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टीचर जी की अनोखी क्लास, बच्चों को पढ़ाने में लगाती हैं अपनी सैलरी, सामने आई ये वजह - Jabalpur Unique Teacher

मध्य प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में शिक्षा के स्तर को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. कई गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है. इसी एक महिला शिक्षक ऐसी भी हैं जो बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी सैलरी खर्च कर देती हैं. शिक्षक दिवस पर जानें जबलपुर के एक छोटे से गांव में शिक्षा की अलख जगाने वाली ब्रजनंदिनी सेन के बारे में.

TEACHERS DAY SPECIAL
टीचर जी की अनोखी क्लास (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 5:30 PM IST

जबलपुर : शहपुरा के टेढ़ चौकी स्थित प्राथमिक शाला में बृजनंदिनी सेन पदस्थ हैं. यहां स्कूल का भवन जर्जर हो चुका था, जिसे तोड़ने के बाद फिलहाल नया भवन नहीं बना है. बच्चों की पढ़ाई पेड़ के नीचे संचालित हो रही थी. बारिश और धूप की वजह से बच्चे स्कूल छोड़ने लगे थे, जिससे उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे. इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, ब्रजनंदिनी सेन ने कुछ ऐसा किया, जिससे उनकी हर ओर चर्चा हो रही है.

ब्रजनंदिनी सेन (Etv Bharat)

सैलरी से चुका रहीं स्कूल का किराया

बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए टीचर ब्रजनंदिनी सेन ने पास ही एक कमरा लिया और उसका किराया अपनी सैलरी से चुकाना शुरू किया. इसके बाद स्कूल का संचालन यहीं किया जा रहा है. बच्चों की पढ़ाई अब जारी है और उनका भविष्य संवारने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है. ब्रजनंदिनी सेन अपनी सैलरी के दो हजार रु से स्कूल के कमरे का किराया चुकाती हैं.

Jabalpur Unique Teacher
महिला शिक्षक की अनोखी पहल (Etv Bharat)

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ब्रजनंदिनी ने न सिर्फ अपनी सैलरी से किराया दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि बच्चों को पढ़ाई के लिए एक सुरक्षित और स्थिर वातावरण मिले. उनकी इस पहल से न केवल बच्चों की शिक्षा जारी रही, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है. इस समय स्कूल में कुल 32 बच्चे अध्ययनरत हैं और उनके साथ दो महिला शिक्षक भी पदस्थ हैं. ब्रजनंदिनी सेन की इस अनूठी और प्रेरणादायक पहल ने यह साबित कर दिया कि एक शिक्षक न केवल ज्ञान का प्रदाता होता है, बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य का संरक्षक भी होता है. ब्रजनंदिनी कहती हैं, '' जर्जर भवन तोड़े जाने के बाद पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा था, ऐसे में पास ही सैलरी के पैसों से किराए का कमरा लिया, जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. शासन से नए स्कूल भवन के लिए भी मांग की है.''

जबलपुर : शहपुरा के टेढ़ चौकी स्थित प्राथमिक शाला में बृजनंदिनी सेन पदस्थ हैं. यहां स्कूल का भवन जर्जर हो चुका था, जिसे तोड़ने के बाद फिलहाल नया भवन नहीं बना है. बच्चों की पढ़ाई पेड़ के नीचे संचालित हो रही थी. बारिश और धूप की वजह से बच्चे स्कूल छोड़ने लगे थे, जिससे उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडराने लगे. इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, ब्रजनंदिनी सेन ने कुछ ऐसा किया, जिससे उनकी हर ओर चर्चा हो रही है.

ब्रजनंदिनी सेन (Etv Bharat)

सैलरी से चुका रहीं स्कूल का किराया

बच्चों की शिक्षा बाधित न हो इसके लिए टीचर ब्रजनंदिनी सेन ने पास ही एक कमरा लिया और उसका किराया अपनी सैलरी से चुकाना शुरू किया. इसके बाद स्कूल का संचालन यहीं किया जा रहा है. बच्चों की पढ़ाई अब जारी है और उनका भविष्य संवारने की दिशा में ये एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है. ब्रजनंदिनी सेन अपनी सैलरी के दो हजार रु से स्कूल के कमरे का किराया चुकाती हैं.

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ब्रजनंदिनी ने न सिर्फ अपनी सैलरी से किराया दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि बच्चों को पढ़ाई के लिए एक सुरक्षित और स्थिर वातावरण मिले. उनकी इस पहल से न केवल बच्चों की शिक्षा जारी रही, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है. इस समय स्कूल में कुल 32 बच्चे अध्ययनरत हैं और उनके साथ दो महिला शिक्षक भी पदस्थ हैं. ब्रजनंदिनी सेन की इस अनूठी और प्रेरणादायक पहल ने यह साबित कर दिया कि एक शिक्षक न केवल ज्ञान का प्रदाता होता है, बल्कि बच्चों के उज्जवल भविष्य का संरक्षक भी होता है. ब्रजनंदिनी कहती हैं, '' जर्जर भवन तोड़े जाने के बाद पेड़ के नीचे बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा था, ऐसे में पास ही सैलरी के पैसों से किराए का कमरा लिया, जहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. शासन से नए स्कूल भवन के लिए भी मांग की है.''

Last Updated : Sep 5, 2024, 5:30 PM IST
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