जबलपुर। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी सरकार के माध्यम से हिंदू धार्मिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने की तैयारी कर रही है. नर्मदा नदी की परिक्रमा करने वाले हिंदू धर्मावलंबियों के लिए अब सरकार रैन बसेरे बनाने जा रही है. धार्मिक पर्यटन के लिए हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज का इस्तेमाल किया जा रहा है. राम वन गमन पथ के अलावा नदियों के तटों को भी विकसित करने की योजना सरकार बना रही है.
दुनिया की एकमात्र नदी जिसकी परिक्रमा की जाती है
ऐसा कहा जाता है की नर्मदा ही एकमात्र ऐसी नदी है जिसकी परिक्रमा होती है और केवल मध्य प्रदेश के ही नहीं बल्कि देश के कई इलाकों से लोग नर्मदा परिक्रमा करने के लिए आते हैं. इनमें से कुछ लोग नर्मदा नदी के किनारे किनारे चलते हैं. यह एक बड़ी धार्मिक परिक्रमा है, इसमें नर्मदा परिक्रमा करने वाला कहीं भी नर्मदा नदी को पार करके नहीं जाता. वह जिस तरफ चलता है उसी तरफ चला चला जाता है. समुद्र में से खंभात की खाड़ी में पर किया जाता है और अमरकंटक में जहां नर्मदा का उदय हुआ है वहां से परिक्रमा वास परिक्रमा करते हैं.
नर्मदा परिक्रमा करने वालों के लिए रैन बसेरे
हजारों लोग नर्मदा की परिक्रमा पैदल करते हैं. पैदल परिक्रमा करने वाले ज्यादातर लोग या तो धर्मशालाओं में रुकते हैं या फिर वे घाट किनारे ही रात बिताते हैं. मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री लक्ष्मण सिंह लोधी का कहना है कि ''सरकार अब नर्मदा की पैदल परिक्रमा करने वाले धर्म प्रेमियों के लिए नर्मदा नदी के किनारे हर 25 किलोमीटर पर एक रैन बसेरा बनाने जा रही है, जिसमें नर्मदा की पैदल परिक्रमा करने वाले लोग रुक सकेंगे.''
राम वन गमन पथ भी बनेगा
वहीं, मध्य प्रदेश में राम वन गमन पथ को लेकर भी राज्य सरकार ने 137 करोड रुपए की योजना बनाई है. इसमें जिन स्थानों पर भी भगवान राम के आने के बारे में जानकारी है उन सभी का विकास किया जाएगा. उज्जैन की तर्ज पर ओरछा मंदिर का भी विकास किया जा रहा है. राज्य सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसमें हेलीकॉप्टर और छोटे हवाई जहाज का भी इस्तेमाल करने जा रही है, इसके तहत जबलपुर को चित्रकूट से जोड़ा जा रहा है. हालांकि यह प्रयास इसके पहले भी हो चुका है. इसका कितना फायदा मिलेगा, इससे कितना पर्यटन बढ़ेगा, धार्मिक पर्यटन से लोगों को रोजगार मिलता है, यह तो देखना होगा. यदि दूसरे रोजगार के जरिए पैदा नहीं हो रहे हैं तो कम से कम सरकार को धार्मिक पर्यटन को इस स्तर तक बढ़ाना चाहिए जिससे इसमें बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सकें.