जबलपुर: कोरोना काल के पहले सीनियर सिटीजन को रेलवे ने जो सम्मान दिया था वह रेलवे के इतिहास में पहले कभी नहीं दिया गया था. सीनियर सिटीजंस को टिकट में भारी छूट दी जा रही थी हालांकि अब यह सुविधा बंद कर दी गई है. सीनियर सिटीजंस अभी भी सस्ती रेल यात्रा की मांग करते नजर आते हैं. रेलवे में फिलहाल सीनियर सिटीजंस को केवल लोअर बर्थ अधिकार पूर्वक लेने की पात्रता है.
किसे मानता है रेलवे सीनियर सिटीजन
रेलवे रिजर्वेशन के मामले में रेलवे 60 साल से ऊपर के पुरुष और 58 साल से ऊपर की महिला को सीनियर सिटीजन मानता है. कोरोना काल के पहले तक रेलवे सीनियर सिटीजन को टिकट में 50% तक छूट देता था लेकिन कोरोना काल के बाद यह छूट बंद हो गई.
लोअर बर्थ की पात्रता
रेलवे सीनियर सिटीजंस को टिकट में तो छूट नहीं देता लेकिन सीनियर सिटीजंस को रेलगाड़ी में लोअर बर्थ लेने की पात्रता होती है. यदि कोई बुजुर्ग यात्रा की तैयारी कर रहे हैं तो वह अपनी उम्र के अनुसार लोअर बर्थ की मांग कर सकते हैं. रेलवे उन्हें वरीयता से लोअर बर्थ एलॉट करता है. सीनियर सिटीजंस को अक्सर रेलगाड़ी में मिडिल और अपर बर्थ पर चढ़ने में समस्या होती है इसलिए रेलवे उन्हें लोअर बर्थ मुहैया करवाता है.
चलती गाड़ी में लोअर बर्थ
यदि किसी सीनियर सिटीजन को रिजर्वेशन के दौरान लोअर बर्थ नहीं मिली है और यात्री की यात्रा शुरू हो गई है ऐसी स्थिति में सीनियर सिटीजन चाहे तो टीसी से लोअर बर्थ की मांग कर सकता है. यह मांग उसके अधिकार का हिस्सा है. टिकट कलेक्टर रेलगाड़ी में यदि लोअर बर्थ उपलब्ध है तो वह अलॉट कर सकता है.
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व्हीलचेयर की भी मिलती है सुविधा
हर स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पास व्हीलचेयर होती है और यात्री जरूरत के हिसाब से व्हीलचेयर की मांग कर सकता है जिसे रेलवे पूरा करता है. बड़े स्टेशनों पर जहां एक ही प्लेटफार्म पर एक तरफ से दूसरे तरफ जाने में काफी समय लगता है और दूरी अधिक होती है. इसके अलावा एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए भी समस्या होती है. ऐसी बड़ी स्टेशनों पर आजकल बैटरी चलित वाहन भी उपलब्ध हो गए हैं. बुजुर्ग चाहे तो इनका इस्तेमाल कर सकते हैं. कुछ जगहों पर यह मुफ्त हैं और कुछ जगहों पर इसके लिए पैसा चुकाना पड़ता है.