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जयपुर स्थापना दिवस : प्रथम पूज्य को निमंत्रण के साथ समारोह का आगाज, महापौर-सांसद ने बजाए नगाड़े, पावणे भी झूमे - JAIPUR FOUNDATION DAY CELEBRATION

प्रथम पूज्य को निमंत्रण के साथ जयपुर स्थापना दिवस समारोह का आगाज. महापौर और सांसद ने बजाए नगाड़े. पावणे भी झूमे.

Jaipur Mayor
पूजा कार्यक्रम के दौरान जयपुर मेयर (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 18, 2024, 4:00 PM IST

जयपुर: ढोल-नगाड़ों की गूंज, प्रथम पूज्य की महाआरती और गजराज के पूजन के साथ सोमवार को जयपुर स्थापना दिवस समारोह का आगाज हुआ. ग्रेटर नगर निगम की ओर से मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य को जयपुर स्थापना दिवस समारोह के एक महीने के आयोजनों को लेकर निमंत्रण दिया गया.

इस दौरान महापौर और सांसद ने नगाड़े बजाते हुए जयपुर स्थापना दिवस का जश्न मनाया तो वहीं विदेशी पावणे भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए नजर आए. वहीं, इस दौरान मेयर ने हेरिटेज और ग्रेटर निगम की ओर से अलग-अलग आयोजन किए जाने के सवाल पर कहा कि जयपुर को बांटने वाले कोई और ही थे. वो जयपुर को एक करने वाले हैं.

जयपुर स्थापना दिवस समारोह का आगाज (ETV Bharat Jaipur)

आज जयपुर 297 साल का हो गया है. ऐसे में प्रथम पूज्य से लेकर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर और जहां से जयपुर की बसावट शुरू हुई उस गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की पूजा आराधना के साथ स्थापना दिवस समारोह का आगाज हुआ. इस अवसर पर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि आज भी जयपुर इतना सुंदर है कि हर व्यक्ति को आकर्षित करता है. हर व्यक्ति जयपुर में आने की इच्छा प्रकट करता है. मेयर समिट में दूसरे देशों के महापौरों ने भी जयपुर देखने की इच्छा प्रकट की थी.

Lord Worshipped in Jaipur
गोविंद देव जी की आरती (ETV Bharat Jaipur)

उन्होंने बताया कि जयपुर स्थापना दिवस समारोह का सोमवार को प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज को निमंत्रण दिया गया. इसके साथ ही यहां ढोल नगाड़ों के साथ महाआरती करते हुए गज पूजन भी किया गया. यहां विदेशी पावणों ने भी पूजन किया. ऐसे में निश्चित रूप से जयपुर की संस्कृति, सनातन संस्कृति, परंपराएं, रीति रिवाज सभी को आकर्षित करती है. इसके साथ ही गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की गई और फिर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी के दरबार में पहुंच कर उनकी पूजा-आराधना कर जयपुर और जयपुर वासियों के लिए मंगल कामना की है.

मेयर ने कहा कि जयपुर ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को विश्व के मानचित्र पर बरकरार रखा है. सवाई जयसिंह ने जयपुर को वास्तु के साथ विज्ञान का प्रयोग करते हुए बसाया था. वो कला के साथ धर्म को भी साथ लेकर चले. यही वजह है कि जयपुर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है और इस विरासत को संजोते हुए आधुनिकता की ओर कदम बढ़े तो आज इसे मेट्रो सिटी भी कहा जाता है.

Jaipur Nagar Nigam
ग्रेटर निगम की ओर से अलग-अलग आयोजन (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें : 297 साल का हुआ जयपुर, ब्रह्मांड की परिकल्पना पर बसाया गया था शहर, वास्तु कला और आध्यात्म का अनूठा उदाहरण

इसे भी एक अच्छा शगुन ही कहेंगे कि राइजिंग राजस्थान से ठीक पहले जयपुर स्थापना दिवस के आयोजन हो रहे हैं. इस दौरान उन्होंने हेरिटेज और ग्रेटर की ओर से अलग अलग आयोजन किए जाने से जयपुर के बंटने के सवाल पर कहा कि जयपुर को बांटने वाले कोई और ही थे. वो जयपुर को एक करने वाले हैं. जयपुर पहले भी एक था, एक है, एक रहेगा. जल्द यहां निगम भी एक हो जाएगा, क्योंकि जयपुर को बांटने वालों के जो मनसूबे थे, वो ना तो कभी पूरे हुए और ना कभी पूरे होंगे.

वहीं, इस बार होने वाले आयोजनों को लेकर मेयर ने कहा कि पिछली बार भी जयपुर की स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत स्थापना दिवस से ही की गई थी, इस बार का स्थापना दिवस समारोह भगवान श्री राम को समर्पित है. अयोध्या में रामलला मंदिर में विराजमान हो गए हैं और राजस्थान में राम राज्य आ गया है. अब राइजिंग राजस्थान के माध्यम से इसी राज्य में करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट जयपुर सहित पूरे राजस्थान में आने वाला है. उन्हें यहां आने वाले सभी अतिथियों के सत्कार का भी मौका मिलेगा. इसके लिए जयपुर के मुख्य मार्गों और चौराहों को स्थाई रंगोली से सजाया जाएगा.

Ganesh Puja
गजराज के पूजन के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम (ETV Bharat Jaipur)

यूथ को भी कनेक्ट किया जाएगा और हर जोन में मांडणा प्रतियोगिता की जाएगी. यहां गेटों को सजाया जाएगा और शहनाई वादन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य यही है कि जयपुर के कलाकारों, जयपुर के लोगों और जयपुर की संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके. इसके साथ ही महापौरों का संगम भी यहां होगा, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ दूसरे देशों के मेयर भी यहां पहुंचेंगे.

जयपुर: ढोल-नगाड़ों की गूंज, प्रथम पूज्य की महाआरती और गजराज के पूजन के साथ सोमवार को जयपुर स्थापना दिवस समारोह का आगाज हुआ. ग्रेटर नगर निगम की ओर से मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य को जयपुर स्थापना दिवस समारोह के एक महीने के आयोजनों को लेकर निमंत्रण दिया गया.

इस दौरान महापौर और सांसद ने नगाड़े बजाते हुए जयपुर स्थापना दिवस का जश्न मनाया तो वहीं विदेशी पावणे भी ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए नजर आए. वहीं, इस दौरान मेयर ने हेरिटेज और ग्रेटर निगम की ओर से अलग-अलग आयोजन किए जाने के सवाल पर कहा कि जयपुर को बांटने वाले कोई और ही थे. वो जयपुर को एक करने वाले हैं.

जयपुर स्थापना दिवस समारोह का आगाज (ETV Bharat Jaipur)

आज जयपुर 297 साल का हो गया है. ऐसे में प्रथम पूज्य से लेकर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर और जहां से जयपुर की बसावट शुरू हुई उस गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की पूजा आराधना के साथ स्थापना दिवस समारोह का आगाज हुआ. इस अवसर पर महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि आज भी जयपुर इतना सुंदर है कि हर व्यक्ति को आकर्षित करता है. हर व्यक्ति जयपुर में आने की इच्छा प्रकट करता है. मेयर समिट में दूसरे देशों के महापौरों ने भी जयपुर देखने की इच्छा प्रकट की थी.

Lord Worshipped in Jaipur
गोविंद देव जी की आरती (ETV Bharat Jaipur)

उन्होंने बताया कि जयपुर स्थापना दिवस समारोह का सोमवार को प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज को निमंत्रण दिया गया. इसके साथ ही यहां ढोल नगाड़ों के साथ महाआरती करते हुए गज पूजन भी किया गया. यहां विदेशी पावणों ने भी पूजन किया. ऐसे में निश्चित रूप से जयपुर की संस्कृति, सनातन संस्कृति, परंपराएं, रीति रिवाज सभी को आकर्षित करती है. इसके साथ ही गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की गई और फिर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी के दरबार में पहुंच कर उनकी पूजा-आराधना कर जयपुर और जयपुर वासियों के लिए मंगल कामना की है.

मेयर ने कहा कि जयपुर ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को विश्व के मानचित्र पर बरकरार रखा है. सवाई जयसिंह ने जयपुर को वास्तु के साथ विज्ञान का प्रयोग करते हुए बसाया था. वो कला के साथ धर्म को भी साथ लेकर चले. यही वजह है कि जयपुर को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है और इस विरासत को संजोते हुए आधुनिकता की ओर कदम बढ़े तो आज इसे मेट्रो सिटी भी कहा जाता है.

Jaipur Nagar Nigam
ग्रेटर निगम की ओर से अलग-अलग आयोजन (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें : 297 साल का हुआ जयपुर, ब्रह्मांड की परिकल्पना पर बसाया गया था शहर, वास्तु कला और आध्यात्म का अनूठा उदाहरण

इसे भी एक अच्छा शगुन ही कहेंगे कि राइजिंग राजस्थान से ठीक पहले जयपुर स्थापना दिवस के आयोजन हो रहे हैं. इस दौरान उन्होंने हेरिटेज और ग्रेटर की ओर से अलग अलग आयोजन किए जाने से जयपुर के बंटने के सवाल पर कहा कि जयपुर को बांटने वाले कोई और ही थे. वो जयपुर को एक करने वाले हैं. जयपुर पहले भी एक था, एक है, एक रहेगा. जल्द यहां निगम भी एक हो जाएगा, क्योंकि जयपुर को बांटने वालों के जो मनसूबे थे, वो ना तो कभी पूरे हुए और ना कभी पूरे होंगे.

वहीं, इस बार होने वाले आयोजनों को लेकर मेयर ने कहा कि पिछली बार भी जयपुर की स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत स्थापना दिवस से ही की गई थी, इस बार का स्थापना दिवस समारोह भगवान श्री राम को समर्पित है. अयोध्या में रामलला मंदिर में विराजमान हो गए हैं और राजस्थान में राम राज्य आ गया है. अब राइजिंग राजस्थान के माध्यम से इसी राज्य में करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट जयपुर सहित पूरे राजस्थान में आने वाला है. उन्हें यहां आने वाले सभी अतिथियों के सत्कार का भी मौका मिलेगा. इसके लिए जयपुर के मुख्य मार्गों और चौराहों को स्थाई रंगोली से सजाया जाएगा.

Ganesh Puja
गजराज के पूजन के साथ शुरू हुआ कार्यक्रम (ETV Bharat Jaipur)

यूथ को भी कनेक्ट किया जाएगा और हर जोन में मांडणा प्रतियोगिता की जाएगी. यहां गेटों को सजाया जाएगा और शहनाई वादन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य यही है कि जयपुर के कलाकारों, जयपुर के लोगों और जयपुर की संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके. इसके साथ ही महापौरों का संगम भी यहां होगा, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ दूसरे देशों के मेयर भी यहां पहुंचेंगे.

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