जबलपुर: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर जिले में सभी तहसीलदार हड़ताल पर चले गए हैं. तहसीलदारों ने हरि सिंह धुर्वे के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस करने की मांग की है. तहसीलदार हरि सिंह पर फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन का गलत ढंग से ट्रांसफर करने का आरोप है. इस शिकायत के बाद पुलिस तहसीलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन ट्रांसफर
जबलपुर की विजयनगर पुलिस ने तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को उनके घर से गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया है. हरि सिंह धुर्वे पर आरोप है कि उन्होंने अधारताल तहसील में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर की फर्जी वसीयत के आधार पर जमीन का गलत ढंग से ट्रांसफर कर दिया. दरअसल, मामला कुछ ऐसा है कि जबलपुर के रैगवा गांव में महावीर पांडे के नाम पर एक हेक्टेयर जमीन थी. महावीर पांडे की मौत के बाद यह जमीन उनके पुत्र शिवचरण पांडे के नाम पर दर्ज होनी थी, लेकिन अधारताल तहसील में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने इस जमीन को एक फर्जी वसीयत बनाकर अपने पिता श्याम नारायण दुबे के नाम पर ट्रांसफर करवा लिया.
जिसके बाद यह जमीन दीपा दुबे और उनके भाइयों के पास आ गई. जिसे इन लोगों ने मिलकर बेचने की कोशिश की, लेकिन इस बीच शिवचरण पांडे ने इस धोखाधड़ी की शिकायत की. जिसकी जांच में यह पाया गया कि इस मामले में हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जोगेंद्र पिपरी की भूमिका भी संदिग्ध है. इसलिए पुलिस ने तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया.
हड़ताल पर गए तहसीलदार
हरि सिंह धुर्वे की गिरफ्तारी के विरोध में जबलपुर जिले के तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर चले गए हैं. इन लोगों की मांग है कि जब तक हरि सिंह धुर्वे के खिलाफ दर्ज एफआईआर खत्म नहीं की जाती है, तब तक वे काम पर वापस नहीं आएंगे. तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें धारा 229, 318 (4), 336 (3), 338, 340 (2), 61 और 198 बीएनएस शामिल है.अपने पत्र में तहसीलदारों ने पुराने कई मामलों का उल्लेख किया है. जिसम ऐसे ही घटनाक्रम सामने आए हैं, लेकिन उनमें इतनी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई.