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नेताजी हमारे हिस्से के 15 करोड़ कहां गए! जबलपुर के विधायक अजय विश्नोई ने दिया हिसाब

Jabalpur Ajay Vishnoi MLA Fund: जबलपुर के पाटन से विधायक अजय विश्नोई ने सरकार से मिलने वाली 15 करोड़ की विधायक निधि का ब्यौरा दिया है. उन्होंने बताया कि यह पैसे उन्होंने कहां-कहां खर्च किये हैं.

jabalpur mla ajay vishnoi
अजय विश्नोई ने सार्वजनिक की विधायक निधि
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 26, 2024, 5:44 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 5:51 PM IST

विधायक अजय विश्नोई

जबलपुर। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के हर विधायक को 15-15 करोड़ रूपया दिया है. इस 15 करोड रुपए से विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने हैं. लेकिन आम जनता को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके विधायक के पास विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए इतनी बड़ी रकम आई है. वहीं, कांग्रेस विधायकों को मात्र पांच-पांच करोड़ रूपया मिला है, लेकिन विधायक पैसे का क्या कर रहे हैं यह जानकारी किसी ने सार्वजनिक नहीं की. जबलपुर में पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय बिश्नोई ने इस पैसे को लेकर अपनी पूरी कार्य योजना पेश की.

अजय विश्नोई ने सार्वजनिक की विधायक निधि

जबलपुर में भी भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक हैं, लेकिन केवल अजय विश्नोई ने अपनी विधायक निधि के बारे में जानकारी सार्वजनिक की. अजय बिश्नोई का कहना है कि ''उन्होंने बीते 100 दिनों के भीतर 95 ग्राम पंचायतों को 14-14 लाख रुपया सामुदायिक भवन बनाने के लिए स्वीकृत किया है. वहीं, 40 ग्राम पंचायत में 55 लाख रुपए के सामुदायिक भवन स्वीकृत किए गए हैं. कुछ बड़े इलाके जैसे कटंगी नगर पंचायत में 52 लाख का सामुदायिक भवन, मझोली जनपद पंचायत में 50 लाख रुपए का भवन और पाटन में 40 लाख रुपए का भवन स्वीकृत किया गया है. इसके साथ ही कई ग्राम पंचायत में ₹2,00000 की लागत से 800 वर्ग फुट के चबूतरे भी बनाए जा रहे हैं.''

विकास कार्यों के लिए मिलती है विधायक निधि

विधायक निधि के जरिए ज्यादातर विधायक बड़े काम करवाते हैं. जाहिर सी बात है बड़े कामों में एक एजेंसी होती है, एक ठेकेदार होता है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश बन जाती है. जबकि जनता की जरूरत छोटे-छोटे कामों की ज्यादा होती है. किसी के मोहल्ले की सड़क खराब है, किसी की पुलिया खराब है, कहीं पानी की समस्या है, कहीं नाली खराब है, जनता ऐसी समस्याओं से दो-चार होती रहती है और उनके आसपास बड़े-बड़े विकास कार्य चलते रहते हैं. इन विकास कामों को नेता अपने भाषणों में गिनवाते भी हैं लेकिन जनता की मूलभूत ज़रूरतें इन विकास कामों से पूरी नहीं होती. जाहिर सी बात है कि छोटे विकास कामों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम रहती है इसलिए नेताजी का ध्यान भी छोटे कामों पर काम रहता है.

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कांग्रेस विधायकों को दिये केवल 5-5 करोड़

मोहन यादव सरकार ने यह तो अच्छा किया कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को 15 15 करोड रुपए विकास काम के लिए दिए. लेकिन कांग्रेस के विधायकों को केवल पांच पांच करोड़ रूपया देना लोकतांत्रिक न्याय नहीं है. क्योंकि चुनाव जीतने के बाद जो सरकार बनती है वह सबके लिए बनती है. उसमें पार्टीगत सौतेलापन रखना जनता के साथ बेईमानी है और यदि मुख्यमंत्री पैसे बांट रहे थे तो उन्हें सभी को बराबर पैसे देने चाहिए थे.

विधायक अजय विश्नोई

जबलपुर। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के हर विधायक को 15-15 करोड़ रूपया दिया है. इस 15 करोड रुपए से विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य करवाने हैं. लेकिन आम जनता को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके विधायक के पास विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए इतनी बड़ी रकम आई है. वहीं, कांग्रेस विधायकों को मात्र पांच-पांच करोड़ रूपया मिला है, लेकिन विधायक पैसे का क्या कर रहे हैं यह जानकारी किसी ने सार्वजनिक नहीं की. जबलपुर में पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय बिश्नोई ने इस पैसे को लेकर अपनी पूरी कार्य योजना पेश की.

अजय विश्नोई ने सार्वजनिक की विधायक निधि

जबलपुर में भी भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक हैं, लेकिन केवल अजय विश्नोई ने अपनी विधायक निधि के बारे में जानकारी सार्वजनिक की. अजय बिश्नोई का कहना है कि ''उन्होंने बीते 100 दिनों के भीतर 95 ग्राम पंचायतों को 14-14 लाख रुपया सामुदायिक भवन बनाने के लिए स्वीकृत किया है. वहीं, 40 ग्राम पंचायत में 55 लाख रुपए के सामुदायिक भवन स्वीकृत किए गए हैं. कुछ बड़े इलाके जैसे कटंगी नगर पंचायत में 52 लाख का सामुदायिक भवन, मझोली जनपद पंचायत में 50 लाख रुपए का भवन और पाटन में 40 लाख रुपए का भवन स्वीकृत किया गया है. इसके साथ ही कई ग्राम पंचायत में ₹2,00000 की लागत से 800 वर्ग फुट के चबूतरे भी बनाए जा रहे हैं.''

विकास कार्यों के लिए मिलती है विधायक निधि

विधायक निधि के जरिए ज्यादातर विधायक बड़े काम करवाते हैं. जाहिर सी बात है बड़े कामों में एक एजेंसी होती है, एक ठेकेदार होता है और भ्रष्टाचार की गुंजाइश बन जाती है. जबकि जनता की जरूरत छोटे-छोटे कामों की ज्यादा होती है. किसी के मोहल्ले की सड़क खराब है, किसी की पुलिया खराब है, कहीं पानी की समस्या है, कहीं नाली खराब है, जनता ऐसी समस्याओं से दो-चार होती रहती है और उनके आसपास बड़े-बड़े विकास कार्य चलते रहते हैं. इन विकास कामों को नेता अपने भाषणों में गिनवाते भी हैं लेकिन जनता की मूलभूत ज़रूरतें इन विकास कामों से पूरी नहीं होती. जाहिर सी बात है कि छोटे विकास कामों में भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम रहती है इसलिए नेताजी का ध्यान भी छोटे कामों पर काम रहता है.

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Last Updated : Feb 26, 2024, 5:51 PM IST
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