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तीन दिन में चालानी कार्रवाई से वसूले 45 लाख, मोटर व्हीकल एक्ट मामले में सरकार ने फिर कोर्ट को दिया ब्यौरा

Motor vehicle act petition : जबलपुर हाईकोर्ट में लगातार मोटर व्हीकल एक्ट मामले में लगी याचिका पर सुनवाई हो रही है, कोर्ट लगातार सरकार से जवाब तलब कर रही है.

Motor vehicle act petition jabalpur highcourt
तीन दिन में चालानी कार्रवाई से वसूले 45 लाख
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 5, 2024, 6:28 AM IST

जबलपुर. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित करने के संबंध में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का ब्यौरा हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया. सरकार की ओर से जिले अनुसार चालानी कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत की गई. युगलपीठ को बताया गया कि विगत तीन दिनों में नियम का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ चालानी कार्रवाई करते हुए 45 लाख से अधिक की राशि वसूली गई है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ग्वालियर हाईकोर्ट में ऐश्वर्या शांडिल्य नाम की एक छात्रा ने सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर इस याचिका को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ जबलपुर ट्रांसफर कर दिया गया. याचिका में कहा गया कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते और ट्रैफिक नियमों का पालन करते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. इसी याचिका पर कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सरकार पर कई बार नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार भी लगाई है.

हेलमेट, सीटबेल्ट व सिक्योरिटी नंबर प्लेट के कटे चालान

हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट मित्र अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हेलमेट, सीटबैल्ट व हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं होने पर चालानी कार्रवाई करते हुए 45 लाख से अधिक की वसूली किए जाने की जानकारी प्रस्तुत की गई. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो दिन बाद 6 मार्च को निर्धारित की है.

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कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

पूर्व में हुई सुनवाई में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने टू व्हीलर्स चलाने वालों के लिए हेलमेट और फोर व्हीलर्स में सीट बेल्ट लगाने की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए थे. मोटर व्हीकल एक्ट में भी ये नियम हैं, जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी. इसी याचिका पर कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सरकार पर कई बार नाराजगी जताते हुए परिवहन आयुक्त और एडीजीपी पुलिस मुख्यालय तक को नोटिस जारी कर चुका है.

जबलपुर. मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित करने के संबंध में सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का ब्यौरा हाईकोर्ट (Jabalpur Highcourt) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत किया गया. सरकार की ओर से जिले अनुसार चालानी कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत की गई. युगलपीठ को बताया गया कि विगत तीन दिनों में नियम का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ चालानी कार्रवाई करते हुए 45 लाख से अधिक की राशि वसूली गई है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ग्वालियर हाईकोर्ट में ऐश्वर्या शांडिल्य नाम की एक छात्रा ने सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर इस याचिका को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ जबलपुर ट्रांसफर कर दिया गया. याचिका में कहा गया कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते और ट्रैफिक नियमों का पालन करते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. इसी याचिका पर कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सरकार पर कई बार नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार भी लगाई है.

हेलमेट, सीटबेल्ट व सिक्योरिटी नंबर प्लेट के कटे चालान

हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट मित्र अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से हेलमेट, सीटबैल्ट व हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं होने पर चालानी कार्रवाई करते हुए 45 लाख से अधिक की वसूली किए जाने की जानकारी प्रस्तुत की गई. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो दिन बाद 6 मार्च को निर्धारित की है.

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कोर्ट ने अधिकारियों को लगाई फटकार

पूर्व में हुई सुनवाई में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने टू व्हीलर्स चलाने वालों के लिए हेलमेट और फोर व्हीलर्स में सीट बेल्ट लगाने की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किए थे. मोटर व्हीकल एक्ट में भी ये नियम हैं, जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता. मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी. इसी याचिका पर कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सरकार पर कई बार नाराजगी जताते हुए परिवहन आयुक्त और एडीजीपी पुलिस मुख्यालय तक को नोटिस जारी कर चुका है.

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