जयपुर. गोगामेड़ी मर्डर केस में जेल में बंद आरोपी बार-बार व्यापारियों को धमकी दे रहे थे. चित्रकूट थाना पुलिस ने इस मामले में दो जेलकर्मियों समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जेल में मोबाइल फोन पहुंचाने के चक्र को तोड़ दिया गया है. जेल कर्मियों की संलिप्तता पाए जाने के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई को अंजाम दिया. पुलिस ने हरियाणा निवासी सुमित यादव, कोटपूतली बहरोड निवासी विक्रम सिंह उर्फ कालू, जयपुर निवासी जीतराम चौधरी, हरियाणा निवासी साहिल शर्मा, टोंक निवासी राकेश जांगिड़, अजमेर निवासी गंगाराम गुर्जर, मनोज सिंह, रामस्वरूप, बाड़मेर निवासी नरेश कुमार, नागौर निवासी विक्रम सिंह और अजमेर निवासी पवन जांगिड़ को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि चित्रकूट थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर बंद शातिर बदमाशों तक मोबाइल फोन पहुंचने का काम करते थे. पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए दो जेलकर्मियों और गोगामेड़ी हत्याकांड में जेल में बंद सुमित यादव सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पिछले कई महीनों से अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद विभिन्न गैंग के सदस्यों की ओर से जयपुर शहर में अवैध वसूली और एक्सटॉर्शन के लिए बार-बार लोगों को धमकी दी जा रही थी.
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इसी प्रकार के एक मामले में पूर्व में हरमाड़ा थाना इलाके में धन राशि नहीं देने की वजह से एक शख्स की हत्या की साजिश भी बदमाशों ने रच ली थी. हालांकि, पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए हथियारों के साथ बदमाशों को वारदात से पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उस प्रकरण में कुल 16 बदमाशों को गिरफ्तार किया था. उसके बाद भी लगातार वैशाली नगर तो कभी श्याम नगर में विभिन्न व्यापारियों को शातिर बदमाशों की ओर से धमकी देकर अवैध राशि की मांग की जा रही थी.
वहीं, लगातार व्यापारियों को मिल रही धमकी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के सुपरविजन में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया. स्पेशल टीम को एक महत्वपूर्ण सूचना हाथ लगी कि हरियाणा के बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू की ओर से अजमेर हाई सिक्यूरिटी जेल में बंद शातिर बदमाशों को मोबाइल उपलब्ध कराए जाने हैं. विक्रम सिंह की ओर से मोबाइल फोन जेल में फेंके जाने थे, जिनका प्रयोग आपराधिक गैंग की ओर से लोगों को हत्या की धमकी और डरा धमका कर एक्स्टॉर्शन करने में किया जाना था. सूचना पर हरियाणा से आ रहे बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू को चित्रकूट थाना इलाके में स्पेशल टीम ने दबोच लिया. बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू के पास से एक देसी कट्टा और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए.
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पुलिस ने गिरफ्त में आए विक्रम से जब पूछताछ की तो इस बात का खुलासा हुआ कि विक्रम से बरामद किए गए फोन सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड में अजमेर जेल में बंद सुमित यादव को पहुंचाए जाने थे. जिसका प्रयोग सुमित की ओर से लोगों को धमकी देने और गैंग के दूसरे सदस्यों को अन्य दिशा निर्देश देने के लिए किया जाना था. आरोपी से हुई पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि गैंग के सदस्यों की जेल में सुविधाओं और मोबाइल फोन पकड़े जाने से पहले सूचना देने की एवज में एक्सटॉर्शन की धन राशि का कुछ हिस्सा जेल में पहुंचाया जा रहा था. साथ ही धमकी देने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति धन राशि नहीं देता तो उसके मर्डर के लिए फायरिंग करवाने की प्लानिंग चल रही थी. इस संबंध में एक पीड़ित की ओर से वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी. इन तमाम चीजों को मद्देनजर रखते हुए स्पेशल टीम ने एक्शन किया और अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुमित यादव सहित कुल 9 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की गिरफ्त में आए प्रत्येक आरोपी का इस पूरे प्रकरण में अलग-अलग रोल सामने आया है, जिनमें से आरोपी जीतू की ओर से गैंग को एमपी से सप्लाई मंगाकर पिस्टल्स उपलब्ध करवाई जानी थी. आरोपी रामस्वरूप उर्फ गजनी की ओर से सुमित यादव का जेलकर्मियों और जीतू से संपर्क करवाया गया. आरोपी प्रियांशू, साहिल और नरेश जांगिड गैंग की ओर से ली जा रही एक्सटॉर्शन की राशि को विभिन्न माध्यमों से जेल कैंटीन की सप्लाई से जुड़े आरोपी गंगाराम के मार्फत जेल में पहुंचा रहे थे. आरोपी राकेश जांगिड़ जो कैमरा रिपेयरिंग का काम करता है उसने आरोपी प्रियांशू के माध्यम से कुछ धन राशि प्राप्त की. उसके बदले में ड्रिल मशीन में छोटे मोबाइल फोन रखकर जेल में गैंग के सदस्यों तक पहुंचाए. गैंग के सदस्यों की ओर से रंगदारी नहीं देने वाले लोगों की हत्या को अंजाम दिया जाता उससे पहले ही आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया.
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पूछताछ में सामने आया है कि संगठित आपराधिक गैंग के तार आपस में जुड़े हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपी जीतराम चौधरी और रामस्वरूप पूर्व में रामकेश मीणा हत्याकांड में केस वार रहे हैं. जेल में इनकी दोस्ती सुमित यादव से हो गई. सुमित यादव अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद था और रामस्वरूप चौधरी अजमेर का रहने वाला है. रामस्वरूप और सुमित पूर्व में जयपुर जेल में बंद थे, जिन्होंने जेल में बंद गैंग के सदस्यों को लग्जरी लाइफ और सुख सुविधाएं प्रदान करने के लिए जेल में सेटिंग कर रखी थी. इस सेटिंग में एक्सटॉर्शन से प्राप्त धन राशि का एक बड़ा हिस्सा काम में लिया जाता. प्रकरण में जेल प्रहरी पवन जांगिड़ और विक्रम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों वर्तमान में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में कैंटीन सहायक का काम कर रहे हैं, जो जेल में बंद बदमाशों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने और एक्सटॉर्शन के लिए फोन उपलब्ध करवाने में मदद करते थे.
गिरफ्तार किए गए आरोपी सुमित यादव, रामस्वरूप जाट उर्फ गजनी, विक्रम सिंह उर्फ कालू, जीतराम उर्फ जीतेन्द्र उर्फ जीतू के खिलाफ पूर्व में हत्या, हत्या के प्रयास, मारपीट और आबकारी अधिनियम सहित अनेक संगीन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं. साथ ही आरोपी जीतराम उर्फ जीतेन्द्र गेगल थाने के अनेक प्रकरण में वांछित है. अब तक वैशाली नगर इलाके में एक व्यापारी को धमकी देने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और शिप्रापथ इलाके में धमकी देने के प्रकरण में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.