जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने नाबालिग पीड़िता से शादी से पहले दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 14 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर एक लाख पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त पक्ष की ओर से पेश पीड़िता के साथ उसकी शादी का प्रमाण पत्र 30 मई 2023 का है, जिससे यह जाहिर होता है कि अभियुक्त से शादी से पूर्व ही दोनों के बीच हुए संबंधों से संतान पैदा हो चुकी है. यदि संबंध बनाने में पीड़िता की सहमति थी तो भी वह दुष्कर्म की श्रेणी में ही आएगा. नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती. अभियुक्त का कृत्य बहुत ही गंभीर एवं घृणित प्रकृति का है. ऐसे में उसे राहत नहीं दी जा सकती.
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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि मामले में पीड़िता के पिता ने 23 अगस्त 2020 को फागी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि अभियुक्त उसकी नाबालिग बेटी को कई बार परेशान करता था. इसे लेकर उसने पूर्व में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं होने से अभियुक्त के हौसले बुलंद हो गए. इसके चलते वह देर रात पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. अभियुक्त उसके साथ गलत काम कर सकता है या उसे जान से भी खत्म कर सकता है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब ढाई महीने बाद सीकर से पीड़िता को बरामद किया था.
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सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि वह अपनी सहेली के पास सीकर गई थी. वह अभियुक्त को जानती है. उसने अभियुक्त को बताया था कि उसके पापा उसकी शादी कर रहे हैं. तब अभियुक्त की मम्मी ने उसे अपने पास रख लिया था. वह उसकी मम्मी के साथ ही सोती थी और अभियुक्त ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उसे मामले में फंसाया जा रहा है और उसने पीड़िता से विवाह भी कर लिया है. ऐसे में उसे दोष मुक्त किया जाए.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि डीएनए जांच से दोनों के बीच संबंध बनना सामने आया है. अभियुक्त ने पीड़िता के साथ उसके वयस्क होने के बाद शादी की है, जबकि दुष्कर्म की घटना पीड़िता के नाबालिग रहने के दौरान की है. ऐसे में अभियुक्त को दंडित किया जाना उचित होगा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत में अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है.