की बेटी को बहला-फुसला कर कोच के टॉयलेट में ले गया और अंदर से कुंडी लगा ली. उसे शक होने पर वह उसके पीछे गया और दरवाजा खटखटाया, लेकिन युवक ने दरवाजा नहीं खोला.

पढ़ेंः नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, 1.30 लाख का लगा जुर्माना - Bundi POCSO Court

इस पर उसने धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया. इस दौरान अभियुक्त युवक अपने व पीड़िता के कपडे़ उतार रखे थे. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, पीड़िता ने अदालत को बताया कि अभियुक्त ने उसके आधे कपडे़ उतार दिए थे और वह उसके साथ बदतमीजी करने वाला था, लेकिन पिता ने आकर उसे बचा लिया. दूसरी ओर अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि उसने अपराध नहीं किया है, इसलिए उसे बरी किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर द्वितीय ने चलती ट्रेन के टॉयलेट में नाबालिग पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने वाले अभियुक्त सुनील सिंह को सात साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने 24 वर्षीय इस अभियुक्त पर 51 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने 12 साल से छोटी पीड़िता के साथ गंभीर अपराध किया है. ऐसे अपराधों से समाज के शील, नैतिकता और बालिकाओं की सुरक्षा का खतरा है. ऐसी घटनाओं से समाज को बचाना जरूरी है, इसलिए अभियुक्त के प्रति उदारता नहीं बरती जा सकती.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 16 जून, 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा कि वह अपने परिवार के साथ जोधपुर-जयपुर इंटरसिटी से जयपुर आ रहा था. उसके ऊपर वाली सीट पर बैठा लड़का उसकी दस साल की बेटी को बहला-फुसला कर कोच के टॉयलेट में ले गया और अंदर से कुंडी लगा ली. उसे शक होने पर वह उसके पीछे गया और दरवाजा खटखटाया, लेकिन युवक ने दरवाजा नहीं खोला.

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इस पर उसने धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया. इस दौरान अभियुक्त युवक अपने व पीड़िता के कपडे़ उतार रखे थे. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं, पीड़िता ने अदालत को बताया कि अभियुक्त ने उसके आधे कपडे़ उतार दिए थे और वह उसके साथ बदतमीजी करने वाला था, लेकिन पिता ने आकर उसे बचा लिया. दूसरी ओर अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि उसने अपराध नहीं किया है, इसलिए उसे बरी किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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