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'रात होते ही बाहर कर देता है जबलपुर मेडिकल कॉलेज का स्टाफ', ठंड में खुले में सो रहे मरीज के परिजन - JABALPUR MEDICAL COLLEGE

जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में मरीज के परिजन खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं. परिजनों ने सुरक्षाकर्मियों पर आरोप लगाए हैं.

jabalpur Medical College
खुले आसमान में रात गुजार रहे मरीज के परिजन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 20, 2024, 3:09 PM IST

Updated : Dec 20, 2024, 3:32 PM IST

जबलपुर: महाकौशल के सबसे बड़े अस्पताल सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के बाहर सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हैं. इन दिनों रात का तापमान चार डिग्री के करीब पहुंच गया है. ऐसी स्थिति में मरीज के साथ आए परिजन खुद बीमारी का शिकार हो रहे हैं. आरोप है कि, नगर निगम की व्यवस्थाएं ना काफी हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास परिजनों को ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है, इन लोगों की मजबूरी का कोई समाधान नहीं है.

खुले आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी
जबलपुर में बीते एक सप्ताह में दिन का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से लेकर 6 डिग्री के बीच में चल रहा है. रात में ठंड कहर बरपा रही हैं. घर के भीतर रहने वाले लोगों को तो ठंड का एहसास हो ही रहा है, जिन लोगों की मजबूरी घर के बाहर रहने की है उनके लिए यह ठंड जानलेवा है. लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों को इस कड़कड़ाती ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोना पड़ रहा है.

खुले आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी (ETV Bharat)

'रात होते ही अस्पताल से बाहर कर देते हैं सुरक्षाकर्मी'
रीवा से अपने पति का इलाज करवाने आईं मालती बाई का कहना है कि, ''उनके पति बीमार हैं और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. वह भी दिन भर मेडिकल के कॉरिडोर में ही रहती हैं, लेकिन रात होते ही मेडिकल का सुरक्षा स्टाफ हमें बाहर कर देता है. मजबूरी में हमें बरामदे में सोना पड़ता है.'' मालती के साथ कुछ बुजुर्ग परिजन हैं, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है. वहीं कुछ बच्चे भी हैं जिनकी उम्र 10 साल से कम है. यह सभी लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजर रहे हैं.

परिजन के रुकने का इंतजाम करवाए प्रशासन
धनवंतरी नगर वार्ड से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद जीतू कटारे का कहना है कि, ''रात की ठंड को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के बाहर अलाव की व्यवस्था तो करवा दी गई है, लेकिन अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिजन के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है. यदि प्रशासन मरीज के साथ आए परिजनों के रुकने के लिए कोई इंतजाम करवा दे तो इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है.''

रेन बसेरों में पहुंचाया जा रहा लोगों को
जबलपुर नगर निगम की आयुक्त प्रीति यादव का कहना है कि, ''ठंड को देखते हुए नगर निगम की एक टीम लगातार सड़कों पर अपने वाहन के साथ चल रही है और जो भी खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हुए नजर आता है उसे रेन बसेरों तक पहुंचाया जा रहा है."' नगर निगम द्वारा जारी जानकारी के अनुसार जबलपुर के आईएसबीटी मेडिकल कॉलेज रेलवे स्टेशन और दमोह नाका के पास रेन बसेरों में खुले में सोने वाले लोगों को पहुंचाया गया है.

जबलपुर: महाकौशल के सबसे बड़े अस्पताल सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के बाहर सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हैं. इन दिनों रात का तापमान चार डिग्री के करीब पहुंच गया है. ऐसी स्थिति में मरीज के साथ आए परिजन खुद बीमारी का शिकार हो रहे हैं. आरोप है कि, नगर निगम की व्यवस्थाएं ना काफी हैं. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास परिजनों को ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है, इन लोगों की मजबूरी का कोई समाधान नहीं है.

खुले आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी
जबलपुर में बीते एक सप्ताह में दिन का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री से लेकर 6 डिग्री के बीच में चल रहा है. रात में ठंड कहर बरपा रही हैं. घर के भीतर रहने वाले लोगों को तो ठंड का एहसास हो ही रहा है, जिन लोगों की मजबूरी घर के बाहर रहने की है उनके लिए यह ठंड जानलेवा है. लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों को इस कड़कड़ाती ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोना पड़ रहा है.

खुले आसमान के नीचे रात बिताने की मजबूरी (ETV Bharat)

'रात होते ही अस्पताल से बाहर कर देते हैं सुरक्षाकर्मी'
रीवा से अपने पति का इलाज करवाने आईं मालती बाई का कहना है कि, ''उनके पति बीमार हैं और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है. वह भी दिन भर मेडिकल के कॉरिडोर में ही रहती हैं, लेकिन रात होते ही मेडिकल का सुरक्षा स्टाफ हमें बाहर कर देता है. मजबूरी में हमें बरामदे में सोना पड़ता है.'' मालती के साथ कुछ बुजुर्ग परिजन हैं, जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है. वहीं कुछ बच्चे भी हैं जिनकी उम्र 10 साल से कम है. यह सभी लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजर रहे हैं.

परिजन के रुकने का इंतजाम करवाए प्रशासन
धनवंतरी नगर वार्ड से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद जीतू कटारे का कहना है कि, ''रात की ठंड को देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के बाहर अलाव की व्यवस्था तो करवा दी गई है, लेकिन अभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में परिजन के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है. यदि प्रशासन मरीज के साथ आए परिजनों के रुकने के लिए कोई इंतजाम करवा दे तो इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है.''

रेन बसेरों में पहुंचाया जा रहा लोगों को
जबलपुर नगर निगम की आयुक्त प्रीति यादव का कहना है कि, ''ठंड को देखते हुए नगर निगम की एक टीम लगातार सड़कों पर अपने वाहन के साथ चल रही है और जो भी खुले आसमान के नीचे रात गुजारते हुए नजर आता है उसे रेन बसेरों तक पहुंचाया जा रहा है."' नगर निगम द्वारा जारी जानकारी के अनुसार जबलपुर के आईएसबीटी मेडिकल कॉलेज रेलवे स्टेशन और दमोह नाका के पास रेन बसेरों में खुले में सोने वाले लोगों को पहुंचाया गया है.

Last Updated : Dec 20, 2024, 3:32 PM IST
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