जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग के साथ घर में घुसकर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त रविंद्र को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 95 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि चिकित्सीय साक्ष्य के अनुसार पीड़िता के शरीर पर कोई चोट आदि के निशान नहीं थे. ऐसे में यदि घटना में पीड़िता की सहमति भी थी तो भी वह महत्वहीन है, क्योंकि नाबालिग की सहमति का कानून में कोई महत्व नहीं होता है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने 12 जनवरी, 2021 को कोटपूतली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 4 जनवरी को वह गुरुग्राम गया हुआ था और उसकी पत्नी भी काम पर गई हुई थी. ऐसे में उसकी 14 साल की बेटी और नौ साल का बेटा ही घर पर था. इस दौरान पड़ौस में रहने वाला अभियुक्त उनके घर में घुस गया. यहां उसने बेटे को धमका कर छत पर भेज दिया और पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, जब अभियुक्त घर से बाहर निकल रहा था तो पड़ौस में रहने वाली महिला ने भी उसे देखा था.
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अभियुक्त ने जाते वक्त पीड़िता को घटना की जानकारी देने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी थी. वहीं, पीड़िता ने 6 जनवरी को घटना की जानकारी अपनी मां को दी. इस दौरान पीड़िता बीमार हो गई और दस जनवरी तक उसका इलाज चला. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान अभियुक्त पक्ष की ओर से कहा गया कि उसका पीड़ित पक्ष से रुपए का लेनदेन चल रहा था. ऐसे में उसे प्रकरण में फंसाया गया है, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.