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जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल : जयपुर में एक नए सांस्कृतिक लैंडमार्क की घोषणा, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी दर्शाया जाएगा - Heritage Festival

जयपुर के पूर्व राज परिवार के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने 'द जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल' के पहले संस्करण की घोषणा की. ये फेस्टिवल 27-29 दिसंबर 2024 तक जयगढ़ फोर्ट में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन को जेएलएफ का आयोजन करने वाले टीमवर्क आर्ट्स के साथ मिलकर किया जाएगा.

जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल
जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 15, 2024, 8:26 PM IST

जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल, किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. 18वीं शताब्दी में तैयार हुए जयगढ़ किले में दिसंबर में जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन होगा, जहां कन्वर्सेशन, हेरिटेज वॉक, वर्कशॉप्स, क्रॉफ्ट बाजार, साउंड एंड लाईट शो और एग्जॉटिक स्थानीय व्यंजनों के प्रदर्शन के जरिए राजस्थान की समृद्ध विरासत, इतिहास और संस्कृति पर भी प्रकाश डाला जाएगा. वहीं, इस आयोजन के दौरान वैज्ञानिक तरीके से विकसित किए गए जयपुर के हार्वेस्टिंग सिस्टम प्लान को भी दर्शाया जाएगा.

जयपुर के पूर्व राज परिवार के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने 'द जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल' के पहले संस्करण की घोषणा की. ये फेस्टिवल 27-29 दिसंबर 2024 तक जयगढ़ फोर्ट में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन को जेएलएफ का आयोजन करने वाले टीमवर्क आर्ट्स के साथ मिलकर किया जाएगा. आयोजन को लेकर सवाई पद्मनाभ सिंह ने बताया कि पिछली बार आयोजन छोटे लेवल पर किया गया था, लेकिन इस बार जयगढ़ फेस्टिवल को लार्ज स्केल पर करने की तैयारी है. राजस्थान के सबसे पुराने और मध्यकालीन किलों में से एक जयगढ़ के महत्व के साथ-साथ जयपुर और पूरे ढूंढाड़ क्षेत्र की कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने का ये प्रयास है.

इसे भी पढ़ें- बिन पानी सब सून : जयगढ़ किले का वाटर सिस्टम सैकड़ों सालों से फेल नहीं हुआ...प्रशासन को कुछ सीखना चाहिए

जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : पद्मनाभ सिंह ने जयपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य और विरासत को और आगे बढ़ाने के इस नए प्रयास के साथ जुड़ने की भी अपील की. साथ ही कहा कि जयगढ़ फोर्ट का हजारों सालों का अपना इतिहास रहा है. उस बैकड्राप को इस्तेमाल करते हुए आर्ट और क्राफ्ट के बारे में तो बात करेंगे ही साथ ही जयपुर के इतिहास को भी दर्शाया जाएगा. साथ ही जो सस्टेनेबल प्रैक्टिस हजारों साल पहले भी इस देश में हुआ करती थी, उसे भी दर्शाया जाएगा, जिसका उदाहरण यहां जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है. जिस तरह से जयपुर को वैज्ञानिक तरीके से बसाया गया है, उसी तरह जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्लान किया गया है और ये अभी भी ऑपरेशनल है. इसके अलावा भी जयगढ़ के आर्किटेक्चर और हिस्टोरिकल एलिमेंट्स को उजागर किया जाएगा.

टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के रॉय ने बताया कि यहां की कला, संस्कृति, साहित्य और विरासत को बढ़ावा देने के लिए मंच सजेगा. ये फेस्टिवल न केवल इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और परंपराओं पर प्रकाश डालेगा, बल्कि जयपुर को भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में और भी आगे बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि यहां का वेडिंग सीजन फेमस है.

जेएलएफ सीजन अपनी फेम बना चुका है. ऐसे में अभी यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए कुछ और नया करते हुए जयगढ़ फेस्टिवल लेकर के आए हैं, ताकि यहां की विरासत संस्कृति और कला को पैकेज कर लोग यहां से दुनिया भर में लेकर के जाएंगे. बता दें कि आमेर फोर्ट परिसर की प्राचीर के ऊपर स्थित जयगढ़ फोर्ट 18वीं शताब्दी का है. जयपुर के तत्कालीन राजपरिवार की विरासत के हिस्से के रूप में ये ऐतिहासिक महत्व रखता है. ये फोर्ट फेस्टिवल के लिए बैकड्रॉप और वेन्यू के रूप में काम करेगा, जहां लोक, शास्त्रीय और समकालीन संगीत में विशेषज्ञता रखने वाले विविध कलाकारों भी प्रदर्शन करेंगे.

जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल, किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. 18वीं शताब्दी में तैयार हुए जयगढ़ किले में दिसंबर में जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल का आयोजन होगा, जहां कन्वर्सेशन, हेरिटेज वॉक, वर्कशॉप्स, क्रॉफ्ट बाजार, साउंड एंड लाईट शो और एग्जॉटिक स्थानीय व्यंजनों के प्रदर्शन के जरिए राजस्थान की समृद्ध विरासत, इतिहास और संस्कृति पर भी प्रकाश डाला जाएगा. वहीं, इस आयोजन के दौरान वैज्ञानिक तरीके से विकसित किए गए जयपुर के हार्वेस्टिंग सिस्टम प्लान को भी दर्शाया जाएगा.

जयपुर के पूर्व राज परिवार के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने 'द जयगढ़ हेरिटेज फेस्टिवल' के पहले संस्करण की घोषणा की. ये फेस्टिवल 27-29 दिसंबर 2024 तक जयगढ़ फोर्ट में आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन को जेएलएफ का आयोजन करने वाले टीमवर्क आर्ट्स के साथ मिलकर किया जाएगा. आयोजन को लेकर सवाई पद्मनाभ सिंह ने बताया कि पिछली बार आयोजन छोटे लेवल पर किया गया था, लेकिन इस बार जयगढ़ फेस्टिवल को लार्ज स्केल पर करने की तैयारी है. राजस्थान के सबसे पुराने और मध्यकालीन किलों में से एक जयगढ़ के महत्व के साथ-साथ जयपुर और पूरे ढूंढाड़ क्षेत्र की कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने का ये प्रयास है.

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जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम : पद्मनाभ सिंह ने जयपुर के सांस्कृतिक परिदृश्य और विरासत को और आगे बढ़ाने के इस नए प्रयास के साथ जुड़ने की भी अपील की. साथ ही कहा कि जयगढ़ फोर्ट का हजारों सालों का अपना इतिहास रहा है. उस बैकड्राप को इस्तेमाल करते हुए आर्ट और क्राफ्ट के बारे में तो बात करेंगे ही साथ ही जयपुर के इतिहास को भी दर्शाया जाएगा. साथ ही जो सस्टेनेबल प्रैक्टिस हजारों साल पहले भी इस देश में हुआ करती थी, उसे भी दर्शाया जाएगा, जिसका उदाहरण यहां जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है. जिस तरह से जयपुर को वैज्ञानिक तरीके से बसाया गया है, उसी तरह जयगढ़ का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्लान किया गया है और ये अभी भी ऑपरेशनल है. इसके अलावा भी जयगढ़ के आर्किटेक्चर और हिस्टोरिकल एलिमेंट्स को उजागर किया जाएगा.

टीमवर्क आर्ट्स के प्रबंध निदेशक संजय के रॉय ने बताया कि यहां की कला, संस्कृति, साहित्य और विरासत को बढ़ावा देने के लिए मंच सजेगा. ये फेस्टिवल न केवल इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और परंपराओं पर प्रकाश डालेगा, बल्कि जयपुर को भारत के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में और भी आगे बढ़ाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि यहां का वेडिंग सीजन फेमस है.

जेएलएफ सीजन अपनी फेम बना चुका है. ऐसे में अभी यहां पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए कुछ और नया करते हुए जयगढ़ फेस्टिवल लेकर के आए हैं, ताकि यहां की विरासत संस्कृति और कला को पैकेज कर लोग यहां से दुनिया भर में लेकर के जाएंगे. बता दें कि आमेर फोर्ट परिसर की प्राचीर के ऊपर स्थित जयगढ़ फोर्ट 18वीं शताब्दी का है. जयपुर के तत्कालीन राजपरिवार की विरासत के हिस्से के रूप में ये ऐतिहासिक महत्व रखता है. ये फोर्ट फेस्टिवल के लिए बैकड्रॉप और वेन्यू के रूप में काम करेगा, जहां लोक, शास्त्रीय और समकालीन संगीत में विशेषज्ञता रखने वाले विविध कलाकारों भी प्रदर्शन करेंगे.

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