जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम ने कुरकुरे के सीलबंद पैकेट में तय 45 ग्राम नमकीन नहीं निकलने को गंभीर सेवा दोष और अनफेयर ट्रेड करार दिया है. इसके साथ ही आयोग ने पेप्सीको इंडिया होल्डिंग कंपनी पर 9500 रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने कंपनी को कहा है कि वह दो पैकेटों की 20 रुपए की राशि परिवाद दायर करने की तारीख 20 जून 2016 से 9 प्रतिशत ब्याज सहित परिवादी को भुगतान करे. आयोग के अध्यक्ष डॉ. सूबेसिंह यादव व सदस्य नीलम शर्मा ने यह आदेश मुकेश हरदासानी के परिवाद पर दिया.
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने अपने घरेलू कार्यक्रम केलिए कुरकुरे के 10 पैकेट 10 रुपए में खरीदे थे. उसने 8 पैकेट काम में ले लिए और जब बाकी दो पैकेट खोले तो उनमें नमकीन का वजन 45 ग्राम की बजाय 3 व 2 ग्राम ही था. वह जब पैकेटों को बदलवाने गया तो विक्रेता ने मना कर दिया और कहा कि इनकी पैकेजिंग व निर्माण में उसका कोई योगदान नहीं है. उसने यह पैकेट डीलर से खरीदे थे और वह नमकीन के पैकेट में कम मात्रा के लिए जिम्मेदार नहीं है.
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इस पर परिवादी ने विक्रेता और निर्माता कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में चुनौती देते हुए हर्जा-खर्चा दिलवाने का आग्रह किया. उपभोक्ता आयोग ने माना कि नमकीन की विपक्षी निर्माता कंपनी ने ही पैकेट में मात्रा कम दी है. ऐसे में वह परिवादी को हर्जाना व पैकेटों की राशि ब्याज सहित देने के लिए जवाबदेह है.