जबलपुर। जबलपुर में 25 अप्रैल को कबाडखाने में जो विस्फोट हुआ, वह किसी बम का ही था. बुधवार को बम निरोधक दस्ते ने घटनास्थल पर कई जिंदा बम जब्त किए. इनमें से कुछ को डिस्पोज किया गया है और कुछ में ब्लास्ट किया गया है. वहीं इस मामले में आरोपी अभी तक फरार है. बम निरोधक दस्ते ने इस इलाके से तमाम आपत्तिजनक चीजों को अलग कर दिया है.
एनआईए व एनएसजी की जांच जारी
जबलपुर के खजूरी खिरिया में ब्लास्ट के बाद से लगातार बायपास के विस्फोट वाले स्थल पर एनआईए और एनएसजी की टीम जांच कर रही है. यहां पर बमों के खोल के अलावा कुछ ऐसे बम भी मिले हैं, जिनके अंदर बारूद था. जबलपुर पुलिस के एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है "बम डिफ्यूजिंग स्क्वाड ने बुधवार सुबह इस पूरे इलाके को खाली करवाया. कुछ बमों में विस्फोट भी किया गया है. कुछ बमों को डिफ्यूज किया गया है. एनआईए की जांच तो पूरी हो गई है लेकिन इसकी जानकारी जबलपुर पुलिस को नहीं दी गई है."
बैतूल एयरफोर्स सेंटर से लाएगए बम
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि अंदर जो बम मिले हैं वह एयरफोर्स के इस्तेमाल में आने वाले हैं. इन्हें बैतूल के एयरफोर्स के केंद्र पर इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि बम 5 साल पुराने हैं. अब जांच एजेंसियों के सामने सवाल यह है कि आखिर बैतूल में इन बमों को किसने भेजा और ये बैतूल से जबलपुर कैसे आए. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया "अभी तक शमीम रजा को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. उसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि वह कहां है." दूसरी तरफ, जबलपुर में चर्चा गर्म है कि शमीम भारत से बाहर भाग गया है और वह दुबई या पाकिस्तान पहुंच गया है. हालांकि पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है.
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कबाड़खाना मालिक की गतिविधियां संदिग्ध
अब इस मामले में कई सवाल नए पैदा हो गए हैं कि आखिर शमीम बारूद वाले इन बमों के कबाड़ को इकट्ठा क्यों करता था. इनके अंदर की बारूद का क्या किया जाता था लेकिन इस बात से यह जानकारी पुख्ता हो गई है कि उस दिन जो विस्फोट हुआ था वह किसी खतरनाक बम का ही था. इस मामले को पूरी तरह तभी सुलझाया जा सकेगा, जब इस मामले से जुड़े हुए सभी आरोपी पुलिस की पकड़ में आ जाएंगे.