जबलपुर : बरगी बांध के 17 गेट खोले जा चुके हैं और बरगी बांध से एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. नर्मदा नदी में बने बरगी बांध की कैचमेंट इलाके में लगातार हो रही बारिश की वजह से बरगी बांध में लगातार पानी का जल स्तर बढ़ता जा रहा है और अतिरिक्त पानी को इन गेटों के माध्यम से छोड़ा जा रहा है. इसकी वजह से नर्मदा नदी में उफान पर है और अपने सामान्य जलस्तर से लगभग 30 फीट ऊपर बह रही है. अस खतरनाक बहाव में की वजह से लोगों को जहां घाटों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है, तो वहीं तैराकों के एक दल ने इसमें छलांग लाग दी.
12 तैराक बने खतरों के खिलाड़ी
जबलपुर जिला प्रशासन ने लोगों को हिदायत दी है कि नर्मदा नदी के किनारों से दूर रहें और जहां भी नदी का पानी आ रहा हो उस जगह से हट जाएं. लेकिन जबलपुर के तैराकों के इस दल ने रविवार को बरगी बांध के ठीक सामने से नर्मदा में छलांग लगा दी और 25 किलोमीटर तैरते हुए ग्वारीघाट पहुंचे. वहीं जिसने भी यह दृश्य देखा उसके रोंगटे खड़े हो गए. गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने लोगों को नर्मदा नदी और उसके घाटों से दूर रहने की अपील की है. इसके बावजूद इन खतरों के खिलाड़ियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उफनती नर्मदा में छलांग लगा दी.
क्या कहना है इनका?
इस दल का नेतृत्व तैराक संजय यादव कर रहे हैं. संजय यादव का कहना है, '' यह यात्रा एक अलग रोमांच पैदा करेगी और एक अलग अनुभव देगी.'' संजय यादव की टीम हर साल 15 अगस्त के पहले जबलपुर के ग्वारीघाट से लेकर तिलवारा घाट तक 6 किलोमीटर नर्मदा में तैरते हुए तिरंगा फहराती है. इस यात्रा में सैकड़ों की तादाद में तैराक हिस्सा लेते हैं और सभी लोग तैरते हुए ग्वारीघाट से तिलवारा घाट तक आते हैं. प्रशासन इस बात को जानता है, शायद इसी वजह से इन तैराकों को बांध के पानी में जाने से रोका नहीं गया.
जानलेवा हो सकते हैं ऐसे स्टंट
गौरतलब है कि बरगी बांध के 17 गेट खोले जाने से लाखों लीटर पानी प्रति सेकंड छोड़ा जा रहा है, इससे नर्मदा उफान पर है और काफी तेज रफ्तार से बह रही है. ऐसे में इसमें सामान्य व्यक्ति का तैरना यानी मौत को दावत देने के बराबर है. हालांकि, जो तैराक उफान में तैराकी कर रहे हैं वे प्रोफेशनल बताए जा रहे हैं. ऐसे में बाकी लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसे स्टंट करने की गलती न करें.