जबलपुर: यदि आप बुजुर्ग हैं आपके बच्चे आपके साथ नहीं रहते और आपकी जेब में पैसा है तो आपके लिए सीनियर लिविंग एक बेहतर विकल्प है. 3 स्टार फैसिलिटी की है व्यवस्था, एकदम नया चलन है और इस व्यवस्था में एक बुजुर्ग की जरूरत की सभी व्यवस्थाएं पूरी की जा रही हैं. जबलपुर में शुरू हुए इस प्रयोग में जबलपुर के साथ ही प्रदेश के बाहर के लोग भी आकर रह रहे हैं और लोगों का कहना है कि यह घर से बेहतर है.
बुजुर्गों के लिए सीनियर लिविंग होम
आजकल अच्छी पढ़ाई और अच्छी नौकरी के लिए लोग बड़े पैमाने पर विदेश का रुख कर रहे हैं. सामान्य तौर पर छोटे परिवारों में यदि बच्चे विदेश चले जाते हैं तो बुजुर्ग मां-बाप के सामने अकेलापन बड़ी समस्या बन जाता है. धीरे-धीरे हमारे समाज में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने लगी है जिनके बच्चे विदेश में नौकरी कर रहे हैं और यहां माता-पिता अकेले घरों में रह रहे हैं. जिन लोगों के पास पर्याप्त पैसा है उनके लिए जबलपुर की एक संस्था ने एक विकल्प दिया है इसमें बुजुर्ग दंपत्ति या अकेला बुजुर्ग जिसकी उम्र 60 साल से अधिक है वह चाहे तो उनके सीनियर लिविंग में आकर रह सकता है.
यह होटल नहीं है और ना ही है हॉस्टल है, यह वृद्ध आश्रम भी नहीं है बल्कि यह एक नई किस्म की व्यवस्था है जिसमें बुजुर्गों को 3 स्टार फैसिलिटी की सुविधा दी जा रही हैं. हालांकि इसके लिए बुजुर्गों को अच्छा खासा पैसा भी खर्च करना पड़ रहा है लेकिन जिनके पास पेइंग कैपेसिटी अच्छी है उनके लिए यह बहुत अच्छा विकल्प है.
सीनियर लिविंग होम में 3 स्टार फैसिलिटी
जबलपुर के तिलवारा घाट में तिलवारा पुल के पास यह लगभग 5 एकड़ की प्रॉपर्टी में बना हुआ एक लग्जरी सीनियर लिविंग होम है. इसमें 2 बीएचके और बिग साइज सिंगल बैडरूम का विकल्प है. 2 बीएचके फ्लैट में दो बेडरूम है, छोटा सा किचन है वही सिंगल हाल भी लगभग 400 वर्ग फीट का है. इसमें एक ही कमरे में सारी व्यवस्थाएं दी गई है. इमरजेंसी के लिए टॉयलेट में तक व्यवस्था की गई है ताकि बुजुर्ग यदि किसी समस्या में हो तो तुरंत स्टाफ उन तक पहुंच सके.
खाने से लेकर हर प्रकार की है सुविधा
बुजुर्गों के हिसाब से खाने की व्यवस्था की जाती है इसमें लोग चाहे तो अपने कमरे में भी खाना बुला सकते हैं और मैस में भी खाने की व्यवस्था होती है. पूरी बिल्डिंग एयर कंडीशनर है. पुस्तकालय है पूजा घर है, फिजियोथैरेपी की व्यवस्था है योग की व्यवस्था है टीवी रूम है. घूमने के लिए वाकिंग ट्रैक है, बड़े-बड़े गार्डन हैं. 24 घंटे सुरक्षा की व्यवस्था है, पास में ही नर्मदा जी का किनारा है इसलिए यहां आने वाले लोग इस व्यवस्था से खुश हैं.
'कम्युनिटी के साथ है हर सुविधा'
जबलपुर में रक्षा मंत्रालय संस्थान में क्लास वन ऑफीसर रहे बी डी विश्वकर्मा अपनी पत्नी के साथ यहां रहते हैं. हालांकि वे जबलपुर के ही रहने वाले हैं लेकिन उनके दोनों बच्चे अमेरिका में सेटल हो गए हैं. वे बताते हैं कि "ऐसी स्थिति में उन्हें बुढ़ापे में रोजमर्रा की जीवन के लिए सुविधा चाहिए थी साथ ही उन्हें एक कम्युनिटी चाहिए थी, जिसके साथ वह अपनी बातें शेयर कर सके. यहां उन्हें अपने जैसे ही लोग मिले जिनके साथ में अपनी बातें कर सकते हैं. यहां उनकी जरूरत की सभी चीज हैं इसलिए उन्हें अब बच्चों की जरूरत कम महसूस होती है." यहां ऐसे कई बुजुर्ग हैं इनमें से कुछ लोग अकेले हैं और कुछ लोग दंपति के साथ रह रहे हैं.
ये भी पढ़ें: विदिशा का श्री हरि वृद्धाश्रम, बुजुर्गों पर मां की ममता बरसा रही हैं इंदिरा मानवता की मिसाल बना ये दंपती, वृद्धाश्रम बनाने में लगा दी जीवनभर की पूंजी |
'लोग लगातार कर रहे संपर्क'
इस व्यवस्था के केयरटेकर राजेश्वर मिश्र बताते हैं कि "उनके पास लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं और बहुत से लोग जानकारी ले रहे हैं. मध्य प्रदेश के साथ ही कई बड़े शहरों से भी लोग यहां आकर रहना चाहते हैं क्योंकि अकेलापन लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गया है. वृद्ध आश्रम से हटकर इस व्यवस्था में रहने वाले बुजुर्ग सम्मान और सुविधा के साथ रह रहे हैं."