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रेलवे की जमीन के बदले जॉब नीति बदली, किसानों को नहीं मिलेगा लाभ, इन रेल लाइनों पर असर - Railway New Land Job Policy

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 10:34 AM IST

Updated : Aug 19, 2024, 11:19 AM IST

मध्य प्रदेश में बनने वाली जबलबुर-इंदौर रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में एक नया मोड़ आ गया है. जमीन के बदले रेलवे में नौकरी के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे 1400 किसानों को मायूस होना पड़ सकता है. इस वजह से नई रेल लाइन के काम में असर पड़ रहा है.

Jabalpur Indore Rail Line
जमीन के बदले नौकरी मामले में नया मोड़ (ETV Bharat)

जबलपुर: ललितपुर सिंगरौली और रीवा सतना के बीच में बनने वाली रेल लाइन में भूमि के बदले नौकरी के मामले में लगभग 1400 किसानों को रेलवे ने नौकरी नहीं दी है और इसका असर जबलपुर इंदौर के बीच में डाली जाने वाली नई लाइन पर भी पड़ रहा है. इस क्षेत्र के सांसद दर्शन सिंह का कहना है कि "यदि रेलवे ने अपनी नीति में परिवर्तन किया होगा तो वह रेल मंत्री से चर्चा करेंगे." रेलवे भले ही दावा कर रहा हो कि वह नई रेल लाइनों का सर्वे कर रहा है और नई रेल लाइन शुरू की जाएगी. इनमें मध्य प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में दो रेल रूट है.

नौकरी के वादे मुकरा रेलवे

सिंगरौली से लेकर ललितपुर के बीच में एक रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. इस रेल लाइन में जब जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी. तब तक रेलवे की योजना में यह बात शामिल थी कि जिस किसान की जमीन रेल अपने उपयोग में ले रहा है. उस किसान के परिवार के एक काबिल सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी, लेकिन यहां सैकड़ों किसानों से रेलवे ने जमीन तो ले ली, लेकिन नौकरी के दावे पर रेलवे खरा नहीं उतरा, बल्कि एक मामले में तो रेलवे ने हाई कोर्ट तक से ये कहा कि अब रेलवे जमीन के अधिग्रहण में नौकरी नहीं दे पाएगा.

भूमि अधिग्रहण की नीति में परिवर्तन

रेलवे की भूमि अधिग्रहण की नीति के परिवर्तन की वजह से जबलपुर गाडरवारा बुधनी इंदौर परियोजना पर भी पड़ रहा है. नर्मदापुरम सांसद और किसान नेता दर्शन सिंह का कहना है कि "उनकी जानकारी में अभी यह बात नहीं है कि रेलवे ने अपनी नीति में परिवर्तन किया है, लेकिन यदि ऐसा हुआ होगा तो वह रेल मंत्री से चर्चा करेंगे. हालांकि, अभी तक इस रेलवे रूट की जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू नहीं हुआ है.

यहां पढ़ें...

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नौकरी देने पर फिलहाल लगी रोक

जमीन के बदले नौकरी की नीति की वजह से जिन स्थानों पर रेलवे भूमि का अधिग्रहण कर रहा था. वहां लोगों ने अपने दूर के रिश्तेदारों तक को जमीन में भागीदार बना दिया. ऐसी स्थिति में रेलवे के सामने नई समस्या खड़ी हो गई. इसी वजह से रेलवे ने ललितपुर सिंगरौली के बीच में बनने वाली रेल लाइन के लगभग 1400 उम्मीदवारों को नौकरी देने पर फिलहाल रोक लगा दी है.

जबलपुर: ललितपुर सिंगरौली और रीवा सतना के बीच में बनने वाली रेल लाइन में भूमि के बदले नौकरी के मामले में लगभग 1400 किसानों को रेलवे ने नौकरी नहीं दी है और इसका असर जबलपुर इंदौर के बीच में डाली जाने वाली नई लाइन पर भी पड़ रहा है. इस क्षेत्र के सांसद दर्शन सिंह का कहना है कि "यदि रेलवे ने अपनी नीति में परिवर्तन किया होगा तो वह रेल मंत्री से चर्चा करेंगे." रेलवे भले ही दावा कर रहा हो कि वह नई रेल लाइनों का सर्वे कर रहा है और नई रेल लाइन शुरू की जाएगी. इनमें मध्य प्रदेश में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में दो रेल रूट है.

नौकरी के वादे मुकरा रेलवे

सिंगरौली से लेकर ललितपुर के बीच में एक रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. इस रेल लाइन में जब जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी. तब तक रेलवे की योजना में यह बात शामिल थी कि जिस किसान की जमीन रेल अपने उपयोग में ले रहा है. उस किसान के परिवार के एक काबिल सदस्य को रेलवे में नौकरी दी जाएगी, लेकिन यहां सैकड़ों किसानों से रेलवे ने जमीन तो ले ली, लेकिन नौकरी के दावे पर रेलवे खरा नहीं उतरा, बल्कि एक मामले में तो रेलवे ने हाई कोर्ट तक से ये कहा कि अब रेलवे जमीन के अधिग्रहण में नौकरी नहीं दे पाएगा.

भूमि अधिग्रहण की नीति में परिवर्तन

रेलवे की भूमि अधिग्रहण की नीति के परिवर्तन की वजह से जबलपुर गाडरवारा बुधनी इंदौर परियोजना पर भी पड़ रहा है. नर्मदापुरम सांसद और किसान नेता दर्शन सिंह का कहना है कि "उनकी जानकारी में अभी यह बात नहीं है कि रेलवे ने अपनी नीति में परिवर्तन किया है, लेकिन यदि ऐसा हुआ होगा तो वह रेल मंत्री से चर्चा करेंगे. हालांकि, अभी तक इस रेलवे रूट की जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू नहीं हुआ है.

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नौकरी देने पर फिलहाल लगी रोक

जमीन के बदले नौकरी की नीति की वजह से जिन स्थानों पर रेलवे भूमि का अधिग्रहण कर रहा था. वहां लोगों ने अपने दूर के रिश्तेदारों तक को जमीन में भागीदार बना दिया. ऐसी स्थिति में रेलवे के सामने नई समस्या खड़ी हो गई. इसी वजह से रेलवे ने ललितपुर सिंगरौली के बीच में बनने वाली रेल लाइन के लगभग 1400 उम्मीदवारों को नौकरी देने पर फिलहाल रोक लगा दी है.

Last Updated : Aug 19, 2024, 11:19 AM IST
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