जबलपुर: आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी ने जबलपुर जेल से भागने की कोशिश की. हालांकि बताया गया कि कैदी जेल से भागने में असफल रहा. लेकिन कैदी ने जेल प्रबंधन को पूरी रात परेशान किया. वह जेल के भीतर ही ऐसे छुप गया की जेल प्रशासन उसे खोज नहीं पाया. इस मामले को लेकर कैदी के खिलाफ जबलपुर के सिविल लाइन थाने में जेल से भागने की कोशिश की शिकायत भी दर्ज करवाई गई है.
2013 से सुभाष चंद्र बोस जेल में बंद है कैदी
जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस जेल में 40 साल के कैदी रमेश कोल 2013 से बंद है. वह कैमूर का रहने वाला है और उसके खिलाफ धारा 363, 366 और 376 के तहत उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. रमेश को इस बात की जानकारी है कि वह अब जेल से नहीं छूट पाएगा. इसलिए रमेश जेल से भागने की कोशिश कर रहा है.
गिनती के समय गायब मिला कैदी
इस मामले को लेकर बताया गया कि बीती रात जेल में बंद सभी कैदियों की गिनती हुई. इस गिनती में रमेश नहीं मिला. जिसके बाद जेल के भीतर सर्च शुरू की गई. लेकिन रमेश की जानकारी नहीं लग पा रही थी. इसको लेकर जेल प्रशासन पूरी रात परेशान रहा कि जेल में ऊंची ऊंची दीवारें हैं, दरवाजा पर लगातार सतर्कता बनी रहती है, जेल के अंदर कैमरे भी लगे हुए हैं. इसके बावजूद कैदी जबलपुर जेल से कैसे भाग सकता है.
झाड़ियों के पीछे रात भर छिपा रहा रमेश
सुभाष चंद्र बोस जेल के भीतर ही एक बहुत बड़ा तालाब है, जिसे कैदियों ने बनाया था. इसके चारों तरफ झाड़ियां उग आई हैं. बताया गया कि रमेश इन्हीं झाड़ियां के पीछे छिप गया. जब झाड़ियों के पीछे जांच की गई तो उसने तालाब के अंदर डुबकी लगा ली और फिर रात भर झाड़ियों में ही वह छुपा रहा. लेकिन जैसे ही सुबह उजाला हुआ तो जांच के दौरान रमेश को पकड़ लिया गया.
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कैदी के खिलाफ मामला दर्ज
जबलपुर जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि "आजीवन कारावास के कैदी ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन प्रहरियों ने बड़ी सतर्कता के साथ लगातार ड्यूटी की. जिससे कैदी भगाने में असफल रहा. सुबह होते ही कैदी को बाउंड्री वॉल के अंदर से ही पकड़ लिया गया है. वहीं, उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है."