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पत्थर के चूरे से मौत की मिलावट, गुड़ में मिल रहा था खतरनाक केमिकल, फैक्ट्री सील - ALABASTER CHEMICAL FOOD

कवर्धा की गुड़ फैक्ट्री में खतरनाक सेलखड़ी केमिकल बरामद हुआ है.जिसका इस्तेमाल गुड़ को चमकाने में हो रहा था.

ALABASTER CHEMICAL FOOD
पत्थर के चूरे से मौत की मिलावट (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 25, 2025, 7:35 PM IST

कवर्धा: कबीरधाम जिले गुड़ फैक्ट्री में जहरीले सेलखड़ी केमिकल का इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है. गुड़ संचालक संघ ने इसका भंडाफोड़ किया.जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री सील कर दी.यही नहीं दूसरी गुड़ फैक्ट्रियों की जांच के भी आदेश दिए गए हैं.

कहां गुड़ में मिलाया जा रहा था केमिकल : संघ से मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा के जंगलपुर स्थित मां दुर्गा गुड़ उद्योग में गुड़ को चमकदार और वजनदार बनाया जा रहा था.जिसके लिए खतरनाक सेलखड़ी केमिकल का इस्तेमाल हो रहा था.ये मामला तब उजागर हुआ, जब गुड़ फैक्ट्री संचालक संघ को इस बारे में गुप्त सूचना मिली.

देर रात संघ ने मारा छापा : गुड़ संचालक संघ के 15-20 पदाधिकारियों ने बुधवार रात दो बजे फैक्ट्री पर छापा मारा. जहां अधिकारियों को दो ट्रक लगभग 30 टन मारबल पत्थर के पाउडर से बना सेलखड़ी केमिकल मिला. इस केमिकल को सीमेंट की बोरियों में पैक कर उत्तर प्रदेश से लाया गया था. प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई कि दूसरी फैक्ट्रियों में भी इस केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा था.

गुड़ फैक्ट्री में खतरनाक सेलखड़ी केमिकल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


सेलखड़ी केमिकल क्यों है खतरनाक : जानकारों के मुताबिक सेलखड़ी केमिकल को डायमंड पाउडर भी कहा जाता है. जिसके सेवन से किडनी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. लंबे समय तक इसका उपयोग करने से किडनी फेल होने की संभावना है. यह मिलावट ना केवल गुड़ की गुणवत्ता को खराब करती है, बल्कि मानव शरीर के लिए घातक है.सेलखड़ी पाउडर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन में क्रीम और पाउडर बनाने में किया जाता है. मिलावट खोर इसे खाने की चीजों में इस्तेमाल करके लोगों की जान खतरे में डालते हैं. सिर्फ गुड़ ही नहीं बल्कि आटा,डेयरी प्रोडक्ट,मैदा और होटल में तैयार की जाने वाली मिठाईयों में भी सेलखड़ी की मिलावट की जा रही है.इस केमिकल का इस्तेमाल चीजों को चमकाने के लिए भी होता है. ऐसे में आप खुद समझ लिजिए ये हमारे शरीर के अंदर जाकर कितना नुकसान पहुंचा सकता है.

बरामद केमिकल मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है. सैंपल रिपोर्ट आने के बाद संबंधित फैक्ट्री संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.इस अपराध में छह महीने तक की सजा का प्रावधान है- जितेंद्र नेले, अधिकारी, खाद्य एवं औषधि विभाग

कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश : कलेक्टर गोपाल वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मां दुर्गा गुड़ उद्योग को तुरंत सील करने के आदेश दिए हैं. साथ ही, जिले की सभी गुड़ फैक्ट्रियों में जांच अभियान चलाने और किसी भी अनियमितता पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.

जहरीले केमिकल के उपयोग को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.जिन भी फैक्ट्रियों में इस तरह के केमिकल इस्तेमाल किए जा रहे हैं सभी पर कार्रवाई की जाएगी- गोपाल वर्मा, कलेक्टर

आमदनी के लिए स्वास्थ्य से खिलवाड़ : इस घटना से ये साफ हो गया है कि कुछ लोग अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मानव जीवन को खतरे में डालने से भी नहीं हिचक रहे हैं. गुड़ में मिलाए जाने वाले इस केमिकल से ना केवल उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य खतरे में है, बल्कि पूरे गुड़ उद्योग की छवि को नुकसान पहुंचा है.
कबीरधाम प्रशासन ने इस घटना के बाद जिले की सभी गुड़ फैक्ट्रियों पर निगरानी बढ़ा दी है. खाद्य एवं औषधि विभाग ने अन्य फैक्ट्रियों में भी सैंपल जांच के निर्देश दिए हैं. जल्द ही व्यापक स्तर पर जांच अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है. ताकि ऐसी खतरनाक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके.आपको बता दें कि गुड़ फैक्ट्री संघ के पदाधिकारियों ने सतर्कता दिखाते हुए मामले की जानकारी खाद्य और औषधि विभाग को दी. संघ ने फैक्ट्री के संचालक मनोज चंद्रवंशी से पूछताछ की और इसे प्रशासन के हवाले कर दिया. खाद्य औषधि विभाग ने मौके पर पहुंचकर सभी केमिकल जब्त किए और सैंपल जांच के लिए भेजा है.



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कवर्धा: कबीरधाम जिले गुड़ फैक्ट्री में जहरीले सेलखड़ी केमिकल का इस्तेमाल करने का मामला सामने आया है. गुड़ संचालक संघ ने इसका भंडाफोड़ किया.जिसके बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री सील कर दी.यही नहीं दूसरी गुड़ फैक्ट्रियों की जांच के भी आदेश दिए गए हैं.

कहां गुड़ में मिलाया जा रहा था केमिकल : संघ से मिली जानकारी के अनुसार कवर्धा के जंगलपुर स्थित मां दुर्गा गुड़ उद्योग में गुड़ को चमकदार और वजनदार बनाया जा रहा था.जिसके लिए खतरनाक सेलखड़ी केमिकल का इस्तेमाल हो रहा था.ये मामला तब उजागर हुआ, जब गुड़ फैक्ट्री संचालक संघ को इस बारे में गुप्त सूचना मिली.

देर रात संघ ने मारा छापा : गुड़ संचालक संघ के 15-20 पदाधिकारियों ने बुधवार रात दो बजे फैक्ट्री पर छापा मारा. जहां अधिकारियों को दो ट्रक लगभग 30 टन मारबल पत्थर के पाउडर से बना सेलखड़ी केमिकल मिला. इस केमिकल को सीमेंट की बोरियों में पैक कर उत्तर प्रदेश से लाया गया था. प्राथमिक जांच में ये बात सामने आई कि दूसरी फैक्ट्रियों में भी इस केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा था.

गुड़ फैक्ट्री में खतरनाक सेलखड़ी केमिकल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)


सेलखड़ी केमिकल क्यों है खतरनाक : जानकारों के मुताबिक सेलखड़ी केमिकल को डायमंड पाउडर भी कहा जाता है. जिसके सेवन से किडनी से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं. लंबे समय तक इसका उपयोग करने से किडनी फेल होने की संभावना है. यह मिलावट ना केवल गुड़ की गुणवत्ता को खराब करती है, बल्कि मानव शरीर के लिए घातक है.सेलखड़ी पाउडर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन में क्रीम और पाउडर बनाने में किया जाता है. मिलावट खोर इसे खाने की चीजों में इस्तेमाल करके लोगों की जान खतरे में डालते हैं. सिर्फ गुड़ ही नहीं बल्कि आटा,डेयरी प्रोडक्ट,मैदा और होटल में तैयार की जाने वाली मिठाईयों में भी सेलखड़ी की मिलावट की जा रही है.इस केमिकल का इस्तेमाल चीजों को चमकाने के लिए भी होता है. ऐसे में आप खुद समझ लिजिए ये हमारे शरीर के अंदर जाकर कितना नुकसान पहुंचा सकता है.

बरामद केमिकल मानव शरीर के लिए बेहद खतरनाक है. सैंपल रिपोर्ट आने के बाद संबंधित फैक्ट्री संचालक पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.इस अपराध में छह महीने तक की सजा का प्रावधान है- जितेंद्र नेले, अधिकारी, खाद्य एवं औषधि विभाग

कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश : कलेक्टर गोपाल वर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मां दुर्गा गुड़ उद्योग को तुरंत सील करने के आदेश दिए हैं. साथ ही, जिले की सभी गुड़ फैक्ट्रियों में जांच अभियान चलाने और किसी भी अनियमितता पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं.

जहरीले केमिकल के उपयोग को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.जिन भी फैक्ट्रियों में इस तरह के केमिकल इस्तेमाल किए जा रहे हैं सभी पर कार्रवाई की जाएगी- गोपाल वर्मा, कलेक्टर

आमदनी के लिए स्वास्थ्य से खिलवाड़ : इस घटना से ये साफ हो गया है कि कुछ लोग अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए मानव जीवन को खतरे में डालने से भी नहीं हिचक रहे हैं. गुड़ में मिलाए जाने वाले इस केमिकल से ना केवल उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य खतरे में है, बल्कि पूरे गुड़ उद्योग की छवि को नुकसान पहुंचा है.
कबीरधाम प्रशासन ने इस घटना के बाद जिले की सभी गुड़ फैक्ट्रियों पर निगरानी बढ़ा दी है. खाद्य एवं औषधि विभाग ने अन्य फैक्ट्रियों में भी सैंपल जांच के निर्देश दिए हैं. जल्द ही व्यापक स्तर पर जांच अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है. ताकि ऐसी खतरनाक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके.आपको बता दें कि गुड़ फैक्ट्री संघ के पदाधिकारियों ने सतर्कता दिखाते हुए मामले की जानकारी खाद्य और औषधि विभाग को दी. संघ ने फैक्ट्री के संचालक मनोज चंद्रवंशी से पूछताछ की और इसे प्रशासन के हवाले कर दिया. खाद्य औषधि विभाग ने मौके पर पहुंचकर सभी केमिकल जब्त किए और सैंपल जांच के लिए भेजा है.



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