जींद: हरियाणा की जेलों में बंदियों बंद कैदियों द्वारा बनाये गये हस्तशिल्प सामानों की अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में रिकॉर्ड बिक्री हुई है. प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष दो फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित सूरजकुंड मेले में जेल के बंदियों द्वारा हस्तशिल्प एवं निर्मित सामान की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए जेल विभाग की तरफ से एक स्टॉल लगाई गई थी.
कैदियों ने बेचा एक करोड़ का सामान- कैदियों द्वारा निर्मित सामान की मेले में आए लोगों ने बहुत सराहना की. हरियाणा की सभी जेलों में निर्मित सामान की लगभग एक करोड़ रुपये की बिक्री की गई थी, जिसमें जिला जेल जींद के बंदियों द्वारा द्वारा हस्तशिल्प एवं निर्मित सामान की लगभग तीन लाख तीस हजार रुपये का सामान बेचा गया है. इससे राजस्व कोष में भी वृद्धि हुई है. महानिदेशक कारागार हरियाणा अकिल मोहमम्द के प्रयास से किए गए.
स्वरोजगार से कैदियों का विकास- जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि प्रशिक्षित पुरुष, महिला बंदी जेल से रिहाई के बाद समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपना व्यवसाय शुरू कर अपने परिवार की आजीविका को चला सकें, इसीलिए उनके स्किल निर्माण पर ध्यान दिया जाता है. जो कैदी जिस कला में बेहतर होता है उसे सहयोग किया जाता है. इससे उसमें कला विकसित होती है और वो स्वरोजगार के लायक बन पाता है.
जेल प्रशासन के इस कदम से जहां एक ओर बंदी अपने कार्य में व्यस्त रहेंगें वहीं वो अपने परिवार की आजीविका चलाने के काबिल भी बनते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि काम में व्यस्त रहने से कैदियों का मानसिक तनाव भी कम होगा. हरियाणा में हर साल अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प सूरजकुंड मेला लगता है. इसमें दुनिया के कई देशों के हस्त शिल्पकार अपना स्टॉल लगाते हैं. जींद के कैदियों ने भी अपने सामानों का स्टॉल लगाया था जिसे लोगों ने काफी पसंद किया.
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