जयपुर : पिंकसिटी में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में जान गंवाने वालों के परिवारों और घायलों को अब एक बार फिर न्याय की उम्मीद जगी है. प्रदेश की भजनलाल सरकार की याचिका को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की मंजूरी दे दी है. जयपुर सीरियल बम धमाकों के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की एसएलपी को स्वीकार कर लिया है. न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार के समक्ष इस मामले के बिंदु सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं.
राजस्थान सरकार ने जयपुर सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर रहमान और मोहम्मद सलमान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है. साल 2008 में जयपुर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में इन चारों पर बम प्लांट करने और धमाकों को अंजाम देने के आरोप हैं. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से पैरवी की.
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ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया, हाईकोर्ट से बरी : जयपुर बम धमाके के चारो आरोपियों मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर रहमान और मोहम्मद सलमान को बम प्लांट करने और धमाके करने का दोषी मानते हुए दिसंबर 2019 में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. एक आरोपी को नाबालिग मानते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को चारों आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया था कि जांच एजेंसी उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई.
सात जगह पर 8 धमाके, 71 बेगुनाह मारे गए : जयपुर में 13 मई 2008 को शाम के समय 20 मिनट में 7 जगह पर 8 बम धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 71 बेगुनाह मारे गए थे, जबकि 200 लोग घायल हुए थे. मृतकों के परिवार और घायल आज भी बम धमाकों का दंश लिए घूम रहे हैं. अब इन परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है.