जबलपुर। बारिश शुरू होते ही वायरल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इस बार केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र में जीका वायरस के मामले सामने आने के बाद देशभर में एक एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि मच्छरों पर नियंत्रण रखें, क्योंकि जीका वायरस मच्छरों के जरिए फैलता है. वहीं, दूसरी तरफ जबलपुर में नगर निगम में 2000 सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है इसलिए जबलपुर में जीका वायरस को लेकर चिंता बढ़ गई है. गुरुवार को कांग्रेसी पार्षदों ने इसको लेकर हंगामा किया है.
ये हैं जीका वायरस के लक्षण
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में जीका वायरस के 6 मामले सामने आए हैं. हालांकि जीका वायरस जानलेवा वायरस नहीं है. जीका वायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, हाथ-पैर में जकड़न, जुकाम व त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. जीका वायरस मच्छर के काटने से फैलता है. इस वायरस का सबसे ज्यादा नुकसान गर्भवती महिलाओं को होता है. जीका वायरस का प्रकोप यदि किसी महिला के शरीर में बढ़ जाए तो उसका बच्चा छोटे दिमाग का पैदा होता है. वहीं गर्भपात की भी संभावना बन जाती है इसलिए यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है. इस वायरस की भी कोई दवा नहीं है.
जबलपुर से होती है बड़ी बीमारियों की शुरुआत
चिकनगुनिया, कोरोना वायरस जैसी बड़ी-बड़ी बीमारियों की शुरुआत जबलपुर से हुई थी. वहीं दूसरी तरफ जबलपुर में पानी की निकासी के बहुत अच्छे इंतजाम नहीं हैं और शहर की बनावट कटोरा जैसी है इसलिए यहां बरसात में कई जगह पानी भर जाता है और इनमें मच्छर पनपते हैं. यदि मच्छरों से जुड़ी हुई कोई बीमारी वातावरण में आती है तो इसका फैलाव जबलपुर में बहुत तेजी से होता है इसलिए जीका वायरस को लेकर जबलपुर में कुछ ज्यादा सतर्कता रखना जरूरी है.
सफाई को लेकर कांग्रेसी पार्षदों ने किया हंगामा
वहीं, दूसरी ओर जबलपुर में नगर निगम में निजी ठेकेदार और कर्मचारियों के बीच में विवाद हो गया है. इसकी वजह से जबलपुर की सफाई बीते 2 दिनों से नहीं हो पा रही है. इसी के चलते जबलपुर नगर निगम में गुरुवार को कांग्रेसी पार्षदों ने हंगामा भी किया. इन लोगों का कहना है कि नगर निगम सत्ता में बैठे हुए लोग अपने कमीशन के चक्कर में शहर को गंदगी में झोंक रहे हैं. हालांकि जबलपुर स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य संचालक डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि "संक्रामक बीमारियों को लेकर उनका अमला पूरी तरह से सतर्क है और अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. जबलपुर का मलेरिया विभाग मच्छरों के नियंत्रण को लेकर लगातार मॉनिटरिंग करता रहता है और जिस इलाके में मच्छर ज्यादा पनपते हैं, वहां तुरंत नियंत्रण का काम किया जाता है."