जयपुर. राजधानी के मानसरोवर इलाके में मंगलवार को अतिक्रमण पर जेडीए का पीला पंजा चलाया जा रहा है. जेडीए की ओर से मानसरोवर में 251 अवैध मकानों और दुकानों को तोड़ा जा रहा है. सुबह 10 बजे से जेडीए ने ये कार्रवाई शुरू की जो गुरुवार तक चलेगी. जेडीए की कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस जाप्ता भी तैनात है. फिलहाल मौके पर बुलडोजर से एक के बाद एक अवैध निर्मणों को ढहाया जा रहा है. हालांकि, यहां एक स्कूल बिल्डिंग को ध्वस्त नहीं किया गया. इस पर स्थानीय लोगों ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए सीएम से शिकायत करने की बात कही.
अवैध निर्माणों पर की जा रही कार्रवाई : जेडीए के मुख्य प्रवर्तन अधिकारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि न्यू सांगानेर रोड पर अतिक्रमण करते हुए बड़ी संख्या में अवैध मकान-दुकान का निर्माण किया गया, जिसके कारण कई जगह सड़क 60 फीट ही रह गई. इसे देखते हुए जेडीए अब इस रोड को चौड़ा करने का काम कर रहा है. जेडीए के पृथ्वीराज नगर जोन (दक्षिण) से जारी नोटिस के मुताबिक अतिक्रमियों को 17 जून तक निर्माण हटाने का समय भी दिया गया था. साथ ही स्पष्ट किया था कि यदि निजी स्तर पर अतिक्रमण नहीं हटता तो जेडीए कार्रवाई करेगा. उन्होंने बताया कि ये कार्रवाई 20 जून तक चलेगी. हालांकि इनमें से करीब 18 से 20 प्रकरणों में कोर्ट स्टे है. ऐसे में बाकी अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की जा रही है.
पढ़ें. दुकानों के बाहर अतिक्रमण पर चली JCB, व्यापारियों और ईओ के बीच हुई झड़प, धरने पर बैठे कर्मचारी
17 जून तक दिया था समय : मानसरोवर में हीरा पथ पर न्यू सांगानेर से वंदे भारत मार्ग पर मास्टर प्लान में 100 फीट चौड़ी रोड प्रस्तावित थी, लेकिन यहां स्थानीय लोगों ने मकान और दुकानों का निर्माण सड़क तक कर लिया, जिसकी वजह से यहां रोड 60 फीट ही रह गई. मामले में कोर्ट के आदेश के बाद जेडीए ने अतिक्रमणकर्ताओं को धारा 72 का नोटिस जारी करते हुए 17 जून तक अपने स्तर पर निर्माण हटाने का समय दिया था, लेकिन जेडीए की समझाइश के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाने पर मंगलवार को जेडीए की विजिलेंस टीम ने कार्रवाई शुरू की. स्थानीय थाना पुलिस की मौजूदगी में चिह्नित मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलाई गई. मौके पर फिलहाल बुलडोजर की सहायता से अवैध निर्माणों को तोड़ा जा रहा है.
CM से शिकायत की कही बात : यहां एक स्कूल की बड़ी इमारत को भी ध्वस्त नहीं किया गया. इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही. वहीं, मुख्य प्रवर्तन अधिकारी ने कहा कि स्कूल की बिल्डिंग काफी बड़ी है. सिर्फ अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में पूरी बिल्डिंग ना ढह जाए इसे ध्यान में रखते हुए एक बार स्कूल संचालक को दोबारा नोटिस दिया जाएगा, ताकि वो अपने स्तर पर अतिक्रमण हटाए. जेडीए की ओर से किसी भी अवैध निर्माण को छोड़ा नहीं जाएगा. बता दें कि जेडीए की ओर से अतिक्रमण तोड़े जाने को लेकर पहले डिमार्केशन किया गया था. इनमें अधिकांश तौर पर जो अतिक्रमण दिखा वो ज्यादातर भवनों की बाउंड्री है. इसके अलावा कुछ निर्माण कोठरीनुमा है, और कुछ पर कच्चे निर्माण हैं. इसके अलावा कुछ पुरानी दुकानें भी आ रही हैं, जिस पर बुलडोजर चलाया जा रहा है.
पढ़ें. अतिक्रमण के खिलाफ चला 'पीला पंजा', कलेक्टर ने संभाला मोर्चा, लोगों में हड़कंप